-साइबर क्राइम सेल व वजीरगंज पुलिस की संयुक्त टीम ने घेराबंदी कर दबोचा

-नीली बत्ती लगी कार, फर्जी आईकार्ड, भारी संख्या में फर्जी लेटर बरामद

LUCKNOW: साइबर क्राइम सेल व वजीरगंज पुलिस की संयुक्त टीम ने रविवार को हजरतगंज एरिया में घेराबंदी कर तीन जालसाजों को दबोच लिया। गिरफ्त में आए अभियुक्त कार में नीली बत्ती लगाकर भोले-भाले लोगों को अपना शिकार बनाते थे। वे खुद को पीसीएस ऑफिसर बताकर उन्हें ठेके दिलाने व अन्य काम कराने का दावा करते और रकम ऐंठकर फरार हो जाते थे। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से नीली बत्ती लगी कार, फर्जी आईकार्ड, भारी संख्या में फर्जी लेटर बरामद किया है।

ऐंठ लिये 9.61 लाख रुपये

साइबर क्राइम सेल के नोडल ऑफिसर अशोक कुमार वर्मा के मुताबिक, मडि़यांव के केशवनगर निवासी रूपरानी सिन्हा ने शिकायत की थी कि खुद को पीसीएस ऑफिसर बताने वाले कमल अवस्थी और केडी सिंह व उनके ड्राइवर मोनू ने उन्हें केंद्र सरकार द्वारा जनसंख्या जागरूक्ता की पट्टिकाएं लगाने का करोड़ों का ठेका दिलवा सकता है। इसके एवज में उन्होंने रूपरानी से 9.61 लाख रुपये रिश्वत के नाम पर ऐंठ लिये। जब काफी दिनों तक ठेका नहीं मिला तो रूपरानी ने उनसे अपनी रकम का तगादा किया। इस पर आरोपियों ने उन्हें धमका कर भगा दिया। डीएसपी वर्मा ने बताया कि शिकायत मिलने पर उन्होंने सेल में तैनात एसआई विजयवीर सिंह सिरोही, कॉन्सटेबल फिरोज बदर और टीम को मामले की जांच का आदेश दिया।

कईयों को लगाया चूना

साइबर सेल टीम ने आरोपियों के नंबर सर्विलांस पर लिये और रविवार शाम हजरतगंज एरिया में नीली बत्ती लगी स्विफ्ट डिजायर कार से जा रहे तीनों आरोपियों को दबोच लिया। पकड़े जाने पर पता चला कि कमल अवस्थी का असली नाम इटौंजा निवासी रामकृपाल द्विवेदी, केडी सिंह का असली नाम हरदोई निवासी कुलदीप रस्तोगी और ड्राइवर मोनू का असली नाम इटौंजा निवासी तरुण है। पूछताछ के दौरान आरोपियों ने बताया कि उन्होंने देवीप्रसाद गुप्ता से 6 लाख रुपये वसूलकर उनकी दुकान व पेट्रोल पंप में एटीएम लगवाने का झांसा दिया था। डीएसपी वर्मा ने बताया कि आरोपियों द्वारा अब तक अंजाम दी गई वारदातों की पड़ताल की जा रही है।

Posted By: Inextlive