चौक भूतनाथ मार्केट टेढ़ी पुलिया आलमबाग बादशाह नगर मुंशी पुलिया महानगर निशातगंज पॉलीटेक्निक चारबाग कृष्णानगर नहरिया आदि जगहों पर सबसे ज्यादा ई-रिक्शा दौड़ते ही हैं। साथ ही बैन की गई जगहों पर भी सबसे ज्यादा ई-रिक्शा दौड़ते है।


लखनऊ (ब्यूरो)। राजधानी में ई-रिक्शा चालकों की अराजकता ट्रैफिक पुलिस के लिए सिरदर्द बनी हुई है। ये ई-रिक्शा चालक शहर की विभिन्न मार्केट, चौराहे, मेट्रो स्टेशन, बस स्टैंड समेत अन्य जगहों के पास बीच सड़क खड़े रहते हैं, इससे ट्रैफिक रुकता चला जाता है और जाम की समस्या बन जाती है। ये बात लखनऊ ट्रैफिक पुलिस की स्टडी में सामने आई है। जिसे देखते हुए अब ट्रैफिक पुलिस ने आरटीओ को लेटर लिखकर कहा है कि ई-रिक्शा का रजिस्ट्रेशन पूरी तरह से बंद किया जाए। आरटीओं ने भी इसपर एक्शन लिया है और ई-रिक्शा का रजिस्ट्रेशन बंद करने के लिए ब्लूपिं्रट तैयार करने में जुट गया है। अधिकारियों ने बताया कि जल्द ही इसे लागू कर दिया जाएगा।इसलिए बंद होंगे रजिस्ट्रेशन


रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिस (आरटीओ) के आंकड़ों के मुताबिक, राजधानी में लगभग 35 हजार रजिस्टर्ड ई-रिक्शा हैं। ये सभी शहर के अलग-अलग रूटों पर चलते हैं। इन्हें लेकर ट्रैफिक पुलिस ने हाल ही में एक स्टडी की है, जिसमें यह बात निकलकर सामने आई कि सबसे ज्यादा जाम इन ई-रिक्शा की वजह से ही लगता है। स्टडी में सामने आया कि ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करना, कहीं भी रिक्शा खड़ा कर देना, रूट पर बैन के बावजूद ई-रिक्शा दौड़ाना, कहीं भी सवारी उतरना-बिठाना, नाबालिगों का भी रिक्शा चलाना आदि की वजह से मुश्किलें खड़ी होती हैं। लिमिट से ज्यादा ई-रिक्शा सड़कों पर मौजूद होने से समस्या और विकट हो गई है। इसी के चलते अब ट्रैफिक पुलिस की तरफ से ई-रिक्शा का रजिस्ट्रेशन बंद करने लिए आरटीओ को लेटर लिखा गया है।अन्य शहरों के भी ई-रिक्शाट्रैफिक पुलिस अधिकारियों ने बताया कि उनकी स्टडी में यह बात सामने आई है कि रजिस्टर्ड ई-रिक्शा तो शहर में चलते ही चलते हैं। साथ ही दूसरे शहरों के भी ई-रिक्शा शहर में एंट्री कर रहे हैं, जिसका कई बार कोई रिकार्ड नहीं होता। ऐसे में अगर कोई बड़ा हादसा हो जाए तो इनका कोई ऑफिशियल रिकार्ड नहीं होता। जिस वजह से ये हमेशा पुलिस और ट्रैफिक पुलिस के लिए सिरदर्द बने रहते हैं। हालांकि, नियमों का उल्लंघन करने वाले ई-रिक्शा चालकों का चालान भी काटा जाता है। साथ ही कई बार ये सीज भी किए जाते हैं, बावजूद इनकी संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। इसलिए इनपर रोक लगाना बहुत जरूरी है।इन-इन रूटों पर बैन हैं ई-रिक्शा- हजरतगंज चौराहे से बंदरिया बाग चौराहे तक- हजरतगंज से परिवर्तन चौक अलफा, मेफेयर, वाल्मिकी तिराहा, प्रेस क्लब से बाबू स्टेडियम तक- बंदरिया बाग चौराहे से पॉलिटेक्निक चौराहा

- अमौसी से बाराबिरवा आने-लाने वाला मार्ग- अहिमामऊ से अर्जुनगंज बाजार रमजन चौकी से कटाई पुल से लाल बत्ती चौराहे तक- बादशाह नगर चौराहे से लेखराज व भूतनाथ से लेकर पॉलिटेक्निक चौराहा- कमता शहीद पथ तिराहे से शहीद मोड़ व कानपुर शहीद पथ- पिकअप ढाल से इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान से विजय नगर अंडर पास- इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान चौराहे से हाईकोर्ट गेट नंबर तीन तकबैन जगहों पर भी दौड़ते हैं ई-रिक्शाबता दें कि चौक, भूतनाथ मार्केट, टेढ़ी पुलिया, आलमबाग, बादशाह नगर, मुंशी पुलिया, महानगर, निशातगंज, पॉलीटेक्निक, चारबाग, कृष्णानगर, नहरिया आदि जगहों पर सबसे ज्यादा ई-रिक्शा दौड़ते ही हैं। साथ ही बैन की गई जगहों पर भी सबसे ज्यादा ई-रिक्शा दौड़ते है। इनको पुलिस का कोई डर नहीं होता।एक नजर में जानिए स्टडी- नियमों का उल्लंघन करना- कहीं भी रिक्शा खड़ा कर देना- रूट पर बैन के बावजूद चलना- कहीं भी सवारी उतारना-बिठाना- नाबालिगों का भी ई-रिक्शा चलानाफैक्ट फाइल- 35 हजार से ज्यादा शहर में ई-रिक्शा रजिस्टर्ड- 60 हजार से ज्यादा चल रहे ई-रिक्शा- 10 से अधिक मागों पर बैन हैं ई-रिक्शा

शहर में दौडऩे वाले ई-रिक्शा ट्रैफिक पुलिस के लिए सिरदर्द बने हुए हैं, जिसे लेकर आरटीओ को लेटर लिखा गया है। अपील की गई है कि अब ई-रिक्शा का रजिस्ट्रेशन न किया जाए, ताकि शहर में जाम की समस्या से लोगों को निजात दिलाई जा सके।-रईस अख्तर, डीसीपी ट्रैफिक, लखनऊशहर में लगभग 35 हजार ई-रिक्शा रजिस्टर्ड हैं। इनकी वजह से कई बार जाम की समस्या बन जाती है। साथ ही ट्रैफिक पुलिस विभाग की तरफ से ई-रिक्शा का रजिस्ट्रेशन न करने को लेकर लेटर आया है। ऐसे में अब इसे लेकर ब्लूप्रिंट तैयार किया जा रहा है, जल्द ही इसे लागू कर दिया जाएगा।-अखिलेश द्विवेदी, एआरटीओ, प्रशासन सुरक्षा मानकों की हो रही अनदेखीशहर की सड़कों पर ई-रिक्शा चालक सुरक्षा मानकों की अनदेखी कर रहे हैं। कई ओवरलोडिंग कर रहे हैं तो कई बैन एरिया में ई-रिक्शा दौड़ा रहे हैं। हादसों की वजह बनने के साथ-साथ लोगों को इनके चलते काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। कई बार ट्रैफिक पुलिस और आरटीओ द्वारा अभियान चलाकर इनको अवेयर भी किया जाता है, बावजूद इसके नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। नियम के मुताबिक, एक ई-रिक्शा पर चार सवारी ही बिठा सकते हैं, लेकिन अधिकतर चालक इसे फालो नहीं कर रहे।25 किमी स्पीड होती है तय
अधिकारियों ने बताया कि शहर में ई-रिक्शा को चलाने के लिए 25 किलोमीटर की स्पीड तय की गई है, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। अमूमन वे 40 की स्पीड से चलाते हैं, ऐसे में यह गाड़ी हल्की होने की वजह से हादसे का खतरा मंडराता रहता है। इसके अलावा कई स्कूलों की तरफ से बच्चों को लाने और ले जाने के लिए इन ई-रिक्शा को हायर किया गया होता हैं, जबकि इसमें सेफ्टी न के बराबर होती है।

Posted By: Inextlive