ट्रक ड्राइवर ने सबसे पहले देखी थी डेडबॉडी
ट्रक ड्राइवर ने सबसे पहले देखी थी डेडबॉडी
-करीब डेढ़ महीने बाद आखिरकार सीबीआई ने खोजा -सीबीआई टीम ने ड्राइवर को साथ लेकर री-क्रियेट किया क्राइम सीन -आईएएस अनुराग तिवारी की रहस्यमय हालात में मौत का मामला i exclusive pankaj.awasthi@inext.co.in LUCKNOW : आईएएस अनुराग तिवारी की सरेराह रहस्यमय हालात में हुई मौत की जांच कर रही सीबीआई टीम ने सबसे पहले डेडबॉडी देखने वाले पहले शख्स को करीब डेढ़ महीने बाद आखिरकार ढूंढ निकाला। सीबीआई टीम ने उसके साथ घटनास्थल पर क्राइम सीन री-क्रियेट किया और हालात को समझने की कोशिश की। आसपास के दुकानदारों से भी पूछताछ की। करीब एक घंटे तक घटनास्थल पर रहने के बाद टीम वापस लौट गई। ट्रक के सामने पड़ी थी लाशसीबीआई टीम मंगलवार दोपहर करीब 1.15 बजे मीराबाई मार्ग स्थित वीआईपी गेस्ट हाउस के सामने पहुंची थी। करीब एक दर्जन मेंबर्स वाली टीम अपने साथ उन्नाव निवासी ट्रक ड्राइवर प्रदीप को भी लाई थी। बता दें गत 17 मई को तड़के आईएएस अनुराग तिवारी की लाश रोड किनारे खड़े ट्रक के ठीक सामने ही पड़ी थी। प्रदीप ने टीम को बताया कि वह 16 मई की देररात जवाहर भवन स्थित कर्मचारी कल्याण निगम की कैंटीन का सामान ट्रक में लोड कर पहुंचा था। सामान सुबह कैंटीन खुलने पर ही अनलोड होना था, इसलिए, जवाहर भवन पावरहाउस के सामने रोड किनारे ट्रक पार्क कर सो गया।
कूड़ा बीनने वाली महिला ने बतायाप्रदीप ने बताया कि 17 मई को तड़के एक कूड़ा बीनने वाली महिला ने उसे जगाया। नींद से जागने पर महिला ने उसे बताया कि उसके ट्रक के अगले पहिये के करीब एक शख्स पड़ा है। इसके बाद वह ट्रक से नीचे उतरा तो देखा कि रोड पर औंधे मुंह एक व्यक्ति पड़ा था। प्रदीप के मुताबिक, जब उसने उसे पलटा तो उसका चेहरा खून से सना था और उसकी सांस थमी हुई थी। घबराहट में उसने उसे वहीं छोड़ दिया और ट्रक को काफी पीछे बैक कर खड़ा कर लिया और कूड़ा बीनने वाली महिला को उसने सेल्सटैक्स ऑफिस के करीब संतराम की चाय की दुकान से चाय लेकर पिलाई। प्रदीप ने बताया कि काफी देर बाद वहां पर पुलिस का एक कॉन्सटेबल पहुंचा और उसने अन्य पुलिसकर्मियों को बुला कर लाश को एंबुलेंस से भेज दिया। सीबीआई टीम ने संतराम से प्रदीप के बयान की तस्दीक की तो उसने पुष्टि की कि 17 मई को प्रदीप एक कूड़ा बीनने वाली के साथ उसकी दुकान आया था और वहां बैठकर चाय पी थी। टीम ने आसपास के अन्य दुकानदारों से भी पूछताछ की। हालांकि, दुकानदारों ने टीम को बताया कि लाश मिलने के वक्त उन लोगों की दुकानें बंद थीं।
जिप्सी को दिया ट्रक का रूप प्रदीप से पूछताछ के बाद सीबीआई टीम ने लाश मिलने के वक्त के हालात समझने के लिये साथ लाई गई जिप्सी को ट्रक का रूप दिया और प्रदीप से जगह पूछकर जिप्सी को उसी तरह पार्क किया जैसे प्रदीप ने अपना ट्रक पार्क किया था। टीम ने प्रदीप को जमीन पर लिटाकर समझा कि लाश किस तरह से वहां पर पड़ी थी। साथ ही माप मीटर से उस जगह से सड़क की चौड़ाई, वहां से संतराम की चाय की दुकान की दूरी और प्रदीप द्वारा ट्रक को बैक कर पार्क करने वाली जगह की दूरी को मापा। करीब एक घंटे तक घटनास्थल पर प्रदीप से पूछताछ करने व क्राइम सीन री-क्रियेशन करने के बाद सीबीआई टीम प्रदीप को अपने संग लेकर वापस लौट गई। बॉक्स पुलिस को दे दिया था चकमासूत्रों ने बताया कि 17 मई को लाश मिलने की सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने ट्रक ड्राइवर प्रदीप से भी पूछताछ की थी पर, उसने पुलिस को चकमा देते हुए बताया कि वह सुबह वहां पर पहुंचा था और उस वक्त लाश के आसपास भीड़ लगी हुई थी। पुलिस ने उसकी बात को सही मानते हुए उससे आगे पूछताछ नहीं की थी। पर, सीबीआई टीम ने प्रदीप को ढूंढ निकाला और उससे सच कबूल करवा लिया कि लाश उसी के ट्रक के सामने पड़ी थी और उसने सबसे पहले लाश को पलटकर देखा भी था।
बॉक्स बइराइच पहुंची सीबीआई टीम सोमवार को सीबीआई टीम अनुराग के बहराइच स्थित घर पहुंची। घर पर कोई मौजूद नहीं था, लिहाजा टीम ने अनुराग के बड़े भाई मयंक से फोन पर संपर्क साधा और घर में जांच की बात कही। मयंक ने घर की देखरेख करने वाले नौकर बल्ले से घर खुलवा दिया। जिसके बाद टीम ने घर में रखे अनुराग के बैग को खंगाला और उसमें रखे दस्तावेजों की पड़ताल की। इसके अलावा टीम ने पड़ोसियों से अनुराग के आने-जाने व उनके बिहेवियर के बारे में पूछताछ की। इसके बाद टीम वापस लौट गई। बॉक्स 17 जून को सीबीआई ने दर्ज की एफआईआरराजधानी के पॉश एरिया हजरतगंज के मीराबाई मार्ग स्थित वीआईपी गेस्ट हाउस के करीब कर्नाटक कैडर के आईएएस अनुराग तिवारी की लाश सड़क पर औंधे मुंह पड़ी मिली थी। जानकारी मिलने पर पहुंची पुलिस ने उनकी जेब से मिले आईकार्ड की मदद से उनकी शिनाख्त की थी। मूलत: बहराइच निवासी अनुराग तिवारी वर्ष 2007 बैच के आईएएस ऑफीसर थे और कर्नाटक में सिविल सप्लाई डिपार्टमेंट में तैनात थे। उनका पत्नी से तलाक हो चुका था। जानकारी मिलने पर पहुंचे परिजनों ने हत्या की आशंका जताते हुए सीबीआई जांच की मांग की थी। परिजनों का कहना था कि अनुराग किसी बड़े घोटाले की जांच कर रहे थे, जिसके चलते उनकी हत्या की गई है। उनकी मांग पर प्रदेश सरकार ने मामले की जांच सीबीआई से कराने की संस्तुति की थी। जिसके बाद सीबीआई ने जांच को टेकअप करते हुए 17 जून को एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की थी।