LUCKNOW : इसे नोटबंदी का साइड इफेक्ट कहें या फिर चुनाव आयोग की सख्ती लेकिन चुनावी माहौल चरम पर होने के बावजूद नेताओं के उड़नखटोले यानि हेलीकॉप्टर व चार्टर्ड प्लेन अब तक सीन से नदारद ही दिख रहे हैं. आलम यह है कि इस बार हेलीकॉप्टरों और चार्टर्ड प्लेंस की तादाद में भारी कमी आई है. पिछले चुनाव के मुकाबले इस बार यह आंकड़ा क्0 प्रतिशत को भी पार नहीं कर सका है. विभिन्न पार्टियों के सीनियर नेता तमाम एयरलाइंस की रेगुलर फ्लाइट्स का ही उपयोग कर रहे हैं.


-पिछले चुनाव में आए थे 44 हेलीकॉप्टर, इस बार महज तीन ही पहुंचे

-एयरपोर्ट पर नहीं दिख रही सरगर्मी, रेगुलर विमानों से ट्रेवेल करने को प्रेफरेंस दे रहे नेता

Posted By: Inextlive