- कैसरबाग बस अड्डे में लंबी दूरी के चालकों को नहीं मिल रही है आराम करने की जगह

- ऐसे में तुरंत वापस लौटने को मजबूर रहते है चालक

LUCKNOW: कैसरबाग बस अड्डे पर चालक और परिचालक के लिए रेस्ट रूम ना होने की वजह से ड्यूटी के दौरान उन पर थकान भारी होती जा रही है। ये परेशानी लंबी दूरी के ड्राइवर्स के साथ ज्यादा है। दरअसल, लंबी दूरी के चालकों को एक चक्कर के बाद 8 घंटे का ब्रेक देने का नियम है। लेकिन, रेस्ट रूम ना होने की वजह से ड्राइवर और कंडक्टर्स तुरंत ड्यूटी मांगते हैं ताकि उसके बाद घर पर आराम कर सकें। लेकिन, ये ड्यूटी सवारियों के लिए खतरा है। यात्रा के दौरान थकान हादसे का सबब बन सकती है। ऐसे में यात्रियों पर खतरा मंडराता रहता है।

रेस्ट रूम में अब रेस्टोरेंट

कैसरबाग बस अड्डे पर चालको और परिचालकों के लिए बना रेस्ट रूम में अब रेस्टोंरेंट खुलने जा रहा है। ऐसे में लंबी दूरी के चालक और परिचालक या तो बसों के अंदर लेट रहे हैं या फिर बसों के नीचे। रेस्ट रूम खत्म होने से लंबी दूरी के चालकों और परिचालकों को खासी दिक्कतें उठानी पड़ रही हैं। चालक और परिचालकों ने बताया कि राजधानी के दोनों बस अड्डों पर रेस्ट रूम नहीं है। चारबाग बस अड्डे पर तो रेस्ट रूम कभी था ही नहीं। वहीं, कैसरबाग बस अड्डे का रेस्टरूम भी छीन लिया गया। ग्राउंड फ्लोर पर मौजूद कैंटीन को फ‌र्स्ट फ्लोर पर शिफ्ट कर दिया गया है। जबकि, ये जगह चालकों और परिचालकों के आराम करने के लिए दी गई थी।

ये हैं नियम

- 350 किमी। का सफर एक दिन में करने पर अगले दिन डयूटी नहीं दी जा सकती है।

- अगले दिन उन्हें आराम करना होगा और उसके अगले दिन ही डयूटी मिलेगी।

कैसरबाग बस अड्डे पर ऐसी कोई जगह नहीं, जहां पर लंबी दूरी से आए चालक और परिचालक रेस्ट कर सकें। ऐसे में सफर के दौरान उसे नींद आ सकती है और दुर्घटना की आशंका बनी रहती है।

रजनीश मिश्रा

अध्यक्ष कैसरबाग डिपो

यूपी रोडवेज वर्कर्स यूनियन

बस अड्डे के रिनोवेशन के चलते व्यवस्था प्रभावित हुई है। जल्द ही चालकों-परिचालकों के रेस्टरूम की व्यवस्था कर ली जाएगी।

एके सिंह, आरएम, परिवहन निगम

Posted By: Inextlive