निकाय चुनाव के दौरान बढ़ रहे अवैध निर्माण
- 902 से अधिक अवैध निर्माण बीते पांच सालों में हुए चिंहित
- 511 अवैध निर्माण पाए गए खंड-6 में - 402 अवैध निर्माण चिन्हित किए गए खंड- 3 में - 7 अवैध निर्माण शामिल हैं खंड 4 में - 777 से अधिक खंड- 7 के भूखंड स्वामियों को नोटिस - 53 के करीब अवैध निर्माणों में एफआईआर दर्ज - 47 अवैध निर्माणों का बीते तीन माह में नोटिस देकर निर्माण रुकवाया - 28 स्कूल और 17 हॉस्पिटल भी आवास विकास की सूची में शामिलMeerut । निकाय चुनाव में आवास विकास के अधिकारियों की ड्यूटी से अवैध निर्माणकर्ताओं की चांदी हो गई। गौरतलब है कि बीते तीन माह में आवास विकास ने खंड वार अभियान चलाकर 47 के करीब अवैध निर्माणों में नोटिस थमाकर निर्माण कार्य रुकवाया था। लेकिन इधर अधिकारी चुनाव में व्यस्त हुए तो फिर से अवैध निर्माण में तेजी आ गई।
53 से अधिक एफआईआरआवास विकास ने बीते तीन माह में आवासीय क्षेत्र में कामर्शियल निर्माण और बिना नक्शा स्वीकृत तकरीबन 53 अवैध निर्माणों के खिलाफ संबंधित थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। जिससे पुलिस ने निर्माण कार्य को रुकवा दिया था। गत सप्ताह खंड 8 में जारी एक निर्माण कार्य के मामले में एफआईआर दर्ज कराई गई। इनमें से अधिकतर अवैध निर्माण पर निर्माण कार्य में शुरु हो चुके हैं।
बढ़ रहे अवैध निर्माण पांच साल में आवास विकास ने सभी खंडो में 902 से अधिक अवैध निर्माण चिंहित कर उन्हें नोटिस जारी किया है। इसमें सबसे अधिक अवैध निर्माण खंड 6 में 511, खंड 3 में 402 और खंड 4 में 7 अवैध निर्माण शामिल हैं। इससे अलग खंड 7 में करीब 777 से अधिक भूखंड स्वामियों को भूउपयोग परिवर्तन संपत्ति के तहत नोटिस जारी किया जा चुका है। स्कूल से लेकर हॉस्पिटल तक अवैध आवास विकास की सूची में करीब 28 स्कूल और 17 हॉस्पिटल शामिल हैं जिसका निर्माण आवासीय क्षेत्र में किया गया। इससे अलग इस साल 8 निर्माणाधीन हॉस्पिटल और कामर्शियल हॉल को नोटिस जारी कर रुकवा दिया गया था लेकिन चुनाव डयूटी लगते ही इन पर भी दोबारा निर्माण कार्य शुरु हो गया। जिन अवैध निर्माण को नोटिस दिया जा चुका है वे यदि निर्माण कार्य कर रहे हैं तो विभाग द्वारा एफआईआर दर्ज कराई जाती है। इसके बाद निर्माण कार्य रोकना पुलिस का काम है। - एसपी एन सिंह, अधीक्षण अभियंता