जागरुकता है, लेकिन काफी कम
- सरकारी विभागों में कोरोना को लेकर अधूरी जागरुकता
- कहीं मिले मुकम्मल इंतजाम तो कहीं मिली लापरवाही Meerut । कोरोना से बचाव का एकमात्र तरीका है जागरुकता। इसको ध्यान में रखते हुए शहर के सरकारी विभागों में अपने स्टाफ और आने वाले आवेदकों के बचाव के लिए इंतजाम तो कर दिए लेकिन उन इंतजाम के बाद भी जमकर लापरवाही बरती जा रही है जिसका खामियाजा न चाहते हुए भी शहर के लोगों को भुगतना पड़ सकता है। हालांकि अधिकतर सरकारी विभागों में आने वाले आवेदकों की संख्या इतनी अधिक है कि व्यवस्था बनाने में भी मुश्किल आ रही है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने शहर में कोरोना बचाव की इन्ही व्यवस्थाओं जायजा लिया। --------- आरटीओ कार्यालय पास- गुरुवार को आरटीओ कार्यालय में भी कोरोना से बचाव के लिए सेनेटराइजेशन शुरु कर दिया। इसके तहत सारथी भवन में लाइसेंस बनवाने के लिए आने वाले आवेदकों के हाथ सेनेटराइज कर प्रवेश दिया जा रहा था। यहां तक की सभी स्टॉफ और आला अधिकारी भी मॉस्क लगाकर काम करते दिखे।
- लेकिन विभाग के अन्य काउंटर जैसे फिटनेस जांच, चालान सेक्शन, परमिट फीस सेक्शन और लाइसेंस टेस्ट रूम तक में सेनेटराइजेशन की व्यवस्था नही दिखी। यहां आने जाने वाले आवेदक बिना किसी साफ सफाई के अंदर आ जा रहे थे। वहीं आवेदकों के हाथ धोने के लिए पानी के टैंकर तक की व्यवस्था नही थी।
वर्जन- सभी प्रकार की व्यवस्थाएं की गई है आवेदकों की संख्या अधिक है इसके बावजूद व्यवस्था बनाने का प्रयास किया जा रहा है। - श्वेता वर्मा, आरटीओ ----------- आवास विकास फेल - आवास विकास परिषद में कोरोना के असर के बावजूद भी कोई खास जागरुकता नही दिखी। हालांकि विभाग मे आमजन की आवाजाही कम रहती है इसलिए कार्यालय में साफ सफाई का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। - लेकिन बावजूद इसके स्टॉफ तक के लिए किसी प्रकार की सेनेटराइजेशन या मॉस्क तक की व्यवस्था नही दिखी। यहां तक की कार्यालय में हाथ धोने के लिए स्टॉफ के पास सेनेटाइजर की व्यवस्था तक नही थी। वर्जन- हमारे यहां आवेदकों अधिक नही आते है लेकिन इसके बाद भी साफ सफाई करा दी गई है और सेनेटारइजर भी स्टॉफ प्रयोग कर रहा है। - आरके गुप्ता, संपत्ति अधिकारी ----------- बिजली विभाग- पास- बिजली विभाग सिटी एसई कार्यालय में कोरोना से बचाव के लिए मॉस्क और सेनेटाइजर पहने हुए स्टॉफ अलर्ट रहा। हालांकि कोरोना के डर से उपभोक्ताओं की संख्या काफी कम हो गई है।
- वहीं सिटी एसई कार्यालय में ना तो बाहर से आने वाले उपभोक्ताओं के लिए वाटर टैंकर की व्यवस्था दिखी और ना ही सेनेटराइज कर अंदर प्रवेश दिया जा रहा था। वर्जन- पूरे स्टॉफ को सेनेटराइजेशन और मॉस्क के प्रयोग का आदेश दिया गया है। पूरा स्टॉफ इसका ध्यान रख रहा है जागरुकता के लिए बैठक की जा रही है। - बीएस यादव, चीफ इंजीनियर ------------- रोडवेज बस डिपो- पास - शहर के रोडवेज बस डिपो भैंसाली और सोहराबगेट पर कोरोना से बचाव के लिए पोस्टर, बैनर समेत अनाउंसमेट कर यात्रियों को जागरुक किया जा रहा है। यहां तक की पानी का टैंकर और सेनेटराइजेशन तक की सुविधा उपलब्ध है। - लेकिन रोडवेज बसों में चालक परिचालक के लिए मॉस्क या सेनेटराइजर तक की व्यवस्था अधिकतर बसों में शुरु नही की गई है। यहांत की पूछताछ काउंटर से लेकर वर्कशॉप तक के कर्मचारी बिना मॉस्क के काम करते दिखे। वर्जन- बस अडडों पर लगातार सेनेटाइजेशन हो रहा है, पोस्ट बैनर लगा दिए गए हैं। केवल बसों में चालक परिचालक को शत प्रतिशत मास्क वितरित नही हो सके हैं यह भी लागतार किया जा रहा है।- नीरज सक्सेना, आरएम
कोरोना को लेकर पूरा मेरठ अलर्ट जोन पर है। कलेक्ट्रेट में एंट्री पर तापमान थर्मल स्कैनर से चेक कराया जा रहा है। हाथ धोने के लिए नगर निगम का टैंकर रखा हुआ है, इसके साथ ही सेनेटाइजर भी कर्मचारियों से कराया जा रहा है। अजय तिवारी एडीएम सिटी -------------- पुलिस ऑफिस फेल पुलिस ऑफिस में सेनेटाइजर तो दूर पानी की व्यवस्था नहीं है। एक तरफ तो पुलिस लाइन में पुलिसकर्मियों को सेनेटाइजर, मास्क और अन्य सामान वितरित किए गए है लेकिन पुलिस ऑफिस में कुछ भी व्यवस्था देखने को नहीं मिल सका है। फरियादी आ रहे थे, उनकी सुनवाई भी हो रही थी लेकिन उनके हाथ धोने और सेनेटाइज करने का कोई भी संसाधन पुलिस ऑफिस पर देखने को नहीं मिला। पुलिसकर्मियों ने टीम से दबी जुबां में कहा कि यहां भी कोरोना से बचाव के लिए संसधान उपलब्ध होने चाहिए। पुलिसकर्मियों को कोरोना से बचाव के लिए मास्क, सेनेटाइजर और अन्य संसाधन मुहैया कराए गए हैं। जहां अभी तक नहीं पहुंचे है, वहां भी मुहैया कराए जाएंगे। कोरोना से डरने की जरूरत नहीं, लड़ने की जरूरत है। अजय साहनी एसएसपी ----------- कमिश्नरी कार्यालय पास कमिश्नरी कार्यालय पर काफी अच्छे इंतजाम किए हुए थे। कमिश्नरी कार्यालय के गेट पर नगर निगम का टैंकर हाथ धोने के लिए रखा हुआ है, जिस पर लोग हाथ धो कर कमिश्नरी के अंदर प्रवेश कर रहे थे। कमिश्नरी के अन्दर मीटिंग चल रही थी, मीटिंग में जो भी शामिल होने के लिए जा रहा था, उसके लिए सेनेटाइजर से हाथ साफ करने का इंतजाम था। अधिकारियों ने खुद अपने हाथों को भी सेनेटाइजर से साफ किया है। कमिश्नरी कार्यालय में जो भी आ रहा था, उनके हाथ को साफ कराया जा रहा था। कमिश्नरी कार्यालय पर सबसे अच्छी व्यवस्था की गई थी। कोरोना को लेकर पूरा अलर्ट किया गया है। अपने विभाग और अन्य विभागों में पानी और सेनेटाइजर का प्रयोग करने के दिशा-निर्देश दिए गए हैं। कमिश्नरी में पूरा सेनेटाइज किया जा रहा है। अनीता सी। मेश्राम कमिश्नर ---------- एमडीए ऑफिस एमडीए ऑफिस में मुख्य गेट के पास नगर निगम का पानी का टैंकर जरूर रखा हुआ था, लेकिन यहां पर अन्दर किसी भी प्रकार का कोई भी सेनेटाइजर नहीं रखा हुआ था। एमडीए ऑफिस में लोग अपना काम करने के लिए आ रहे थे, लेकिन वह ऑफिस में पहुंचकर अपना काम कराकर जा रहे थे, उनसे किसी ने हाथ धोने के लिए भी नहीं कहा., लोग और कर्मचारी अपना काम करके यहां से निकल रहे थे। यहां तैनात होमगार्ड और सुरक्षाकर्मी भी किसी को हाथ धोने के लिए नहीं कह रहे थे। इतना बड़ा विभाग होने के बावजूद सेनेटाइजर का कहीं कोई इंतजाम नहीं था। ---------- महिला थाना एक तरफ तो डीजी हेड क्वार्टर से दिशा-निर्देश साफ दिए गए है कि थाने में साफ-सफाई , मास्क और सेनेटाइजर का इस्तेमाल करने के लिए दिशा-निर्देश दिए है लेकिन यहां कोई साफ-सफाई देखने को नहीं मिली। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट टीम ने देखा यहां पानी तक की व्यवस्था नहीं थी, इतना ही नहीं फरियादी तो दूरी पुलिस कर्मियों के लिए भी सेनेटाइजर की व्यवस्था नहीं थी, पुलिस विभाग के इस महिला थाने में पूरी लापरवाही बरती जा रही है। अधिकारियों के आदेशों को स्पष्टता के साथ पालन नहीं किया जा रहा है। कोरोना को लेकर भले ही सरकार चिंतित हो लेकिन पुलिस कर्मी लापरवाह बने हुए है। पीडब्लूडी में भी कोई व्यवस्था नहीं पीडब्लूडी ऑफिस में तो लापरवाही की सभी हदें पार हो गई है। यहां न हाथ धोने के लिए पानी है और न ही सेनेटाइजर है। किसी प्रकार का मास्क का इस्तेमाल भी कर्मचारी और अधिकारी नहीं कर रहे है। पूरी तरह से लापरवाही बरती जा रही है। कर्मचारियों से कोरोना को लेकर दैनिक जागरण आई नेक्स्ट टीम से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि नगर निगम ने अन्य विभागों में पानी का टैंकर खड़ा किया है, लेकिन यहां पर कोई व्यवस्था नहीं है। यहां पर व्यवस्था की जानी चाहिए। सरकारी तंत्र तो यहां लापरवाह है ही कर्मचारी और अधिकारियों में भी काफी लापरवाही देखने को मिली है। सीएमओ ऑफिस जिस विभाग के ऊपर कोरोना को लेकर सबसे बड़ी जिम्मेदारी है, वह विभाग भी सबसे ज्यादा लापरवाह बना हुआ है। कलेक्ट्रेट में स्वास्थ्य विभाग की टीम थर्मल स्कैनर से तापमान जांच कर रही हे, जिसके बाद एंट्री दे रही है, वहीं सीएमओ ऑफिस में दैनिक जागरण आई नेक्स्ट टीम ने जायजा लिया तो यहां भी काफी लापरवाही देखने को मिली। यहां न तो हाथ धोने के लिए कोई व्यवस्था है और न ही सेनेटाइजर की व्यवस्था की गई है। पूरी तरह से लापरवाही बरती जा रही है। स्वास्थ्य विभाग की टीम यदि अपने कार्यालय में इस तरह लापरवाह बनी रहेगी, तो कोरोना से कैसे लड़ा जाएगा, यह अपने में सबसे बड़ा सवाल है।-------------
सिटी रेलवे स्टेशन- पास - सिटी रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की सुविधा के लिए लगातार प्लेटफार्म समेत सभी काउंटर को सेनेटराइज किया जा रहा है। वही लगातार अनाउंसमेंट कर जागरुक किया जा रहा है। - लेकिन बावजूद इसके रेलवे स्टेशन पर प्लेटफार्म पर या एंट्री पर यात्रियों के सेनेटराइज की व्यवस्था तक नही थी। वर्जन- स्टेशन पर लगातार साफ सफाई सेनेटराइजेशन कराया जा रहा है। मॉस्क लगाकर कर्मचारी काम कर हैं। - आरपी शर्मा, स्टेशन अधीक्षक ----------- डीएम आफिस पास कचहरी में थर्मल स्कैनर से तापमान की जांच की जा रही थी। कचहरी में कलेक्ट्रेट गेट के सामने नगर निगम का टैंकर भी रखा हुआ था, जहां लोग पानी से हाथ धो रहे थे। कचहरी के अन्दर ऑफिसों में सेनेटाइजर देखने को नहीं मिला। सब लोग नार्मल अपना कार्य कर रहे थे। सेनेटाइजर और मास्क की व्यवस्था यहां नहीं की गई थी। कचहरी में वकीलों ने मास्क लगा रखा था।