-जाम, जल भराव का अभी तक नहीं हो सका समाधान

-पॉल्यूशन और डेयरियों की समस्या भी नहीं निकला हल

Meerut। दशहरे के दिन रावण के पुतले का दहन समाज में फैली बुराइयों के अंत के रूप में देखा जाता है, लेकिन सिटी के लोग पूरे साल और हर दिन समस्याओं से जूझते नजर आते हैं। सिटी की मुख्य बुराइयों के अंत के लिए कोई भी अधिकारी और नेता सामने नहीं आता है। शहरवासियों को इन बुराइयों का सामना पता नहीं कब तक करना पड़ेगा।

1-ट्रैफिक जाम

शहर के दोनों रोडवेज बस स्टैंड शहर के बीच में स्थित हैं। ऐसे में यहां बसों की आवाजाही और यात्रियों की भीड़-भाड़ से सड़कों पर जाम की विकट समस्या खड़ी हो जाती है।

2- पशु डेयरियां

शहर में इस समय 1705 डेयरियां हैं। यह वो डेयरियां हैं जो नगर निगम में रजिस्टर्ड हैं, जबकि शहर में 2000 से अधिक डेयरियां अवैध रूप से चल रही हैं। इन डेयरियों से रोजाना 800 मीट्रिक टन गोबर रोजाना निकलता है।

3- अवैध निर्माण

शहर में हर तीसरा निर्माण अवैध निर्माण की श्रेणी में आ रहा है। ऐसा तो तब है जब मेरठ विकास प्राधिकरण ने अपनी 700 से अधिक कर्मचारियों की फौज शहर को सुनियोजित करने में जुटा रखी है। खुद एमडीए की फाइलों में शहर की 354 अवैध कॉलोनियों को चिह्नित किया गया है।

4-चेन स्नेचिंग

शहर की सड़कों पर लूटेरों का राज रहता है। एक हफ्ते में चेन स्नेचिंग के करीब 4 मामले सामने आते हैं। जबकि शहर के सभी 14 थानों में एक माह में चेन स्नेचिंग के 20 मामले तक दर्ज किए जाते हैं।

5-जलभराव

नासूर बन चुकी वाटर लॉगिंग की समस्या से शहर को निजात नहीं मिल पा रही है। हाल यह है कि आधा से अधिक शहर हल्की सी बारिश को भी नहीं झेल पाता और जलभराव की समस्या खड़ी हो जाती है।

6-स्ट्रीट लाइट

नगर निगम और मेरठ विकास प्राधिकरण की ओर से शहर की सड़कों पर 58 हजार से अधिक स्ट्रीट लाइट्स लगाई हैं। इनमें से 42 हजार लाइट्स केवल नगर निगम द्वारा लगाई गई हैं। जबकि 16 हजार लाइट्स एमडीए द्वारा लगाई गई हैं। टाइमर में खराबी के कारण ये लाइट्स दिन में तो जलती हैं, लेकिन रात में बंद हो जाती हैं।

7-पॉल्यूशन

पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के मुताबिक वाहनों से निकलने वाले धुंए में कार्बन मोनोऑक्साइड व सल्फर डाई ऑक्साइड की अधिकता होती है। इन गैसों से न केवल आंखों में जलन होती है, बल्कि ये फेफडों आदि के लिए जहर का काम करती है। विभाग ने बेगमपुल चौराहे से एसपीएम की मात्रा 400 गुना दर्ज की है।

8- पैंठ से समस्या

शहर बड़ी समस्याओं में से एक पैंठ है। शहर में मुख्य मार्गो और चौराहों पर हर हफ्ते दो या अधिक पैंठ लगती है। हालांकि हाईकोर्ट ने पैंठ को शहर में किसी एक स्थाई जगह पर शिफ्ट करने के आदेश दिए हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।

9-अतिक्रमण

शहर की सड़कें पूरी तरह अतिक्रमण से ग्रस्त हैं। कई सड़कें तो ऐसी हैं, जहां अतिक्रमण के चलते वाहन तो दूर पैदल चलने में भी जाम लग जाता है।

10-काजी हाउस

शहर की व्यस्ततम सड़कों से लेकर गली मोहल्लों तक में आवारा पशुओं की पैठ हैं। ये पशु दिन भी सड़कों पर घूमते रहते हैं, जिससे मुख्य मार्गो पर गंदगी पसरी रहती है। वहज नगर निगम द्वारा शहर में काजी हाउस की कोई व्यवस्था नहीं की गई है।

Posted By: Inextlive