मेरठ के ब्लड बैंक अव्वल
15 ब्लड बैंक ही प्रदेश के पूरा कर सके टारगेट
89 ब्लड बैंक की रेटिंग लिस्ट में नाको यानि नेशनल एड्स कंट्रोल आर्गेनाइजेशन ने किया खुलासा 74 ब्लड बैंक प्रदेश के नहीं पूरा कर सके टारगेट Meerut । प्रदेशभर के 74 ब्लड बैंकों को पछाड़ते हुए मेरठ के सरकारी ब्लड बैंक अव्वल साबित हुए हैं। नेशनल एड्स कंट्रोल आर्गेनाइजेशन यानी नाको की ओर से जारी 89 ब्लड बैंक की रेटिंग लिस्ट में यह खुलासा हुआ है। लिस्ट के अनुसार प्रदेश के सिर्फ 15 ब्लड बैंक ही अपना टारगेट अचीव कर पाएं हैं। जबकि केजीएमयू और एसजीपीजीआई लखनऊ समेत 74 ब्लड बैंक टारगेट पूरा नहीं कर पाएं हैं। अचीव कर रहे टारगेटजिला अस्पताल के डॉ। कौशलेंद्र कुमार ने बताया कि हमारा ब्लड बैंक लगातार ब्लड कैंप टारगेट अचीव कर रहा है। आगामी सत्र में भी हम 90 प्रतिशत टारगेट पूरा कर चुके हैं। वहीं मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ। आर सी गुप्ता ने बताया कि मेडिकल कॉलेज के लिए गर्व की बात है। हम लगातार इसे सुधारने का प्रयास का रहे हैं।
यह है मामलानाको की ओर से हर साल प्रदेश के सभी सरकारी ब्लड बैंक को सालाना ब्लड डोनेशन और ब्लड कलेक्शन का टारगेट दिया जाता है। टारगेट को अचीव करने के आधार पर ही नाको रैकिंग लिस्ट जारी करता है। प्रदेशभर के 89 ब्लड बैंक की 2017-18 सूची में टारगेट अचीवर्स में मेरठ का जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज के नाम भी शुमार है।
टारगेट हुआ पूरा जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज ने वर्ष 2017-18 में अपना टारगेट अचीव कर लिया है। जिला अस्पताल को सालभर में 48 कैंप लगाने थे। वहीं एक कैंप से करीब 50 ब्लड यूनिट डोनेशन अचीव करना था। जबकि मेडिकल कॉलेज का करीब 10500 कुल ब्लड यूनिट कलेक्शन का सालाना टारगेट था। जिला अस्पताल ने जहां निर्धारित समय में 50 से अधिक कैंप लगाए वहीं मेडिकल कॉलेज ने 11 हजार से अधिक ब्लड यूनिट कलेक्शन किया। --------- बदले रक्तदान के नियम - न्यूनतम उम्र 17 से बढ़ाकर 18 वर्ष हो गई है। - अधिकतम सीमा अब 65 वर्ष रहेगी। पहले 62 साल थी। - जेल में बंद व्यक्ति रक्त दान नहीं कर सकेगा। - पुरुष अब चार महीने की बजाय 90 दिन बाद दोबारा रक्त दान कर सकते हैं। - हीमोग्लोबिन 12.5 से ज्यादा होने पर ही रक्तदान किया जा सकता है।- ट्रांसजेंडर, होमोसेक्सुअल, फीमेल सेक्स वर्कर्स बिना डॉक्टरी जांच के ब्लड डोनेट नहीं कर सकेंगे।
- पल्स रेट 60-100 के बीच होना जरूरी - महिलाएं प्रसव के 12 माह तक, गर्भपात के छह माह तक और ब्रेस्ड फीडिंग करवाने के दौरान ब्लड डोनेट नहीं कर सकतीं। - माइनर सर्जरी के 6 माह बाद और जिन्हें खून चढ़ा हो, वह 1 साल बाद ही रक्तदान कर सकता है। - रक्तदाता के घर में किसी को हैपेटाइटिस हो तो वह 12 माह तक ब्लड डोनेट नहीं कर सकता है। - मलेरिया ठीक होने के 3 महीने, डेंगू-चिकनगुनिया के 6 माह और जीका वायरस से ठीक होने के 4 माह बाद रक्तदाता ब्लड दे सकता है। यह नहीं दे सकेंगे ब्लड -इंसुलिन लेने वाले -ब्लीडिंग डिस्ऑर्डर -एचआईवी पॉजिटिव का पार्टनर - अस्थमा मरीज - चेस्ट पेन और सांस फूलने की स्थिति में - हार्ट अटैक, ओपन हार्ट सर्जरी, कैंसर की सर्जरी, कुष्ठ रोगी, दिल की बीमारी वाले मरीज ब्लड डोनेशन नहीं कर सकेंगे ।