बापू के आह्वान पर आंदोलन में कूदे मेरठी
- महात्मा गांधी के आहवान पर ही मेरठ में चला स्वदेशी आंदोलन
मेरठ। जब पूरे देश में खिलाफत और असहयोग आंदोलन चल रहा था। तब मेरठ में महात्मा गांधी का आना हुआ है। उनके आहवान पर मेरठ के लोगों ने दोनो आंदोलन में बढ़चढ़कर हिस्सा लिया। महात्मा गांधी का मेरठ कनेक्शन - 22 जनवरी 1920 को पहली बार आए मेरठ - 1921 में दूसरी बार आए मेरठ, 5 दिन रुके - 27 अक्टूबर 1929 को तीसरी बार मेरठ आए और पांच दिन रहे। - 1930 में मेरठ आए थे। इस साल वह मेरठ से गुजरे थे। - 1945 में पांचवीं बार आए थे मेरठ यह है यादें -महात्मा गांधी के आह्वान पर मेरठ में बहुत से लोगों ने वकालत छोड़ दी। - चौधरी रघुवीर सिंह ने जमीन दान की, जिस पर आज गांधी आश्रम है।- मेरठ कॉलेज में एक वटवृक्ष लगाया गया।
- वैश्य अनाथालय में आज भी मौजूद है उनका लिखा संदेश महात्मा गांधी पांच बार मेरठ आए। लेकिन उनके आने का सबसे ज्यादा असर 1920 में पड़ा। लोगों ने असहयोग आंदोलन में भाग लिया। -डॉ। केडी शर्मा, इतिहासकारमहात्मा गांधी जब जब मेरठ आए उनको मेरठ के लोगों ने पूरा सहयोग। उनका ही प्रभाव था कि मेरठ में आज इतना बड़ा गांधी आश्रम है।
-मनोज गौतम, इतिहासकार ---- गांधी जयंति के कार्यक्रम 6.00 एएम-स्टेडियम से तीन किलोमीटर महिलाओं व पांच किलोमीटर पुरूषों की दौड़ 06.30 एएम-गांधी आश्रम गढ रोड से शहीद स्मारक तक प्रभात फेरी 7.15 एएम-शहीद स्मारक पर ध्वजारोहण व विभिन्न कार्यक्रम 8.00 एएम-जनपद के समस्त सरकारी/गैरसरकारी कार्यालयों एवं भवनों पर में ध्वजारोहण 9.00 एएम-सभी शैक्षणिक संस्थानों में संास्कृतिक कार्यक्रम 3.00 पीएम- राजकीय स्वतंत्रता संग्राम संग्रहालय में विचार गोष्ठी 5.00 पीएम- गांधी आश्रम में सर्वधर्म प्रार्थना सभा 7.00 पीएम- शहीद स्मारक पर दीप प्रज्ज्वलन विशेष सफाई अभियान सरकारी कार्यालयों में कार्यालयों में अभिलेखों के रख-रखाव को बेहतर करने के साथ विशेष सफाई अभियान चलाएं।