मेरठ में वोटर्स की जय हो
लोकतंत्र का नया सवेरा मेरठ लोकसभा सीट पर परिसीमन से पहले और बाद के मतदान प्रतिशत पर नजर डालें तो इस बार लोकतंत्र का नया सवेरा हुआ है। पिछले 37 सालों में इस बार मतदाताओं ने जोश दिखाया और पोलिंग के बीते हुए कल के इतिहास को फिर से लिखा। मेरठ के साथ इस बार वेस्ट यूपी मतों की बारिश में तर रहा। पहले चरण के चुनाव में वेस्ट की दस सीटों पर मत का प्रतिशत पिछले कई चुनावों को मीलों पिछले छोड़कर आगे आया है। रिकार्ड तोड़कर बना रिकार्ड
साल 2009 का लोकसभा चुनाव नए परिसीमन पर पर हुआ। मेरठ-हापुड़ लोकसभा क्षेत्र के मतदाताओं ने चुनाव के प्रति उदासीनता बरती और मात्र 48.50 प्रतिशत मतदान किया। जबकि साल 2004 में 52.44 प्रतिशत मतदान हुआ था। लगातार घटते मत प्रतिशत को देखकर इस बार का चुनाव काफी महत्वपूर्ण था, लेकिन रिकार्ड टूटा और क्या खूब टूटा। सुबह से लेकर शाम तक मतों का अंबार ईवीएम मशीन में रिकार्ड होता रहा। छह बजे इलेक्शन समाप्त होने की घोषणा के साथ मेरठ वासियों ने 64.39 प्रतिशत मतदान कर फिर नया रिकार्ड कायम करने का ऐलान किया।आते-आते लगे 37 साल
साल 1977 में मेरठ लोकसभा सीट पर मतदाताओं ने रिकार्ड कायम किया. वोटर के जुनून ने मत का प्रतिशत 67.23 तक पहुंचाया। इसके बाद कभी फिर मत प्रतिशत इस आंकड़े को नहीं छू सका। साल 1984 में उम्मीद जरूर जागी, लेकिन मत प्रतिशत का मीटर 63.57 से ऊपर नहीं बढ़ सका। अब 16वीं लोकसभा के लिए हुए चुनाव में मतदाताओं ने फिर अपने अधिकार का जमकर प्रयोग किया और मत की ताकत का अहसास कराकर नया रिकार्ड कायम किया। युवा जोश ने किया कमाललगातार गिरते मत प्रतिशत के लिए 16वीं लोकसभा का चुनाव नई ऊर्जा लेकर आया है। युवाओं के जोश ने मत प्रतिशत की नई इबादत लिखी है। इस बार मेरठ-हापुड़ लोकसभा क्षेत्र में 150256 नए मतदाता बढ़े। मतदाता सूची में नाम बढऩे का असर भी इलेक्शन में दिखा। इसके अलावा सुबह सात बजे से शुरू हुए मतदान के दौरान पोलिंग बूथों पर लगी लाइन में युवाओं की संख्या अलग दिखी। चुनावी वर्ष और मत प्रतिशत 1952 52.99 1957 61.34 1962 60.48 1967 30.43 1971 65.61 1977 67.08 1980 61.23 1984 63.57 1989 55.08 1991 डिक्लियर नहीं 1996 51.19 1998 59.85 1999 58.61 2004 52.44 2009 48.23 2014 64.39