कहां गया टैक्स का पैसा
-हाईकोर्ट ने पांच माह पूर्व दिए थे सिटी बसों को बंद करने के आदेश
-आरटीए की मीटिंग में कमिश्नर ने लगाई बस संचालन पर रोक Meerut शहर में अवैध तरीके से चल रही प्राइवेट सिटी बसों पर आखिर लगाम लगने का सरकारी फरमान जारी हो गया है। लेकिन यहां सबसे बड़ा सवाल प्राइवेट बसों के टैक्स को लेकर है। हाईकोर्ट के जिस आदेश को लागू होने में पांच माह का समय लगा। उस पांच के माह के टैक्स को लेकर विभाग के अफसर चुप्पी साधते नजर आ रहे हैं। -स्टेट ट्रांसपोर्ट एफिलीएट ट्रिब्यूनल ने दायर की थी याचिका। -17 अक्टूबर 2016 को हाईकोर्ट ने सिटी बसों के संचालन पर लगाई रोक। -साथ ही बसों के परमिट को भी कैंसल करने की आदेश सुनाया। -हाईकोर्ट आदेश के पांच माह बाद इन बसों पर रोक का फरमान जारी।-अब पांच माह का टैक्स न तो आरटीओ वसूल सकता है और न ही संचालक विभाग में जमा कराएगा।
फैक्ट एंड फीगर -कुल बस - 14 -कुल सीट - 560 -पांच माह माह का कुल टैक्स - 3,44,400 रुपएआरटीए की बैठक में आए कमिश्नर के आदेशों का अनुपालन किया जाएगा। इसके साथ ही सभी प्राइवेट बसों के टैक्स को लेकर भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। बस संचालकों से टैक्स संबंधी रिपोर्ट मांगी जाएगी।
-कमल प्रसाद गुप्ता, एआरटीओ प्रवर्तन मेरठ