पांडेयपुर में रोड को डिवाइडर लगाकर तीन भागों में बांटने के बाद शुरू हुआ जाम का झाम दूसरी तरफ आधे रास्ते पर अवैध आटो और ठेलों के अतिक्रमण के कारण पूरे दिन होती कसरत

वाराणसी (ब्यूरो)शहर के पांडेयपुर चौराहे को पूर्वांचल के पूर्वी जिलों के इंट्री प्वाइंट के नाम से जाना जाता है। इस चौराहे को क्रास करके बनारस से लगे तीन जिलों के लोगों का आना-जाना होता है। वर्तमान समय में आलम यह है कि सुबह 8 बजे से ही यह चौराहा रात के 10 बजे तक जाम के झाम से जूझता हुआ दिखाई देता है। इस चिलचिलाती धूप में चौराहे पर गाडिय़ों की जबरदस्त आवाज निकलती है, जिस कारण पूरे इलाके में भयंकर ध्वनि प्रदूषण होता है। जाम के कारण लोगों के पसीने छूट जाते हैैं। लोगों की इस परेशानी को दूर करने के लिए बनारस के ट्रैफिक पुलिस और नगर निगम के आला अधिकारियों के द्वारा कोई सार्थक कदम नहीं उठाया जा रहा है.

डिवाइडर लगाकर बांट दिया मेन रोड

ट्रै्फिक पुलिस द्वारा जहां आवागमन को सुगम बनाने का प्रयास किया गया, लेकिन इसका असर उल्टा हो गया। इस चौराहे से शहर के अंदर पड़ोसी जिले आजमगढ़, गाजीपुर, जौनपुर से लोगो का रोजाना आवागमन होता है। इस चौराहे से होते हुए लोग अपनी जरूरत के अनुसार लंका रोड, सारनाथ रोड, पंचकोशी रोड, अर्दली बाजार रोड का चयन करते हुए अपने गंतव्य को जाते हैं। लेकिन, मौजूदा हाल में प्रशासन के द्वारा ट्रैफिक और जाम पर लगाम लगाने के लिए जो योजना बनाई गई, वह आम आदमी के लिए मुसीबतों का पहाड़ लेकर आ गया। इस कारण चौराहे से 200 मीटर की दूरी तक हर वक्त जाम बना रहता है.

दूध की सट्टïी का नहीं मिला मुक्कमल इंतजाम

पांडेयपुर चौराहे पर खुजरी वाले रोड पर काली मंदिर के बिल्कुल बगल में पीपल के पेड़ के नीचे अवैध रूप से दूध की सट्टïी लगती है। इस कारण सैकड़ों की संख्या में दूधिया बाइक पर बाल्टा के साथ आते हैैं, जिस कारण जाम की स्थिति बनी रहती है। इस चौराहे पर इतनी भारी संख्या में बाइकों के आने और दूध को लाने और ले जाने के लिए भारी वाहनों के आïवागमन के कारण पूरा मार्ग अवरूद्ध हो जाता है। आम आदमी को इस रोड से दूसरे रोड को क्रास करके जाने में भारी मशक्कत का सामना करना पड़ता है। यही कारण है कि चौराहे से शहर के अंदर वाले मार्ग पर जाम से निजात मिलती हुई नहीं दिखाई दे रही है.

रोजाना 1 लाख 60 हजार गाडिय़ों की इंट्री

पांडेयपुर चौराहा शहर का सबसे बड़ा इंट्री प्वाइंट माना जाता है। इससे आम आदमी से लेकर वीवीआईपी तक गाडिय़ों का आवागमन होता है। ट्रैफिक पुलिस के आंकड़े के अनुसार शहर में अकेले मात्र इस चौराहे से रोजाना छोटी बड़ी 1 लाख 60 हजार गाडिय़ों का आवागमन होता है। इनमें स्कूली बस, प्राइवेट बस, रोडवेज बस, आटो, टू व्हीलर, थ्री व्हीलर, टोटो, डम्पर, पिकअप, मैजिक इत्यादि गाडिय़ां शामिल हंै। अंदाजा लगाया जा सकता है जिस चौराहे से रोजाना भारी मात्रा में इतनी गाडिय़ों का आवागमन हो और उस चौराहे को स्मूथ ना रखा जाये तो किस कदर भीषण जाम की स्थिति बन सकती है.

ट्रैफिक विभाग की तरफ से चौराहे पर स्मूथनेस को बरकरार रखने के लिए 7 जवानों की तैनाती की गई है। इसके बाद भी यदि वहां जाम की स्थिति बन रही है तो उसके कारणों की जांच करते हुए आवश्यक कार्यवाही की जाएगी। साथ ही नगर निगम के साथ समन्वय बनाते हुए दूध की सट्टïी के द्वारा लगने वाले जाम के बारे में भी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे.

प्रबल प्रताप सिंह, डीसीपी, ट्रैफिक पुलिस

राजस्व विभाग के साथ समन्वय बनाते हुए पांडेयपुर चौराहे पर दूध की सट्टïी के कारण होने वाले जाम को देखते हुए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। इसके साथ ही रास्ते को स्मूथ बनाने के हरसंभव प्रयास किए जाएंगे.

कर्नल राघवेन्द्र मौर्या, प्रभारी, प्रवर्तन दल

Posted By: Inextlive