बैरिकेडिंग हटाकर पूजा की अनुमति देने की मांग का प्रार्थना पत्र भी दाखिल दोनों प्रार्थना पत्रों पर सुनवाई के लिए अदालत ने 19 मार्च की तिथि तय की


वाराणसी (ब्यूरो)ज्ञानवापी स्थित व्यास जी के तलगृह की मरम्मत व छत पर किसी को जाने से रोक की मांग का प्रार्थना पत्र बुधवार को जिला जज की अदालत में दाखिल किया गया। प्रार्थना पत्र मां शृंगार गौरी बनाम यूनियन आफ इंडिया वगैरह मुकदमे के वादी सुंदरपुर निवासी रामप्रसाद ङ्क्षसह ने दाखिल किया। अदालत ने इस पर सुनवाई के लिए 19 मार्च की तिथि तय की है.

तलगृह में पूजा-पाठ

प्रार्थना पत्र में बताया गया कि अदालत के आदेश पर व्यास जी के तलगृह में पूजा-पाठ जारी है। तलगृह की छत जर्जर व कमजोर है और अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद (मस्जिद पक्ष) के लोग छत पर इक_ा होकर उसे गिराकर पूजा-पाठ अवरुद्ध करने की फिराक में हैं। इससे शांतिभंग की आशंका है। छत क्षतिग्रस्त हुई तो तलगृह में पूजा-पाठ दर्शन करने वालों के जान-माल को खतरा हो सकता है। तलगृह के रिसीवर जिलाधिकारी को तहखाने की मरम्मत का आदेश देते हुए छत पर मस्जिद पक्ष के लोगों को जाने से मना किया जाए.

हटवाएं बैरिकेडिंग

वहीं ज्ञानवापी मामले में एक अन्य प्रार्थना पत्र मां शृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन की मांग को लेकर दाखिल मुकदमे की वादी महिला राखी ङ्क्षसह की ओर से जिला जज की अदालत में दाखिल किया गया। इसमें ज्ञानवापी परिसर में लगाई गई बैरिकेङ्क्षडग की हटाकर वहां मौजूद मां शृंगार गौरी, भगवान गणेश, भगवान हनुमान, नंदी जी समेत अन्य देवी-देवताओं की पूजा की अनुमति की देने की मांग की गई है।

लिखित आदेश नहीं

प्रार्थना पत्र में बताया गया कि 1993 में बिना किसी लिखित आदेश के ज्ञानवापी में बैरिकेङ्क्षडग लगाकर पूजा-पाठ रोक दिया। हर वर्ष वासंतिक नवरात्र के चौथे दिन पूजा की अनुमति दी जाती है। उत्तर प्रदेश सरकार, जिलाधिकारी वाराणसी, पुलिस कमिश्नर को बैरिकेङ्क्षडग हटाकर पूजा की व्यवस्था का आदेश दिया जाए। अदालत ने अगली सुनवाई के लिए 19 मार्च की तिथि तय की है.

11 मार्च को सुनवाई

ज्ञानवापी परिसर में मुस्लिमों के प्रवेश पर रोक और वहां पूजा-पाठ की अनुमति देने की मांग की मांग को लेकर ङ्क्षहदू सेना के अजीत ङ्क्षसह व विष्णु गुप्ता की ओर से दाखिल मुकदमे की सुनवाई सिविल जज (सीनियर डिविजन फास्ट ट्रैक) प्रशांत कुमार की अदालत में हुई। मस्जिद पक्ष की ओर से स्थगन प्रार्थना पत्र दिया गया। इसे स्वीकार करते हुए अदालत ने सुनवाई के लिए अगली तिथि 11 मार्च तय की है।

Posted By: Inextlive