बेनियाबाग पार्किंग का बुरा हाल छह वार्ड नहीं बन पाए स्मार्ट जी-20 की सेल्फी प्वाइंट पर उठने लगे सवाल


वाराणसी (ब्यूरो)गवर्नमेंट डिपार्टमेंट के जिम्मेदारों की अनदेखी से पॉवर सेंटर काशी की स्मार्टनेस को ग्रहण लगा है। यदि अफसर एक्टिव होते तो नाइट बाजार बिरयानी बाजार नहीं बनता, बेनियाबाग पार्किंग बदहाल नहीं होती, छह मोहल्ले आदर्श वार्ड बन गए होते। घाटों पर भी स्वच्छता का बोलबाला होता। जी-20 में सजाए गए चौराहे, डिवाइडरों के किनारे लगे आर्टिफिशियल खिलौने बर्बाद नहीं होते। इन सब ने काशी की खूबसूरती पर सवाल खड़ा कर दिया है.

नाइट मार्केट बना बिरयानी बाजार

कैंट स्टेशन के सामने फ्लाईओवर के नीचे बने नाइट बाजार का शुभारंभ 7 जुलाई 2022 को पीएम नरेंद्र मोदी ने किया था। 10 करोड़ से तैयार नाइट मार्केट को बनाने का यह उदेद्श्य था कि कैंट से कोई भी पैसेंजर रात में उतरता है, तो उसे जरूरत की हर चीज नाइट बाजार में मिल जाए। लेकिन स्मार्ट सिटी के अफसरों की सुस्ती की वजह से आज नाइट बाजार सिर्फ बिरयानी बाजार बन गया है। यहां 50 परसेंट दुकानों में बिरयानी बिक रही है। 10 परसेंट दुकानों पर ताला लगा है। बची दुकानों में चाय, चार्जिंग प्वाइंट तो कहीं ट्रेवल्स की दुकान चल रही है। नाइट बाजार के सबसे आगे अंधरापुल के नीचे पार्किंग चलती है। पिछले इंग्लिशियालाइन के पास ई रिक्शा के लिए चार्जिंग प्वाइंट बन गया है। जल निकासी की व्यवस्था न होने से दुकानदार गंदा पानी सड़क पर ही बहाते हैं।

बेनियाबाग पार्किंग का बुरा हाल

बेनियाबाग पार्किंग को 1 अरब से हाईटेक बनाया गया था, जिससे देश-विदेश से आने वाले टूरिस्टों को वाहन पार्किंग के लिए परेशान न होना पड़े। पार्किंग को खुले दो साल से अधिक का समय हो गया, लेकिन आज तक पार्किंग को डिजिटलाइजेशन नहीं किया गया। आज भी पार्किंग में मैनुअली पर्ची काटी जाती है। बेनियाबाग पार्किंग में वाहन खड़ा करने के लिए कितना स्पेस यह जानने के लिए स्मार्ट सिटी के जीएम डी वासुदेवन ने कहा था कि शहर के हर चौराहे पर एलईडी स्क्रिन लगाए जाएंगे, लेकिन आज तक एक भी जगह एलईडी स्क्रीन नहीं लगाई गई।

पार्क की जिम का बुरा हाल

बेनियाबाग पार्क में आम पब्लिक के लिए जिम भी बनाया गया था। इसमें एक से एक एडवांस मशीनें लगायी गयीं, जिससे आम पब्लिक अगर टहलने के लिए आए तो एक्सरसाइज भी कर सके। मशीनें तो महंगी-महंगी लगायी गईं, लेकिन स्मार्ट सिटी की अफसरों की तरफ से कोई मेंटनेंस नहीं किया गया। इसके चलते कई मशीने खराब होकर किनारे पड़ी हैं और कई जंग खा रही हैं.

जी-20 की सेल्फी प्वाइंट

जी-20 के डेलीगेट्स के लिए वरुणा पुल, कचहरी, बाबतपुर, शिवपुर और नमोघाट, बसंत कॉलेज के पास आर्टिफिशियल जिराफ, शेर और हाथी के अलावा मेढक, कछुआ और पौधे लगाए गए थे। छह महीने का भी समय नहीं बीता होगा, सभी सेल्फी प्वाइंट टूट गए हैं। चौंकाने वाली बात है कि कचहरी के पास तो प्रशासन के सभी अधिकारी रहते हंै।

6 वार्ड आज भी स्मार्ट नहीं

अपनी गलियों से देश और दुनिया को रिझाने वाली पुरानी काशी के छह वार्ड तय समय सीमा में स्मार्ट नहीं बन पाए। लैकफेड की लापरवाही से आज भी अधर में लटकी हुई हुई है। 27 करोड़ रुपये से इस परियोजना को दिसंबर 2023 में ही पूरा होना था। छह वार्ड में पान दरीबा की बदहाल गली है। चेतगंज-1, हबीबपुरा में 30 फीसदी, चेतंगज-2, पियरी कला-2, पानदरीबा में 25 फीसदी और चेतगंज व पियरी कला-1 में 20 फीसदी काम अधूरा है। इसके चलते वार्ड को स्मार्ट वार्ड का दर्जा नहीं मिल पाया। इन वार्डों की गलियों में चौका हटाकर सीसी रोड बनाया जाना था। यहीं नहीं लाल पत्थर से इन गलियों को सजाया जाएगा और सोलर लाइट लगाई जानी थी। सभी काम अधूरे हैं।

चेजिंग रूम का बुरा हाल

स्मार्ट सिटी की तरफ काशी के घाटों को संवारने की जिम्मेदारी सौंपी गयी थी। घाट पर महिलाओं के लिए कपड़ा बदलने के लिए चेजिंग रूम बनाने थे। दशाश्वमेध घाट, अस्सी घाट, भैंसासुर घाट, राजघाट, राजेन्द्र प्रसाद घाट समेत कई प्रमुख घाटों पर प्लाई और लोहे की पाइप से चेंजिंग रूम तैयार किए गए थे, लेकिन आज इनकी हालत खराब है।

धंस रहे घाट

काशी के कई घाट धंसने के कगार पर हंै। छह महीना पहले दशाश्वमेध घाट पर दस फीट घाट का एरिया धंस गया था। भैसासुर घाट पर कई सीढिृयां धंस गई र्हंै। इसके अलापा पंचगंगा, नक्खी घाट, समेत कई ऐसे घाट हैं, जहां साफ-सफाई नहीं है।

शहर को स्मार्ट तो बना दिया गया है, लेकिन मोहल्लों में तारों का जंजाल फैला हुआ है।

सतीश कुमार, क्षेत्रीय नागरिक

मोहल्ले और घाट अभी भी दुरुस्त नहीं हैं। स्मार्ट सिटी को चाहिए कि सभी वार्डों में मरम्मत कराई जाए.

विनोद यादव, आम पब्लिक

चुनाव बाद वार्ड और घाटों की सफाई करायी जाएगी। रही बात पार्क की तो स्मार्ट सिटी के अफसरों को कहा जाएगा.

अशोक तिवारी, मेयर

Posted By: Inextlive