-कैंट रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर आठ-नौ पर अधर में अटका है एस्केलेटर

-सीढ़ी तोड़ने से पैसेंजर्स को हो रही परेशानी, धीमी गति से चल रहा काम

VARANASI

कैंट रेलवे स्टेशन पर एस्केलेटर से प्लेटफॉर्म नंबर नौ पर पहुंचने का सपना फिलहाल साकार होता नजर नहीं आ रहा है। लापरवाही के चलते क्0 माह में फाउंडेशन से आगे का निर्माण शुरू ही नहीं हो सका है। जबकि इसको पूरा करने के लिए खुद रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा व जीएम नॉर्दन रेलवे पहल कर चुके हैं। बावजूद इसके कार्य ठप है। तत्कालीन रेल मंत्री सुरेश प्रभु की पहल पर कैंट रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 8-9 पर एस्केलेटर का शिलान्यास रेल राज्यमंत्री की उपस्थिति में बड़े धूमधाम से हुआ था। शिलान्यास के बाद इस एस्केलेटर को जिम्मेदार भूल गए। पता चला है कि स्वचालित सीढ़ी के निर्माण में नया पेंच फंस गया है। निर्माण में प्रयोग होने वाली सामग्री की क्वालिटी पर सवाल उठ गया है। जब तक तकनीकी टीम द्वारा मैटेरियल पास नहीं किया जाएगा तब तक काम स्टार्ट नहीं होगा। इसकी गुणवत्ता जांचने के लिए फाइल इंजीनिय¨रग विभाग को भेजी गई है। साथ ही गिट्टी व बालू की कमी ने भी इसमें रोड़ा अटकाया है। फिलहाल मौके पर फाउंडेशन का कार्य पूरा हो चुका है। एस्केलेटर लगाने वाली एजेंसी का आदेश का इंतजार है।

मशीन का इंतजार

सोर्सेज के मुताबिक स्वचालित सीढि़यों को चलाने के लिए जिस मशीन का प्रयोग होना है वह बाहर से आएगी। उसकी सप्लाई अभी तक नहीं हो सकी है। इधर निर्माण कार्य भी ठप पड़ा है। मशीन आने के बाद और मैटेरियल पास होने पर ही कार्य में तेजी आने की उम्मीद है। इस बीच फुट ओवर ब्रिज से नीचे उतरने वाली सीढ़ी को भी तोड़ दिया गया है। जिससे पैसेंजर्स को बहुत समस्या हो रही है। उन्हें घूमकर अपने कोच तक पहुंचना पड़ रहा है।

फ्भ् लाख रुपये का प्रोजेक्ट

पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय

क्षेत्र में स्थित कैंट स्टेशन पर सुविधाएं बढ़ाने के लिए रेलवे एड़ी चोटी एक किए हुए है। लेकिन जिस स्पीड से कार्य होना चाहिए, वह नहीं हो पा रहा है। प्लेटफॉर्म नंबर आठ-नौ पर एस्केलेटर बन जाने पर दिव्यांग जनों और बुजुर्गो को बहुत राहत मिलेगी। रिकार्ड के मुताबिक एस्केलेटर निर्माण पर करीब फ्ख् से फ्भ् लाख रुपये खर्च होंगे, इसमें क्म् लाख रुपये सिविल इंजीनिय¨रग को खर्च करना है, बाकी बिजली व अन्य खर्च रेलवे को करना है।

प्लेटफॉर्म पर लगने वाले एस्केलेटर का ढांचा बन गया है, मशीन को स्थाई करना बाकि है। एस्केलेटर निर्माण कार्य जल्द पूरा करने का लक्ष्य है। मार्च से पहले इसे पूरा कर लिया जाएगा।

विक्रम सिंह, पीआर सेल

नॉर्दन रेलवे, लखनऊ डिवीजन

Posted By: Inextlive