अब बनारस में दौड़ेंगी सीएनजी बसें
- बनारस को मिलेगा 150 सीएनजी बसों का तोहफा
- दिल्ली की तर्ज चलेंगी बसें, पॉल्यूशन कंट्रोल करने की कोशिश सब कुछ ठीक रहा तो जल्द ही दिल्ली की तर्ज पर स्मार्ट सिटी बनारस की सड़कों पर भी सीएनजी (कंप्रेस्ड नेचुरल गैस) बसें फर्राटा भरती नजर आएंगी। यहां इन बसों को चलाने के लिए कवायद तेज हो गई है। बनारस समेत यूपी के 15 शहरों में 1525 नई सीएनजी सिटी बसें चलाने की तैयारी चल रही है। यही नहीं इनमें आठ ऐसे शहरों को भी शामिल किया गया हैं, जहां सीएनजी बसों को पहली बार सड़कों पर उतारा जाएगा। जिसमें बनारस भी शामिल है। नई बसों का तोहफा नये साल में मिलेगा। स्मार्ट सिटी योजना वहन करेगा खर्चइसके अलावा सिटी बसों को सीएनजी में कन्वर्ट कराने पर आने वाले खर्च को स्मार्ट सिटी योजना के तहत वहन किया जाएगा। अधिकारियों के मुताबिक करखियांव स्थित यूपीएसआईडीसी व महेशपुर औद्योगिक क्षेत्र की इकाईयों में सीएनजी की डिमांड का भी आकलन होगा। मांग के तहत इन क्षेत्रों में भी गैस पाइप लाइन बिछाई जाएगी।
चौबीस घंटे मिलेगी सीएनजीरथयात्रा, हरिश्चंद्र घाट, बीएचयू, लहरतारा एवं डीएलडब्ल्यू क्षेत्र में फिलिंग स्टेशन बनाकर 24 घंटे सीएनजी की अवेलेबल करायी जाएगी। इसके बाद जरूरत के आधार पर अन्य क्षेत्रों में फिलिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। साथ ही 37 किलोमीटर गैस पाइप लाइन बिछाई जाएगी।
शासन को भेजा गया है प्रपोजल इस बारे में नगर विकास विभाग ने प्रपोजल बनाकर शासन को भेज दिया है। अधिकारियों की मानें तो इसी माह प्रस्ताव पर मंजूरी मिलने की उम्मीद है। मंजूरी मिलते ही निजी ऑपरेटरों के लिए टेंडर निकाले जाएंगे। दो माह में टेंडर की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। इसके बाद 90 दिन के भीतर टेंडर लेने वाली कंपनी को बसों की सप्लाई करनी होगी। उसी दौरान नए रूट चिन्हित करते हुए किराया भी तय किया जाएगा। निजी ऑपरेटर से चलेंगी सिटी बसें पहली बार सीएनजी में सिटी बसें निजी ऑपरेटर के जरिए चलेगी। जहां बस और ड्राइवर निजी ऑपरेटर का होगा। निजी ऑपरेटर को प्रति किमी की दर से भुगतान किया जाएगा। अटकी है इलेक्ट्रिक बस योजनाबता दें कि इससे पहले बनारस में 50 इलेक्ट्रिक बसें चलाने का मसौदा भी तैयार किया जा चुका है। इस माह ये बसें यहां आनी भी थी, लेकिन यहां के बस अड्डे में जगह की कमी के चलते इसे दूसरे स्थान पर रखने के लिए जमीन की तलाश अभी तक पूरी नहीं हो सकी है। यही वजह है कि अभी तक इलेक्ट्रिक बसों की योजना अटकी पड़ी है।
कहां कितनी बसें वाराणसी 150 प्रयागराज 150 मेरठ 150 लखनऊ 200 गाजियाबाद 200 कानपुर 150 आगरा 100 मथुरा 100 बरेली 50 गोरखपुर 50 पिछले दिनों बनारस विजिट पर आए नगर विकास संयुक्त सचिव को यहां सीएनजी बसों के संचालन के लिए इंफार्म कराया गया था। जिसकी रिपोर्ट भेजने के बाद अब सीएनजी सिटी बसें चलाने की तैयारी की गई है। एसएन यादव, महाप्रबंधक-गेल