कागजों पर नहीं चलेगा समस्या का निस्तारण
- आईजीआरएस पर दर्ज शिकायतों का भौतिक सत्यापन करेंगे अफसर
- मुख्यमंत्री हेल्पलाइन नंबर की भी निगरानी करेगा सीएमओ VARANASI अब आईजीआरएस (इंटीग्रेटेड ग्रीवांस रीड्रेसल सिस्टम) पोर्टल पर दर्ज शिकायतों के फर्जी निस्तारण करने वाले विभागों की खैर नहीं होगी। इन शिकायतों की सच्चाई जानने किसी भी समय कमिश्नर और डीएम स्थलीय निरीक्षण कर सकते हैं। पहले कागजों पर शिकायत का निस्तारण हो जाता था। लोगों की ओर से फर्जी निस्तारण की शिकायतों को देखते हुए शासन ने यह निर्णय लिया है। बढ़ जाएगी मुश्किल17 फरवरी को शासन ने नया आदेश दिया है। नए शासनादेश के मुताबिक कमिश्नर और डीएम अपने मंडल व जिले के ऑफिस में आने वाले शिकायतों के लिए सीधे जिम्मेदार होंगे। मंडल स्तर पर इसकी समीक्षा एक मार्च से लागू हो जाएगी। पहले मुख्यमंत्री हेल्प लाइन नंबर पर दर्ज होने वाली शिकायतों को संबंधित विभाग अपने स्तर पर देखता था लेकिन अब सीएमओ इसकी सीधे निगरानी करेगा। आईजीआरएस पोर्टल के मुताबिक जिला स्तर की शिकायतों के समाधान के लिए 15 दिन और मुख्यमंत्री या शासन स्तर के शिकायतों के समाधान के लिए 30 दिन का समय होता है। इस समय सीमा में समाधान नहीं होने पर शिकायतें डिफाल्टर की श्रेणी में आ जाती है।
24 फरवरी को आयी कम्प्लेनमुख्य अभियंता 144
नगर स्वास्थ्य अधिकारी 76 जलकल 136 आलोक 18 राजस्व 23