240 वाहनों में आपके बच्चों को है खतरा
-स्कूलों के खुलने का आया वक्त लेकिन अब तक अनफिट स्कूली वाहनों को लेकर नहीं चेत रहा विभाग
- धड़ल्ले से दौड़ रहे हैं जिले में चिह्नित अनफिट वाहन 1ड्डह्मड्डठ्ठड्डह्यद्ब@द्बठ्ठद्ग3ह्ल.ष्श्र.द्बठ्ठ ङ्कन्क्त्रन्हृन्स्ढ्ढ अगर आप अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए ऑटो, मैजिक या बस का सहारा ले रहे हैं तो ये खबर खबरदार करने वाली है। हो सकता है आपके कलेजे का टुकड़ा शहर में दौड़ रहे 240 अनफिट वाहनों में से किसी एक की सवारी करता हो जिन्हें आरटीओ की ओर से अनफिट डिक्लेयर किया गया हो। अभी आपके पास वक्त है। कोई हादसा हो इसके पहले उस वाहन की पड़ताल जरूर कर लें जो आपके बच्चे को लेकर स्कूल जा रहा हो। छह महीने पुराना है आदेशछह महीने पहले परिवहन आयुक्त ने सभी जिलों को अपने यहां चल रहे स्कूलों की संख्या, जिले में रजिस्टर्ड स्कूली वाहनों की संख्या और अनफिट वाहनों की सूची बनाने का आदेश दिया था। बनारस में 111 इंग्लिश मीडियम स्कूलों में 1854 रजिस्टर्ड वाहनों की सूची तैयार की गई है। इनमें अनफिट वाहनों की पड़ताल हुई तो पता चला कि ऐसे 240 वाहन हैं जो मानकों को पूरा नहीं कर रहे हैं। इन वाहनों को हटाने का भी आदेश जारी हुआ लेकिन ये वाहन न सिर्फ सड़क पर दौड़ रहे हैं बल्कि बच्चों को ढो भी रहे हैं। जिसके कारण नन्हे मुन्नों की जिंदगी पर खतरा मंडरा रहा है।
ये है हाल - 111 इंग्लिश मीडियम स्कूल हैं जिले में - 1854 स्कूली वाहनों का है आरटीओ में रजिस्ट्रेशन - 240 वाहन इनमें से हैं अनफिट - 144 स्कूली वाहनों के खिलाफ वर्ष 2016 में हुई थी कार्रवाई अभी और भी हैं भाई -1854 रजिस्टर्ड वाहनों में से 240 अनफिट ऑन पेपर हैं लेकिन डग्गामार स्कूली वाहन भी दौड़ रहे हैं - इनमे बंद हो चुकी मेटाडोर, सिटी परमिट पर चलने वाली ऑटो और मैजिक शामिल हैं -सैकड़ों की संख्या में बगैर परमिट और रजिस्ट्रेशन के वैन बच्चों को ढोते हैं - स्कूली रिक्शों की संख्या भी सैकड़ों में है ये है मानक - स्कूल व्हेकिल पीले रंग की होनी चाहिए - खिड़की पर जाली जरूरी है - वाहन में जितनी सीट की क्षमता हो बच्चे उतने ही होने चाहिए - चालक और कंडक्टर वर्दी में होने चाहिए - ड्राइवर का डीएल व्यवसायिक और पांच साल पुराना हो - सीट के पीछे बच्चों को पकड़ने के लिए हैंडल हो - चालक का केबिन अलग हो- वाहन के पीछे स्कूल का नाम, ड्राइवर का नाम, उसका डीएल नंबर, स्कूल का फोन नंबर, पुलिस कंट्रोल रुम नंबर लिखना जरूरी है
स्कूली व्हेकिल्स को लेकर सर्तकता बरतने को कहा गया है। प्रवर्तन दस्ते को चेकिंग कर अनफिट गाडि़यों के खिलाफ अभियान चलाने को कहा जा चुका है। पेरेंट्श भी जागरुक हो जाएं तो काम आसान होगा। आरपी द्विवेदी, आरटीओ