दिल्ली मॉडल पर होगा बनारस नगर निगम वार्डों में बढ़ जाएंगे मतदाता विकास का फंड होगा ज्यादा बनेंगे 7 जोन व 100 वार्ड

वाराणसी (ब्यूरो)दिल्ली की तर्ज पर अब वाराणसी नगर निगम के वार्डों का गठन होगा। वार्ड का दायरा भी काफी बड़ा होगा। वोटरों की संख्या में तीन गुना बढ़ोतरी होगी। क्षेत्र में विकास कार्य कराने के लिए पार्षदों के पास भी फंड होगा। उनका पॉवर विधायक जैसा हो जाएगा। यूपी कैबिनेट की बैठक में रामनगर और सूजाबाद को वाराणसी नगर निगम में शामिल करने के प्रस्ताव को मंजूरी मिलते ही नगरीय सीमा क्षेत्र के विस्तार के दरवाजे खुल गए हैं। एक बार फिर परिसीमन में संशोधन होने के बाद मंजूरी के लिए शासन को भेजा जाएगा। ऐसे में कई वार्डों की सीमाओं में परिवर्तन के साथ कई जोनों के क्षेत्रों में प्रभाव होगा। हालांकि अभी से भावी प्रत्याशियों में क्षेत्र में दावेदारी के लिए होड़ शुरू हो गई है.

वार्डों में बढ़ जाएंगे मतदाता

अभी तक बनारस नगर निगम के सभी वार्डों में 8 से 10 हजार के करीब मतदाता थे, वहीं शहर के बाहरी क्षेत्रों में करीब 14 से 15 हजार मतदाता थे। नये वार्ड गठन के बाद एक वार्ड में करीब 20 से 22 हजार मतदाता हो जाएंगे। अब 22 हजार मतदाता मिलकर अपने एरिया के पार्षद का चयन करेंगे। साथ ही अब पार्षदों की भूमिकाएं भी काफी ज्यादा हो जाएगी.

धन के साथ पॉवर

सूत्रों के अनुसार पार्षदों को ज्यादा से ज्यादा कार्यभार देने की योजना शासन की रहेगी। इनके पास धन के साथ ही बल की भी पावर होगी। अभी तक इनको वित्तीय अधिकारों के लिए नगरायुक्त एवं मेयर की मदद लेनी होती थी। अब ऐसा नहीं होगा कि कुछ हद तक उनके पास मद और वित्तीय अधिकार होंगे.

विकास का मद होगा ज्यादा

बैठक एवं बजटों में उलझने के कारण जो विकास के काम नहीं हो पाते थे, वैसी कंडीशन अब नहीं रहने वाली है। शासन के स्तर से इनको अपने क्षेत्र के विकास करने के लिए मद एवं फंड मुहैया कराया जायेगा। इस कारण ये अपने क्षेत्र का पूरी तरीके से विकास कर सकेंगे। यहां तक कि पार्षदों को अब जनसुनवाई में उपस्थित होकर अपने क्षेत्र की समस्या के निराकरण के लिए जद्दोजहद नहीं करनी होगी.

7 जोन, 100 वार्ड होंगे

नगर निगम के प्रस्ताव के मुताबिक इस बार 7 जोन और 100 वार्ड होंगे। वहीं दूसरी ओर 76 वार्ड अपनी उसी अवस्था में बने रहेंगे। साथ ही 24 वार्डों को कायाकल्प करते हुए नगर निगम की सीमा में मिलाया जायेगा.

नगर निगम की सीमा में आने से ही सब कुछ नहीं होता है। विकास की भी बात करनी होगी। पार्षदों को फ्री हैैंड रखकर काम करने की आजादी देनी होगी.

हारून अंसारी, पार्षद, सपा

ये विकास की योजना नहीं विनास की है। नगर निगम के पास मैन पावर का अभाव है। कैसे और किस आधार पर ये विकास की बात करते हैं.

रमजान अली, पार्षद, कांग्रेस

नये परिसीमन से क्या होता है। नई योजना से क्या होता है। विकास के लिए बजट चाहिए जोकि पार्षदों को नगर निगम के द्वारा मुहैया नहीं कराया जाता है.

राजेश पासी, पार्षद, निर्दल

सरकार की अच्छी पहल है। इसकी सहायता से पूरे बनारस का विकास होगा। सूजाबाद और रामनगर में विकास नहीं हो पा रहे थे। अब उनका भी विकास होगा.

दिनेश यादव, पार्षद, बीजेपी

हम लोगों की जिम्मेदारी बढ़ जाएगी। विकास की गति और बढ़ जायेगी। इससे शहरीकरण एवं स्मार्ट सिटी के कांसेप्ट को और ज्यादा बढ़ावा मिलेगा.

मृदुला जायसवाल, महापौर, वाराणसी

शासनादेश के अनुसार रामनगर और सूजाबाद का नगर निगम की सीमा में विलय होगा। इससे इन क्षेत्रों में विकास की संभावनाएं ज्यादा हो जायेगी। इसके साथ नगर निगम को राजस्व का भी लाभ होगा.

दुष्यंत कुमार मौर्या, अपर नगर आयुक्त

Posted By: Inextlive