- शासन-प्रशासन की कवायदों के बावजूद नहीं रुक रहा महिला अपराध

- पिछले महीने गैंगरेप की तीन घटनाएं, छेड़खानी की भी कई शिकायतें आई सामने

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केस 1 : 12 अप्रैल

बाबतपुर एयरपोर्ट पर एक निजी एयरलाइंस में कार्यरत युवती को बिजनेस डील के लिए कैंटोंमेंट स्थित होटल में बुलाकर सहकर्मियों ने गैंगरेप किया। युवती विरोध न कर सके इसलिए उसे ड्रिंक में नशे की दवा पिला दी गई थी। पीडि़ता ने मामले में सप्ताहभर बाद शिकायत की।

केस 2 : 21 अप्रैल

लालपुर इलाके में मोबाइल देने के बहाने बुलाकर चार युवकों ने किशोरी के साथ गैंगरेप किया। आरोपियों ने उसे नकली पिस्टल से धमकाया भी। दो दिन बाद पीडि़ता ने मां को आपबीती सुनाई, इसके बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया।

केस 3 : 24 अप्रैल

मिर्जामुराद में कक्षा 7 में पढ़ने वाली किशोरी के साथ पड़ोस के युवक, उसके चाचा समेत चार लोगों ने कई दिनों तक गैंगरेप किया। कहीं सुनवाई न होने पर किशोरी के पिता ने एडीजी जोन से गुहार लगाई। इसके बाद मिर्जामुराद पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपियों की गिरफ्तारी की।

पिछले 30 दिनों में गैंगरेप की तीन घटनाएं बानगी भर हैं। महिलाओं संग अपराध की लंबी फेहरिस्त है। महिलाएं शिकार तब बन रहीं है जबकि महिला अपराधों पर लगाम लगाने के लिए तमाम कवायदें हो रही हैं। खास यह भी है कि इन घटनाओं की शिकार होने वाली महिलाएं समाज के हर तबके से हैं। पुलिस की तैयारियों पर गौर करें तो कड़े नियमों, बदले प्रावधानों और तमाम संसाधनों से कार्रवाई तेज तो हुई है। मगर ऐसी घटनाओं की रोकथाम लगभग नहीं के बराबर है। पुलिस अफसर कहते हैं कि सड़क पर होने वाली घटनाओं में काफी कमी आई है। मगर घर या होटल में होने वाले मामलों की जानकारी के अभाव में रोकथाम मुश्किल हो जाती है।

बोलते आंकड़े (15 अप्रैल तक)

वारदात 2018 2017 2016

दुष्कर्म 19 25 30

अपहरण - - -

दहेज हत्या 10 5 9

दहेज उत्पीड़न 123 104 75

चेन स्नेचिंग 6 14 2

एंटी रोमियो स्क्वॉड

छेड़खानी की घटनाओं की रोकथाम के लिए थानावार एंटी रोमियो स्क्वॉड का गठन किया गया था। एक दरोगा और तीन सिपाहियों के अलावा इसमें महिला सिपाही भी शामिल हैं। मगर इन स्क्वॉड को अब तक अपने वाहन भी नहीं मिल सके हैं। इसके अलावा इन्हें यह भी स्पष्ट नहीं कि उन्हें कहां और क्या कार्रवाई करनी है।

बिना ट्रेनिंग हो गया उद्घाटन

वाराणसी पुलिस लाइन में अपने दौरे पर डीजीपी ओपी सिंह ने लेडी एंटी रोमियो स्क्वॉड को हरी झंडी दिखाई। इन 12 दस्तों से शोहदों की धरपकड़ की उम्मीद की गई मगर फिलहाल इनकी ट्रेनिंग चल रही है। इसका मतलब कि दस्ते का गठन बिना ट्रेनिंग ही कर दिया गया था।

महिला थाने में सिर्फ रेफरल केस

महिला अपराधों की रोकथाम के लिए बनाए गए महिला थाने का हाल भी अजब है। लगभग 20 महिला सिपाहियों और 5 महिला एसआई वाले इस थाने में सिर्फ रेफरल केस आते हैं। यानी कि अधिकारियों के आदेश की जाने वाली जांचें। ज्यादातर समय यहां घरेलू झगड़ों और पारिवारिक विवादों को निपटाने का काम होता है।

यहां मिल जाती है मदद

- 1090

- डायल-100

- महिला सम्मान प्रकोष्ठ

- यूपी पुलिस पोर्टल

महिला अपराधों की रोकथाम के लिए हरसंभव प्रयास जारी है। दुर्भाग्यवश कुछ घटनाएं हो भी जाती हैं मगर पुलिस इनपर शत-प्रतिशत कार्रवाई कर रही है। खासकर गैंगरेप जैसे मामलों में गैंगस्टर तक की कार्रवाई की जा रही है।

दिनेश कुमार सिंह, एसपी सिटी वाराणसी

Posted By: Inextlive