Varanasi: भैया आज भी ऑफिस नहीं खुलेगा क्या? रामनगर के रहने वाले अनुराग सिंह ने चेहरे पर मायूसी लिए तहसील के अंदर खड़े एक फोर्थ क्लास इम्प्लाई से सीधा सवाल किया. जवाब मिला नहीं आज भी हड़ताल है. कल आना. अनुराग के लिए ये चौथे दिन का झटका था जब वो रामनगर से गिलट बाजार स्थित तहसील तक पहुंचे और सभी अफसरों और ऑफिसेस के दरवाजे बंद मिले. तकलीफ इसलिए भी ज्यादा थी क्योंकि उन्हें उम्मीद है कि उनका निवास प्रमाणपत्र अब तक बन चुका होगा. मगर ऑफिस नहीं खुल रहा है इसलिए मिल नहीं सकता. अनुराग उन हजारों लोगों में से एक हैं जो इन दिनों रोजाना तहसील का चक्कर लगा रहे हैं और रोज ही मायूस लौट रहे हैं.


बिना डॉक्यूमेंट सब सून इन दिनों अपने शहर में हजारों ऐसे स्टूडेंट और बेरोजगार हैं जो एडमिशन, जॉब और कॉम्पटेटिव एग्जाम के लिए फार्म तो भर चुके हैं मगर जमा नहीं कर सकते। वजह है फार्म कम्प्लीट करने के लिए जरूरी डॉक्यूमेंट की कमी। किसी को इनकम सर्टिफिकेट का यूनिवर्सल नम्बर फार्म में मेंशन करना है तो किसी को डोमेसाइल सर्टिफिकेट लगाना है। ऐसे भी लोग हैं जिन्हें इस बार नया जाति प्रमाणपत्र चाहिए। जबकि कलेक्ट्रेट कर्मचारियों की स्ट्राइक के चलते किसी का भी सर्टिफिकेट न तो बन रहा है और ना ही बना हुआ मिल पा रहा है। कहीं निकल जाए मौका


स्टूडेंट्स व बेरोजगारों को अगर टाइमली रिक्वायर्ड डॉक्यूमेंट जैसे आय, निवास और जाति का सर्टिफिकेट नहीं मिला तो उनके हाथ से बढिय़ा मौका निकल जाएगा। हां, स्टूडेंट्स के केस में उनका एक साल बरबाद भी हो सकता है। अगर बिना जाति प्रमाणपत्र उन्होंने फार्म भर भी दिया तो उन्हें रिजर्वेशन का लाभ नहीं मिलेगा। दौड़ लगाने वालों में ज्यादातर ऐसे हैं जिन्होंने सारी फार्मेलिटी के बाद सर्टिफिकेट के लिए अप्लाई भी कर दिया है मगर अब सर्टिफिकेट हाथ में कब आएगा, वो खुद नहीं जानते। 20 मार्च से ही ठप है काम (पास्ट हिस्ट्री)

स्ट्राइक के चलते तहसील में 20 मार्च से निवास, आय और जाति प्रमाण पत्र बनाने का काम ठप है। ये सारे सर्टिफिकेट तहसील से बनते हैं। इसके लिए यहां पर बकायदा अलग-अलग सेक्शन बने हुए हैं। कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने के सारे सेक्शन बंद है। यहां तक की अफसरों के बैठने के लिए कमरे तक नहीं खुल रहे। बता दें कि कर्मचारियों और वकीलों की आपसी झगड़ के कारण ये स्ट्राइक बेवजह लम्बी खीची जा रही है। फ्यूचर और कॅरियर, दोनों दांव पर इन दिनों एडमिशन, जॉब और कॉम्पटेटिव एग्जाम्स के लिए कई तरह के फार्म भरे जा रहे हैं। इन्हीं सब के लिए यंगस्टर्स को जाति, आय और निवास प्रमाण पत्र की जरूरत है। कुछ फार्म ऐसे हैं जिसमें सर्टिफिकेट की फोटो कॉपी लगाने की जरूरत नहीं मगर फार्म में सर्टिफिकेट का यूनिवर्सल नम्बर मेंशन करना जरूरी है। जबकि कई फाम्र्स ऐसे भी हैं जिसमें हार्ड कॉपी के साथ सर्टिफिकेट की फोटो कॉपी लगाना जरूरी है। दोनों ही केस में अप्लीकेंट का काम बिना सर्टिफिकेट के नहीं चलने वाला। लिहाजा एप्लीकेंट्स का कॅरियर और फ्यूचर दोनों दांव पर लगा हुआ है। ''

मैं पिछले पांच दिन से तहसील का चक्कर काट रहा हूं। लेकिन अभी तक निवास प्रमाण पत्र नहीं मिल पाया है। इसके चलते मैं बेसिक एजुकेशन डिपार्टमेंट के अनुदेशक के लिए अप्लाई नहीं कर पा रहा हूं। - अनुराग सिंह, रामनगर मुझे एमबीए में एडमिशन कराने के लिए निवास प्रमाण पत्र की जरूरत है। मैंने अप्लाई भी कर दिया है। लेकिन प्रमाण पत्र बनता उसके पहले कर्मचारियों ने स्ट्राइक कर दिया। अब समझ में नहीं आ रहा है कि एडमिशन कैसे कराऊं। - सुनील गौड़, राजघाट मैं तीन दिनों से तहसील आ रहा हूं लेकिन मेरा काम नहीं हो पा रहा है। अगर निवास प्रमाण पत्र नहीं बन पाया तो मैं अनुदेशक के लिए अप्लाई नहीं कर पाऊंगा। अब फिर कब मौका मिलेगा यह तो भविष्य की गर्त में है। - हंसराज जायसवाल, बच्छांव अपनी बात कहने का सबको अधिकार है। लेकिन हड़ताल का तरीका गलत है। इनके विरोध के चलते किसी का भविष्य चौपट हो सकता है, ये भी इन्हें सोचना चाहिए। काम न होने से बहुत परेशानी है। - मनोज कुमार वर्मा, छित्तूपुर

Posted By: Inextlive