अब ट्रॉली मैन भी लेंगे कार्ड पेमेंट
- इंडियन ऑयल कारपोरेशन ने नया सिस्टम किया शुरू
- पीओएस मशीन से लैस ट्रॉली मैन घरों पर दे रहे हैं दस्तक - कालाबाजारी और अधिक पैसे लेने की शिकायत होगी दूर VARANASI कालाबाजारी रोकने और अधिक पैसे लेने की शिकायत को दूर करने के लिए इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन ने नया सिस्टम शुरू किया है। अब उसके ट्रॉलीमैन पीओएस मशीन के साथ घरों पर दस्तक दे रहे हैं। ग्राहक पीओएस मशीन पर डेबिट या क्रेडिट कार्ड स्क्रैच करके आनॅलाइन भुगतान कर सकते हैं। इसके लिए ग्राहक को पांच रुपए कैशबैक भी मिलेगा। भविष्य में जीपीएस से भी कनेक्ट करने की योजना है। बिल में अंकित मूल्य का ही भुगताननिर्धारित मूल्य से अधिक धन उगाही पर रोक लगाने के उद्देश्य से इंडेन की ओर से यह व्यवस्था शुरू की गई है। अब ट्रालीमैन को बिल में अंकित मूल्य का ही भुगतान करना होगा। उसके बाद सब्सिडी के साथ खाते में कैशबेक मिलेगा। इस व्यवस्था से ग्राहकों को बुकिंग के बाद समय से गैस सिलेंडर की डिलीवरी होगी। भारत गैस और एचपी ने भी कवायद शुरू कर दी है।
90 ट्रालीमैन को दी गई मशीनइंडियन ऑयल कारपोरेशन के अधिकृत गैस एजेंसियों के जरिए 90 ट्रॉलीमैनों को पीओएस मशीन दी गई है। महमूरगंज स्थित हर्ष गैस एजेंसी को दस और लहरतारा स्थित राहुल गैस एजेंसी को पांच मशीन ट्रॉलीमैन को देने के लिए मिली है। इस तरह किसी एजेंसी को दस तो किसी को पांच मशीनें उपलब्ध कराई गई।
ट्रॉलीमैन पर निगरानी भी रख सकेंगे भविष्य में पीओएस मशीन में जीपीएस लगाने की योजना है। जीपीएस लगने के बाद आईओसी के अधिकारी और एजेंसी संचालक ट्रॉलीमैन पर निगरानी भी रख सकेंगे। इतना ही नहीं, ग्राहक ट्रॉलीमैन के मोबाइल पर बिलिंग सब्सिडी राशि को भी देख सकेंगे। इस सिस्टम से समस्या बहुत हद तक कम हो सकती है। आईओसी की ओर से शहर के 90 ट्रॉलीमैनों को पीओएस मशीन दी गई है। लक्ष्य तीन सौ ट्रालीमैन को देने की है। एक्सपर्ट द्वारा डिलेवरी मैन को मशीन ऑपरेट करने की ट्रेनिंग भी दी जाती है। सत्यम मिश्रा, सहायक प्रबंधक, इंडेन एचपी के डिलेवरी मैन को पीओएस मशीन देने की योजना है। वर्तमान में पेटीएम और इजी गैस कार्ड के जरिए उपभोक्ताओं से कैश लिया जाता है। सुशांत नाग, एरिया सेल्स मैनेजर, एचपीहमारी एजेंसी को पांच मशीन मिली है, लेकिन कार्ड से पेमेंट करने वालों की संख्या मात्र दस प्रतिशत है। बहुत कम महिलाओं के पास एटीएम होता है। इस कारण अभी थोड़ा वक्त लगेगा।
राहुल पाठक, एजेंसी संचालक अच्छी पहल है। हमारी एजेंसी को दस पॉस मशीन मिली है। इतनी कम संख्या में सभी घरों तक पहुंचना संभव नहीं है। पांच-पांच क्षेत्रों का ग्रुप बनाया गया है। ग्रुप को एक-एक मशीन दी गयी है। कुमार अग्रवाल, एजेंसी संचालक