--GST लागू होने के बाद बिलिंग करने से बचते रहे दुकानदार

-इलेक्ट्रॉनिक्स मार्केट में दिखी कस्टमर्स की जुटान

VARANASI

जीएसटी लागू होने के बाद पहले दिन शनिवार को बाजार में हलचल कुछ अलग ही दिखी। अधिकतर शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, शोरूम्स आदि दुकानों में कस्टमर्स की भीड़ तो दिखी लेकिन खरीदारी नहीं के बराबर हुई। अधिकतर शॉपकीपर बिलिंग करने से बचते दिखे। जिसे लेकर दुकानदार और ग्राहकों में किचकिच भी हुई। टैक्स को लेकर व्यापारी असमंजस में रहे। यही वजह थी कि शनिवार को अधिकतर मार्केट में दुकानें कुछ कम भी खुली। वहीं शहर के कुछ इलेक्ट्रॉनिक्स शोरूम्स में दूसरे दिन भी ऑफर्स के साथ खरीदारी पर लोगों की जुटान देखी गई।

वाहनों की बिक्री में आई कमी

मोटर व्हीकल बाजार में बहुत कुछ खास नहीं देखने को मिला। प्री जीएसटी के तहत शुक्रवार को जहां एक दिन में सवा सौ गाडि़यां बिक गई तो वहीं शनिवार को गाडि़यों की ब्रिकी नहीं के बराबर हुई। कारण कंपनियों की ओर से न्यू रेट लिस्ट अभी तक शोरूम्स में नहीं पहुंची है। यही वजह थी कि अधिकतर बाइक व कार शोरूम्स के शटर भी गिरे रहे। हालांकि छोटे गाडि़यों का रेट कुछ घटा है तो वहीं बड़ी गाडि़यों के रेट बढ़े हैं। वाराणसी ऑटोमोबाइल्स मोटर डीलर एसोसिएशन के वरिष्ठ सदस्य गिरीश कुमार गुप्ता ने बताया कि संबंधित रेट लिस्ट भी कंपनियों की ओर से सोमवार तक संभवत: आ जाएंगे।

कम्प्यूटर बिल से चला रहे काम

पहले दिन सबसे बड़ी समस्या बिलिंग की रही। सेल्स टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से बिल का प्रारूप कई माह पहले ही जारी कर दिए गए थे। मगर कारोबारियों ने अपने व्यापार के हिसाब से नए बिल प्रिंट कराने में ढिलाई बरती। अब जब जीएसटी लागू हो गया तो आनन-फानन में कंप्यूटर द्वारा बिल बनाकर काम चला रहे हैं।

ख्ररीद-बिक्री का रखें रिकॉर्ड

यदि व्यापारी अपनी खरीद-बिक्री का पूरा विवरण अपने पास रखता है तो डरने की जरूरत नहीं है। क्योंकि वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि व्यवहारिक त्रुटियां होने पर कोई प्रतिकूल कार्रवाई नहीं की जाएगी। चूंकि जीएसटी एक नया कानून है, इसलिए इसके लागू होने के शुरूआती दिनों में इसे समझने में सभी संबंधित वर्गो को कुछ समय लगना लाजमी है।

सीए के यहां जमावड़ा शुरू

न्यू रजिस्ट्रेशन के लिए सीए व एडवोकेट के ऑफिसेज में व्यापारियों का जमावड़ा लगना शुरू हो गया है। शनिवार को भी आना-जाना लगा रहा है। हालांकि सरकार ने साफ किया है कि बिना रजिस्ट्रेशन भी व्यापारी अपना कारोबार कर सकता है। बशर्ते फ्0 दिन के अंदर रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा। वैट सर्विस टैक्स, एक्साइज ड्यूटी आदि में रजिस्ट्रर्ड पुराने कारोबारियों को जीएसटी में माइग्रेशन कराने के लिए दो माह का समय दिया गया है। तब तक वह बिल बाउचर पर अपना पुराना रजिस्ट्रेशन नंबर अंकित कर सकता है।

Posted By: Inextlive