पर्यटकों की सुविधाओं के लिए शुरू हेल्प डेस्क कोरोना काल से ही बंद मंगला समेत सभी तरह की आरती विशेष पूजा के लिए मिलता था टिकट राज्य पर्यटन विभाग के बूथ पर भी लटका है ताला

वाराणसी (ब्यूरो)देश के वल्र्ड क्लास रेलवे स्टेशनों में वाराणसी का कैंट भी शुमार है। स्मार्ट सिटी होने के कारण स्टेशन पर एग्जीक्यूटिव लाउंज में वाई-फाई, चाय, कॉफी, सॉफ्ट ड्रिंक्स, लगेज रैक, न्यूज पेपर, मैगजीन, टीवी, टॉयलेट और ट्रेन की जानकारी के लिए डिस्प्ले और अनाउंसमेंट स्पीकर आदि सुविधाएं हैं। यात्रियों के लिए एटीएम, स्कलैटर, लाइव दर्शन की व्यवस्था भी है, लेकिन जैसे ही यात्री बाहर आते हैं वैसे ही दिक्कतें शुरू हो जाती हैं। बुधवार को दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की पड़ताल में चौंकाने वाली तस्वीर सामने आई है। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर का टिकट काउंटर व पर्यटन विभाग बूथ पर ताला बंद मिला। टैक्सी व ऑटो प्रीपेड बूथ खुला था, लेकिन कोई यात्री नहीं दिखा.

हर दिन बिकते थे पांच सौ टिकट

दक्षिण भारतीय समेत बनारस आने वाली रेल यात्रियों की सुविधा के लिए कैंट रेलवे स्टेशन पर सितंबर 2019 में तत्कालीन रेल राज्यमंत्री सुरेश सी अंगड़ी ने मेन गेट पर श्री काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट हेल्प का उद्घाटन किया था। डेस्क से हर दिन औसतन चार से पांच सौ टिकट की बुकिंग होती थी। इसके लिए न्यास की ओर से यहां तीन शिफ्ट में कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई थी, लेकिन 2020 में कॉल डाउन के चलते ट्रेनें बाधित होने के बाद हेल्प डेस्क बंद कर दी गई थी, जो आज तक नहीं खुली। हेल्प डेस्क देश की अलग-अलग जगहों से आने वाले वीवीआईपी को विश्वनाथ धाम पहुंचाने में मदद करता था। मंगला समेत सभी तरह की आरती, विशेष पूजा के लिए टिकट मिलता था.

नहीं मिलती है अब कोई जानकारी

टे्रन से आने वाले पर्यटकों की सुविधा के लिए कैंट रेलवे स्टेशन के बाहर उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ने पर्यटक पुलिस बूथ और सूचना केंद्र शुरू किया था। जहां से यात्रियों को बनारस के बारे में पूरी जानकारी मिलती थी। विश्वनाथ मंदिर, गंगा घाट, संकट मोचन मंदिर, सारनाथ, रामनगर किला, सीरगोवर्धन मंदिर, कबीर प्रकाट्य स्थल आदि स्थलों के बारे में बताया जाता था, लेकिन यह भी कोरोना काल से बंद है.

प्रीपेड बूथ एक्टिव, यात्री गायब

पड़ताल के दौरान राजकीय रेलवे पुलिस वाराणसी कैंट की ओर से संचालित प्रीपेड टैक्सी व ऑटो बूथ संचालित मिले। वहां स्टाफ और टैक्सी वाले भी थे, लेकिन कोई यात्री नहीं दिखा। वहां मौजूद यशपाल ने बताया कि अभी कोई यात्री है, लेकिन दिनभर में 20 से 25 यात्री जा जाते हैं.

जीआरपी के अंडर में दो बूथ आते हैं, जो एक्टिव हंै। यात्रियों की मदद के लिए बूथ पर स्टाफ भी मौजूद रहते हैं। सुरक्षा के अलावा उचित दर पर यात्रियों को टैक्सी और ऑटो भी उपलब्ध कराया जाता है.

अनिल शर्मा, प्रभारी, जीआरपी

कोरोना की वजह से बंद हो गया था, जिसे फिर से शुरू कराने की तैयारी चल रही है। कैंट रेलवे स्टेशन के अलावा बाबतपुर एयरपोर्ट पर भी मंदिर की ओर से दर्शनार्थियों के लिए हेल्प डेस्क शुरू किया जाएगा.

डासुनील वर्मा, सीईओ, विश्वनाथ मंदिर

Posted By: Inextlive