अब बनारसी गर्ल्स भी करेंगी चक दे इंडिया
तो छू लेंगी आसमान
बनारस हॉकी का गढ़ रहा है। पद्मश्री मो। शाहिद जैसा प्लेयर ओलम्पिक में भारत की कैप्टेंसी कर चुका है। विवेक सिंह, राहुल सिंह जैसे दिग्गज भी बनारस की मिट्टी से निकल कर ओलम्पिक में अपना जलवा बिखेर चुके हैं। और भी कई प्लेयर्स भारतीय टीम के चमकते सितारे रहे हैं लेकिन बात जब वीमेंस हॉकी की होती है तो हम बनारस को काफी पीछे पाते हैं, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा, यहां की गर्ल हॉकी प्लेयर्स भी आसमान छूने का माद्दा रखती हैं और बहुत जल्द ये सपना साकार होगा, वो कैसे, यही तो बताने जा रहे हैं हम, अंदर के पेज पर। महिला हॉकी सेंटर बनाने की तैयारी में साई स्टेट गवर्नमेंट से लेकर स्थानीय स्तर पर चल रहा प्रयासVARANASI : 'चक दे इंडिया' फिल्म आपने देखी होगी तो गर्ल्स हॉकी टीम के शानदार प्रदर्शन से जरूर रोमांचित हुए होंगे। वह तो फिल्म भी लेकिन यह असलियत होती तो आप यह जरूर चाहते कि दुनिया को फतह करने वाली इस टीम में बनारस या आसपास की खिलाड़ी होनी चाहिए। आपकी यह चाहत पूरी होने वाली है। खेल को बढ़ाने देने में जी-जान से जुटा स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया ((SAI) बनारस में गर्ल्स हॉकी का सेंटर खोलना चाहती है। इसके लिए प्रदेश सरकार बातचीत चल रही है। लोकल लेवल पर भी इसकी तैयारी चल रही है।
लालपुर बन सकता है बड़ा सेंटर साई के रीजनल डायरेक्टर बनारस में महिला हॉकी सेंटर बनाने के लिए गंभीर है। उसने शहर में उपलब्ध स्पोर्ट्स ग्राउंड को अपने लेवल पर देखा है। इनमें से सबसे बेहतर लालपुर स्थित डॉ। भीमराव अम्बेडकर स्टेडियम है। खास बात यह है कि यहां एस्ट्रो टर्फ भी है। यूपी में कहीं और गर्ल्स हॉकी प्लेयर्स के लिए एस्ट्रो टर्फ मौजूद नहीं है। बदलते वक्त में ग्रास पर प्रैक्टिस से बेहतर एस्ट्रो टर्फ पर खेलना है। सभी बड़े टूर्नामेंट इस पर ही होते हैं। अगर साई किसी अन्य जगह पर सेंटर बनाएगा तो एस्ट्रो टर्फ लगाना पड़ेगा। यह काफी टाइम टेकिंग और महंगी प्रक्रिया है। लालपुर में सेंटर खुलने के बाद बिना वक्त बर्बाद किए खेल की शुरुआत हो सकती है। यहां पर हॉस्टल भी है। फिलहाल तो यह बॉयज हॉस्टल है लेकिन इसे गर्ल्स हॉस्टल में तब्दील किया जा सकता है। तेजी से चल रही कार्रवाईबनारस में गर्ल्स हॉकी सेंटर बनाने की चाहत रखने वाली साई इसके लिए तेजी से काम कर रही है। वह एक प्रोजेक्ट तैयार कर रही जिसे जल्द ही स्टेट गवर्नमेंट को भेजा जाएगा। इसमें सेंटर को बनाने के फायदे और नुकसान का जिक्र होगा। जिक्र किया जाएगा कि हॉकी के साथ ही कई और खेल को भी प्रमोट किया जा सकता है। सेंटर के लिए स्थानीय खेल संघ ने भी साई को पत्र दिया था। मैदान की हालत का जायजा लेने के लिए कुछ दिनों पहले साई के अधिकारियों की टीम लालपुर पहुंची थी। उसने एस्ट्रो टर्फ को अपनी नजर से देखा था। इसकी क्वॉलिटी को परखने के साथ ही इस पर खेल के दौरान होने वाली परेशानियों पर मंथन किया। इसके अलावा पूरे कैम्पस का जायजा लिया। अन्य खेलों के डेवलपमेंट के लिए कितनी संभावना है इसे समझने की कोशिश की। स्थानीय खेल अधिकारियों के साथ विस्तार से बात करते हुए खेल से जुड़ी अन्य जानकारी प्राप्त की।
ख्0 जिलों को मिलेगा फायदारीजनल डायरेक्टर के अनुसार बनारस खेल का बड़ा सेंटर है। डिस्ट्रिक्ट के साथ आसपास के जिलों में खिलाडि़यों में जबरदस्त ऊर्जा है। उन्हें सही ट्रेनिंग मिले तो ऊंचे लेवल पर खेल सकती हैं। देश का नाम दुनिया में रोशन कर सकती हैं। बनारस में सेंटर बनने का फायदा लगभग ख्0 जिलों को मिलेगा। लखनऊ में फिलहाल महिला हॉकी ठीक-ठाक स्तर पर खेली जा रही है। लेकिन एस्ट्रो टर्फ की सुविधा नहीं है। गर्ल्स को ग्रास पर खेलना पड़ता है। बनारस में सेंटर बनने पर मिर्जापुर, भदोही, बलिया, चंदौली समेत ढेरों डिस्ट्रिक्ट की खिलाड़ी बनारस आ सकती हैं। खेल की बारीकियां सीखकर देश के लिए खेल सकती हैं।
अभी थोड़ी हैं परेशानियां -लालपुर स्टेडियम में इटली से लाया गया एस्ट्रो टर्फ बिछाया गया है -इसे तैयार करने में लगभग तीन करोड़ रुपये खर्च हुए हैं -साई लालपुर में महिला हॉकी का सेंटर बनाने के लिए प्रयासरत है लेकिन अभी कुछ अड़चनें हैं -एस्ट्रो टर्फ की क्वॉलिटी और उसे बिछाने वाली एजेंसी के काम से साई के अधिकारी संतुष्ट नहीं हैं -बारिश के दिनों में एस्ट्रो टर्फ पर पानी लग जाने की समस्या सामने आ रही है -टर्फ को गीला करने के लिए लगाए गए स्प्रिंकलर भी ठीक से काम न करने की शिकायत आती रही -एस्ट्रो टर्फ की प्रॉब्लम की शिकायत लगातार खिलाड़ी करते रहे हैं -लालपुर स्टेडियम में साफ-सफाई और सुरक्षा की समस्या भी सामने आ रही है -महिला खिलाडि़यों को हॉस्टल में रखने के लिए भी बिजली और सुरक्षा का पर्याप्त इंतजाम करना होगा -टर्फ की प्रॉब्लम को खेल विभाग की ओर से काफी हद तक दूर किया गया है-खेल का बढि़या माहौल भी बनाने की कोशिश की जा रही है
पीएम का संसदीय क्षेत्र -महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए देश के पीएम गंभीर हैं -हाल ही में उन्होंने हर क्षेत्र में महिलाओं को आगे बढ़ाने की बात कही -पीएम का संसदीय क्षेत्र होने से सेंट्रल और यूपी गवर्नमेंट बनारस में डेवलपमेंट से जुड़े ढेरों काम कर रही हैं -शहर में खेल के बढ़ावा देने के लिए भी ढेरों योजनाएं बनायी गयी हैं -सिगरा स्टेडियम को इंटरनेशनल स्टैण्डर्ड का बनाने की कवायद चल रही है -यहां स्टैण्डर्ड वॉलीबाल कोर्ट भी बनाने की तैयारी है -साई का बनारस में महिला हॉकी सेंटर बनाने की पीछे भी बड़ी वजह पीएम के संसदीय क्षेत्र में खेल को बढ़ावा देना है बाहर जानें को मजबूर लड़कियां -बनारस में हॉकी खेल की अच्छी सुविधा न होने की वजह से गर्ल्स को बाहर जाना पड़ता है -सिटी की ढेरों लड़कियां लखनऊ हॉस्टल में खेल की बारीकियां सीख रही हैं -देश को एक से बढ़कर एक दिग्गज हॉकी खिलाड़ी देने वाले शहर में हॉकी की नर्सरी सूख रही है -जिन पुलिस लाइन, मिंट हाउस ग्राउंड से ओलम्पियन हॉकी प्लेयर निकले वहां अब खेल नहीं होता है -पुरुषों की हॉकी खेल फिर भी गति ले रहा है लेकिन गर्ल्स का खेल निखर नहीं रहा है -फिलहाल सिगरा स्टेडियम, डीएलडब्ल्यू, लहरतारा, शिवपुर में कुछ लड़कियां हॉकी खेल रही हैं -प्रारम्भिक तौर पर खेल सीखने के बाद ऊंचे स्तर पर खेलने के लिए उन्हें शहर छोड़ना पड़ता है