मोक्ष मार्ग पर गंदगी का अम्बार
-मणिकर्णिका घाट की तरफ जाने वाले रास्ते पर सफाई व्यवस्था बदहाल
जगह-जगह जमा कूड़ा व नालियों के चोक होने लोगों का राह चलना हो रहा मुश्मिल VARANASI मणिकर्णिका मोक्ष तीर्थ मार्ग पर गंदगी का अम्बार लगा है, लेकिन नगर निगम इस तरफ ध्यान नहीं दे रहा है। जगह-जगह जमा कूड़ा, चोक नालियां और रास्ते पर जमा गंदा पानी की वजह से अंतिम संस्कार करने आ रहे लोगों को दिक्कत झेलनी पड़ रही है। कूड़े और नालियों से उठने वाली दुर्गन्ध से लोगों का राह चलना दूभर हो रहा है। निगम ने इस एरिया की सफाई का जिम्मा आईएलएफस कम्पनी को सौंपा है। कम्पनी का दावा है कि एरिया की 24 घंटे में तीन बार सफाई और कूड़ा उठान होता है, लेकिन यहां जमा गंदगी उसके इस दावे को झूठा साबित कर रही है। प्रॉप सफाई तो दिक्कत क्यों आई?मणिकर्णिका मोक्ष तीर्थ व दशाश्वमेध घाट समेत आसपास के एरिया में सफाई और कूड़ा उठान करने वाली आईएलएफएस कम्पनी के अधिकारियों का कहना है कि 24 घंटे में शेड्यूल के हिसाब से सुबह, दोपहर और रात को नियमित सफाई कराई जाती है। इसके लिए सौ से ज्यादा सफाईकर्मी और वाहन चालक लगाए गए हैं। ध्यान देने वाली बात यह है कि अगर प्रॉपर तरीके से इस एरिया की सफाई हो रही है तो फिर कूड़े का उठान न होना और नालियां चोक क्यों रहती हैं?
काम में खरी नहीं एजेंसियों नगर निगम ने शहर की सफाई व्यवस्था को और प्रभावी बनाने के लिए तीन निजी एजेंसियों को सफाई, डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन और कूड़ा उठान की जिम्मेदारी दे रखी है। निगम इसकी डेली मॉनीटरिंग करता है, लेकिन एजेंसियां काम में खरी नहीं उतर रही हैं। अभी पिछले दिनों 20 से ज्यादा मोहल्लों में सफाई व्यवस्था बदहाल होने पर नगर निगम ने ईको पाल कम्पनी से करार खत्म कर दिया था। इन मोहल्लों में सफाई और डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन की जिम्मेदारी नगर निगम के सफाईकर्मियों को सौंप दी गई। एक नजर 03 निजी एजेंसियों को दिया गया है सफाई का जिम्मा 14 वार्डो में सफाई व कूड़ा उठान कराती है आईएलएफएस 30 वार्डो में कियाना को दी गई है जिम्मेदारी वर्जन-- सफाई कार्य में लगी निजी एजेंसियों के कार्यो की डेली समीक्षा की जाती है। प्रगति रिपोर्ट ठीक रहने पर एजेंसियों को भुगतान किया जाता है। अगर नियमित सफाई न होने की शिकायत आ रही है तो आईएलएफएस के अफसरों से पूछताछ की जाएगी। डॉ। एके दूबे, नगर स्वास्थ्य अधिकारीजिन वार्डो में सफाई की जिम्मेदारी मिली है। वहां सफाई कराई जाती है। ऐतिहासिक और प्राचीन स्थलों पर सफाई कार्य की डेली मॉनीटरिंग होती है।
अनुपम मिश्रा, मैनेजर, आईएलएफएस