मंडलीय अस्पताल के बर्न यूनिट में 13 में से चल रहे महज 2 एसी उमस और गर्मी से पेशेंटों को हो रही परेशानी नहीं भर रहे घाव

वाराणसी (ब्यूरो)कबीरचौरा स्थित मंडलीय अस्पताल का दुव्र्यवस्थाओं से पीछा नहीं छूट रहा है। सालों से उपेक्षित मंडलीय अस्पताल में रोजाना इलाज के लिए आने वालों पेशेंटों को मानक के अनुरूप स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिल पा रही है। लिहाजा, अस्पताल खुलते ही पर्ची काउंटर से लेकर ओपीडी, वार्ड और जांच लैब्स पेशेंटों के बोझ से चरमराने लग रहे हैैं। वहीं अब मंडलीय अस्पताल परिसर में स्थित बर्न केयर यूनिट भी बदहाली और लापरवाही का शिकार है। बर्न यूनिट में 40 टन के कुल 13 एसी लगे हुए हैैं। लेकिन, इनमें से 11 एसी साल भर से खराब हैैं और सिर्फ दो ही एसी एक्टिव हैैं। मसलन, वार्ड में पर्याप्त कूलिंग नहीं होने से इनदिनों गर्मी और उमस के चलते पेशेंटों की परेशानी बढ़ गई है, जिसकी कोई सुध लेने वाला नहीं है।

पूर्वांचल का भार, फिर भी बदहाल

कबीरचौैरा के मंडलीय अस्पताल में स्थित बर्न केयर यूनिट की बदहाली से पूर्वांचल के दर्जनभर जनपदों से आने वाले पेशेंटों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। संसाधन संपन्न पेशेंट मंडलीय अस्पताल पहुंचने के बाद यहां के बर्न यूनिट की स्थिति देख प्राइवेट में चले जाते हैैं। जबकि, अधिकांश पेशेंटों को विवशता में यहां भर्ती होकर इलाज कराना पड़ता है।

भर्ती होने के बाद शुरू होती परेशानी

पूर्वांचल के जनपद से मंडलीय अस्पताल के बर्न यूनिट में एडमिट सोनू गुप्ता ने बताया कि वह यहां कई दिनों से भर्ती है। पर्याप्त मात्रा में कूलिंग नहीं होने से उनके शरीर और जख्म वाले हिस्से में परेशानी होती है। कई बार नर्स व डॉक्टर से शिकायत करने के बाद भी हालात जस के तस हैं। मेरे बाद यहां कई पेशेंट आए और बर्न वार्ड की बदहाल स्थिति को देखकर अन्यत्र इलाज कराने चले गए।

रहता है लोड, फिर भी उपेक्षा

मंडलीय अस्पताल में बनारस, बलिया, गाजीपुर, मऊ, चंदौली, जौनपुर, आजमगढ़ समेत कई जनपदों के मरीज आते हैैं। बर्न यूनिट की एक नर्स ने बताया कि कुछ ही दिन पहले 8 से 10 पेशेंट यहां इलाज के भर्ती थे। यहां लगी 13 एसी में से सिर्फ दो एसी के चलने से पूरे बर्न वार्ड में मानक के अनुरूप कूलिंग नहीं हो पाती है। बर्न पेशेंटों के साथ मेडिकल टीम को भी परेशानी होती है। यदि कम से कम बर्न यूनिट की एसी की मरम्मत हो जाए तो मरीजों को काफी राहत रहती.

बदहाली नहीं छोड़ रही पीछा

मंडलीय अस्पताल के कई वार्ड, विभाग और लैब्स पर क्षमता से अधिक पेशेंटों का लोड सालों से है। यह लोड मौसम में बदलाव से मरीजों की बाढ़ आने पर लगभग दोगुना हो जाता है। इससे अस्पताल की हर प्रकार की व्यवस्था चरमराने लगती है। लिहाजा, मरीजों को एक ही काम या रिपोर्ट के लिए दो से तीन दिन अस्पताल का चक्कर काटना पड़ता है। ऐसे में बर्न यूनिट की अहमियत और उपयोगिता इंमरजेंसी सेवाओं जैसी ही महसूस की जाती है। अफसोस की मंडलीय अस्पताल में यह भी व्यवस्था दुरुस्त नहीं है.

मैैं एक हफ्ते से अधिक समय से यहां एडमिट हूं। दिन चढऩे से लेकर देर शाम तक गर्मी और उमस से परेशानी होती है। पर्याप्त कूलिंग नहीं होने से जख्म भरने में भी देर हो रही है। जितना जल्द हो सके एसी की मरम्मत कर दी जाए, ताकि अन्य पेशेंटों को भी दिक्कत न हो.

सोनू गुप्ता, पेशेंट, बर्न केयर यूनिट

मैैं जस्ट बर्न यूनिट का दौरा किया हूं। कूलिंग को लेकर पेशेंट परेशान हैैं। पहले सेंट्रल एसी से पूरे वार्ड की कूलिंग होती थी, जो खराब पड़ा। सेंट्रल एसी के मरम्मत के लिए इंजीनियरों से बात की जा रही है। जल्द ही एसी को दुरुस्त कराकर सुविधा बहाल कर दी जाएगी.

डॉ। घनश्याम मौर्य, एसआईसी, मंडलीय अस्पताल

Posted By: Inextlive