हाल-ए-कबीरचौरा हॉस्पिटल और पं. दीनदयाल अस्पताल रेंग रहे पंखे वॉटर कूलर की टोटियां सूखीं पं. दीनदयाल अस्पताल में वॉटर कूलर कई से नहीं निकल रहा पानी


वाराणसी (ब्यूरो)मंडलीय अस्पताल कबीरचौरा का हाल है। पं। दीनदयाल अस्पताल में भी अव्यवस्थाएं कुछ कम नहीं हैं। वाटर कूलर में से कई जगह पानी आ रहा है। कई वाटर कूलर की टोटी सूख गयी हैं। यही नहीं मरीजों के बेड के ऊपर लगे पंखा भी रेंग रहे हैं। हालांकि, पंखों को दुरुस्त करने के लिए अस्पताल प्रबंधन ने इलेक्ट्रीशियन लगाए हैं।

सीन-1

गर्मी शुरू हो चुकी है। कबीरचौरा मंडलीय अस्पताल के परिसर में सैकड़ों पेशेंट्स के साथ अटेंडेंट परेशान नजर आए। हाथ में पर्चा लिए कोई अल्ट्रासाउंड का विभाग ढूंढने में परेशान दिखा तो कोई टूटी हुई हड्डी का प्लास्टर कराने के लिए परेशान रहा। जहां पेशेंट्स की इतनी अधिक भीड़ थी। वहां पर न तो पानी की व्यवस्था दिखी न ही पंखा की। हां रूम नंबर एक के बाहर एक छोटा सा वाटर मशीन लगा दिया गया है। अटेंडेंट पानी की तलाश में मशीन के पास पहुंचे तो मशीन से ठंडा की बजाय गरम पानी आ रहा था।

सीन-2

इमरजेंसी में प्रतिदिन हजारों की संख्या में मरीज आते है। इन मरीजों के लिए गर्मी में पानी की क्या व्यवस्था की गयी है। यह देखा जा सकता है। इमरजेंसी गेट के सामने बड़ी सी टंकी है। नीचे नल भी लगा है। गर्मी के चलते टंकी सूख गयी है और बेसिन में भी एक बूंद पानी नहीं आ रहा था। जो भी मरीज नल को चालू करते एक बूंद भी पानी न आने से उनकी झुंझलाहट देखने लायक थी। पानी की तलाश में इमरजेंसी गेट के दायीं ओर लगे छोटा से वाटर कूलर मशीन के पास पहुंंचे तो राहत की सांस ली।

रेंग रहे थे पंखे

कबीरचौरा मंडलीय अस्पताल के कई वार्ड में पंखों की स्थिति देखने लायक थी। पंखा तो चल रहा था लेकिन उसकी स्पीड डोल रही थी। इसको लेकर कई मरीज भी परेशान दिखे। वहीं, कुछ बेड के ऊपर पंखा तेज स्पीड में चल रहे थे।

जहां मरीज, वहां पानी नहीं

कबीरचौरा अस्पताल में ऑनलाइन पर्चा काउंटर के पास एक भी वॉटर कूलर नहीं है और न ही पंखा। जबकि वहां पर हजारों की संख्या में मरीज प्रतिदिन आते हैं। इसके अलावा जहां मैनुअल पर्चा कटता है वहां भी लंबी लाइन लगती है। वहां पर भी मरीज व उनके तीमारदारों के लिए पानी पीने की व्यवस्था नहीं की गयी है। मरीजों को प्यास लगने पर उनको पानी के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है।

दीनदयाल में भी सूखी टोटी

पं। दीनदयाल अस्पताल में भी वाटर कूलर कई जगह लगे हैं, लेकिन इनके नलों से पानी दबाने पर हवा ही निकल रही थी। पानी के मरीज इधर से उधर भटकते रहे। जबकि अस्पताल में प्रतिदिन 8 सौ से 9 सौ मरीज आ रहे हैं। इसके बाद भी मरीजों के अस्पताल में यह व्यवस्था है। जबकि कुछ दिन पहले ही डीएम ने गर्मी को देखते हुए सभी अस्पतालों में वॉटर, पंखा को दुरस्त करने के लिए निर्देश दिए थे।

वायरल के पेशेंट अधिक

कबीरचौरा मंडलीय अस्पताल में इन दिनों करीब 1500 पेशेंट डेली आ रहे हैं। इनमें बुखार, सर्दी, खांसी, उल्टी, दस्त और सिरदर्द और बदन दर्द के मरीज ज्यादा हैं। गर्मी बढऩे के कारण इस तरह के मरीज बढ़े हैं। इन मरीजों की लाइन ओपीडी और रजिस्ट्रेशन काउंटर के बाहर देखने को मिल रही है।

फैक्ट एंड फीगर

1500 पेशेेंट डेली कबीरचौरा हॉस्पिटल की ओपीडी में आते हैं

900 पेशेेंट डेली पं। दीनदयाल अस्पताल की ओपीडी में आते हैं

325 बेड हैं कबीरचौरा हॉस्पिटल में

175 बेड हैं पं। दीनदयाल अस्पताल में

जहां पर्चा कटता है। वहां पर प्याऊ की व्यवस्था होनी चाहिए। इधर-उधर मशीनें लग जाने से ढूंढना पड़ता है.

इन्द्र कुमार, अटेंडेंट पं। दीनदयाल अस्पताल

गर्मी के दिनों में अस्पतालों में काफी फजीहत होती है। वार्ड से लेकर ओपीडी में भीड़ रहती है। कहीं पंखा चल रहा है कहीं नहीं चल रहा है.

रोहित मिश्रा, अटेंडेंट पं। दीनदयाल अस्पताल

अस्पताल में अव्यवस्थाएं बहुत हैं। इसके चलते मरीजों को दिक्कत होती है। साथ ही उनके तीमारदारों को भी परेशान होना पड़ता है.

उमेश पटेल, अटेंडेंट पं। दीनदयाल अस्पताल

पंखों और कूलर की मरम्मत की जा रही है। पर्चा काउंटर के पास जल्द ही वाटर मशीन की व्यवस्था की जाएगी। मरीजों को गरमी के दिनों में दिक्कत न हो। इसके लिए दो वाटर मशीन लगाई जाएंगी.

एसपी सिंह, एसआईसी, कबीरचौरा मंडलीय अस्पताल

पं। दीनदयाल अस्पताल में जहां भी पंखे खराब हैं। उनकी मरम्मत कराई जा रही है। पानी की भी व्यवस्था कराई जा रही है। जहां मरीजों की संख्या अधिक है। वहां पर जल्द ही वाटर कूलर मशीन रखवाई जाएगी।

दिग्विजय सिंह, सीएमएस, पं। दीनदयाल अस्पताल

Posted By: Inextlive