शहरी फिसड्डी, गंवई की बढ़ रही गड्डी
- रोडवेज की ग्रामीण डिपो ने कमाई में सबको पछाड़ा, दूसरे पर कैंट महानगर और तीसरे पर रहा काशी डिपो
- जून में बनारस रीजन को ग्रामीण डिपो ने पहुंचाया टॉप पर VARANASIग्रामीण डिपो में संविदा पर तैनात रहे 11 परिचालकों की बर्खास्तगी का असर ऐसा हुआ कि ग्रामीण डिपो की कमाई बढ़ गई। भ्रष्टाचार में बर्खास्त हुए परिचालकों का असर रोडवेज की अर्निग पर हुआ। घाटे में दौड़ रहे रोडवेज बनारस रीजन के लिए ग्रामीण डिपो कुबेर बनकर सामने आया है। पिछले जून माह में ग्रामीण डिपो ने 22 लाख 29 हजार रुपये की कमाई कर रिकॉर्ड बनाया है। जबकि महानगर कैंट डिपो 13 लाख 58 हजार और काशी डिपो 13 लाख 60 हजार रुपये कमाई कर सका। जबकि काशी और कैंट महानगर के पास क्रमश: 92 व 96 बसें है। वहीं ग्रामीण डिपो ने सिर्फ 84 बसों के बदौलत 22 लाख 29 हजार रुपये की अर्निग की। बनारस रीजन में सबसे कम कमाई करने में जौनपुर डिपो पांच लाख 58 हजार रुपये, गाजीपुर डिपो दो लाख 94 हजार और चंदौली डिपो पांच लाख 19 हजार रुपये कर रहा।
कहां-कहां कितनी बसें कैंट डिपो में 96 बस काशी डिपो में 92 बस ग्रामीण डिपो में 84 बस चंदौली डिपो में 34 बस गाजीपुर डिपो में 90 बसजौनपुर डिपो में 99 बस
सोनभद्र डिपो में 59 बस विंध्यनगर डिपो में 53 बस बनारस रीजन में टोटल- 607 बस है। जून में कमाई ग्रामीण डिपो 22 लाख 58 हजार कैंट डिपो 13 लाख 58 हजार काशी डिपो 13 लाख 60 हजार सोनभद्र डिपो 21 लाख 21 हजार विंध्यनगर डिपो 15 लाख 94 हजार जौनपुर डिपो पांच लाख 58 हजार गाजीपुर डिपो दो लाख 94 हजार चंदौली डिपो पांच लाख 19 हजार समय और चालक-परिचालकों के बीच समन्वय का नतीजा है कि ग्रामीण डिपो ने जून माह में रिकॉर्डतोड़ कमाई की है। यह आगे भी ऐसे ही जारी रहेगा। हरेकृष्ण मिश्रा, एआरएम ग्रामीण डिपो