सावन बाद ई-बसों की सौगात
-फर्स्ट फेज में दस ई-बस सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज के बेड़े में होंगी शामिल,
-पॉल्यूशन कंट्रोल की दिशा में साबित होंगी कारगर VARANASI बनारस को पाल्यूशन मुक्त करने की दिशा में काम शुरू हो गया है। प्लास्टिक बैन होने के बाद डीजल-पेट्रोल से संचालित वाहनों पर भी लगाम कसने की तैयारी चल रही है। परिवहन निगम से इसकी शुरुआत प्रदेश सरकार करने जा रही है। सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज को शहर में चलाने के लिए दस इलेक्ट्रानिक बस की सौगात मिली है। उम्मीद जताई जा रही है कि सावन खत्म होने के बाद भीड़ कम होते ही ई-बस रोडवेज बनारस डिविजन को मिल जाएंगी। फर्स्ट फेज में मिल रहीं दस ई-बसों को ट्रायल बेस पर चलाया जाएगा। रिस्पांस अच्छा मिलने के बाद ई-बसों की संख्या बढ़ाई जाएगी। 32-40 सीटर की होगी बसबेहद आकर्षक और बनारस की सड़कों के हिसाब से ई-बसों को मॉडिफाई किया जा रहा है। ई-बसों को चार्ज करने के लिए सिटी वर्कशॉप में चार्जिग प्वाइंट बनाने का भी काम तेजी से चल रहा। ई-बस में 32 से 40 पैसेंजर्स एक साथ बैठ सकेंगे। ई-बसों के संचालन से पाल्यूशन कंट्रोल करने में मदद मिलेगी।
150 ई-बसों की है आसशुरुआत में तो सिर्फ दस ई-बस की सौगात मिली है। लेकिन परिवहन निगम के जानकार बताते हैं कि पीएम का संसदीय क्षेत्र होने के नाते बनारस को लगभग डेढ़ सौ ई-बसों की सौगात मिलनी तय है। सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज से संचालित बसों की कंडीशन कंडम हो चुकी है, आठ साल पुरानी बसों को हटाने की तैयारियां तेजी से चल रही है।
सिटी ट्रांसपोर्ट के बेड़े में दस ई-बसें मिली हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि सावन के बाद बस सेवा शुरू होगी। ई-बसों को लेकर तैयारियां तेज हो गई है। स्वामी नाथ पाठक, एआरएम सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज रोडवेज एक नजर 130 सिटी बस चल रही हैं 70 बस काशी डिपो के हवाले 60 बस कैंट डिपो के जिम्मे 10 ई-बस मिली है सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज को