पीएम नरेंद्र मोदी 13 दिसंबर को श्रीकाशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर का लोकार्पण करेंगे. इसको लेकर पूरे शहर को सजाया संवारा जा रहा है.

वाराणसी (ब्यूरो)। अशोक कालीन सारनाथ साइट के धमेख स्तूप, धर्मराजिका स्तूप, एकाश्म वेदिका, हजारों मनौती स्तूप, पंचायतन प्लेस, राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह अशोक चिन्ह, पूजा-उपासना स्थल समेत पूरे परिसर को चमकाया जा रहा है। बारीकी से साफ-सफाई किए जाने से ये धरोहर निखर उठे हैैं।

स्किल्ड श्रमिक कर रहे काम
बता दें कि सारनाथ गौतम बुद्ध की धर्म स्थली है। बौद्ध धर्म से जुड़े यहां पर कई ऐतिहासिक धरोहर और इमारतें मौजूद हैं। इन धरोहर को चमकाने का कार्य गत दो-तीन महीनों से किया जा रहा है। सफाई के लिए 25 से 30 स्किल्ड श्रमिक काम पर लगाए गए हैैं। ये पुरातत्व विभाग से मुहैया कराए गए खास प्रकार के शैम्पू, क्लीनर, ब्रश का इस्तेमाल कर रहे हैैं। सफाई के दौरान ध्यान रखा जा रहा है कि स्तूप या स्थल को जोड़, पॉलिश, नक्काशी और वास्तुकला को नुकसान नहीं पहुंचे।


हमारी पूरी टीम आई हुई है। यहां की व्यवस्था और साफ-सफाई देखकर काफी प्रसन्नता हो रही है। तथागत से जुड़े पवित्र स्तूप और स्थल चमक रहे हैैं। जिसे देखकर मन को सुकून पहुंच रहा है।
- सुधाकर जाधव, सैलानी, मराठवाड़ा

सारनाथ अशोक कालीन भारत की अमुल्य धरोहर है। इसको सहेज व संवार कर रखा जाना बहुत आवश्यक है। सफाई के दौरान स्किल्ड श्रमिक और खास तरह के वॉशिंग लिक्विड का इस्तेमाल किया जाता है।
- प्रो। महेश प्रसाद अहिरवार, इतिहास विभाग, बीएचयू

Posted By: Inextlive