शहर में बारिश से पहले नगर निगम ने तैयार किया प्लान नगर स्वास्थ्य अधिकारी ने चिह्नित किया स्थान


वाराणसी (ब्यूरो)बंगलुरू की तर्ज पर बनारस का सीवरेज और गार्बेज सिस्टम डेवलप होगा। कूड़ाघरों के बाहर बनाए जाएंगे कंपोस्ट सिस्टम, जिससे गीला और सूखा कूड़ा को अलग किया जा सके। शहर में एक ही जगह गीला और सूखा कूड़ा को फेंक दिया जाता है इसके चलते नगर निगम को कूड़ा उठान में दिक्कत होती है। इसके लिए नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा। प्रदीप कुमार शर्मा ने बंगलुरू सिटी का विजिट किया। वहां के सीवर और गार्बेज सिस्टम की बारीकियों को देखा। इसके बाद बनारस में उस सिस्टम के आधार पर प्लान बनाना शुरू कर दिए हंै.

सीवर सिस्टम होगा दुरुस्त

नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा। प्रदीप कुमार शर्मा ने बताया कि बंगलुरू में सीवर का सिस्टम काफी हाईटेक है। कहीं भी ओपेन में नाला, न ही नाली दिखी। सभी जगह नाला और नाली को ढंका गया था। इससे कूड़ा नाला में नहीं जा पाते और जाम की समस्या नहीं होती है। बारिश के दिनो में सीवरेज सिस्टम चोक नहीं होता। यही वजह है कि बंगलुरू में जगह-जगह पानी लगने की समस्या कम होती है.

मेयर से चल रही बात

बंगलुरू की तर्ज पर वाराणसी में सीवर सिस्टम को डेवलप करने के लिए मेयर अशोक तिवारी से बात चल रही है। यहां के भी सीवर सिस्टम को अपडेट किया जाएगा। जहां-जहां खुला नाला और नाली उसे ढंकने का काम शुरू होगा। कोशिश यह है कि बारिश के पहले नाली और नाली को ढक दिया जाए जिससे कूड़ा उसमें न जा पाए और चोक की समस्या कम हो।

ढका जाएगा एक दर्जन नाला

शहर में जहां-जहां खुली नाली और नाला है उसे जल्द से जल्द ढका जाएगा। इसके लिए शहर के नालों को चिह्नित करने काम जल्द शुरू होगा। कमच्छा स्थित खोजवां जाने वाले सड़क के किनारे कई जगह नाला खुला है। इसके अलावा सरैया, चितईपुर, नगवा, सुंदरपुर समेत कई जगह स्थान है जहां नाली और नाला खुले हुए है। यहां पर बारिश के पहले ढकने का काम शुरू किया जाएगा.

नहीं होगा चोक

बंगलुरू में जिस तरह से गीला और सूखा कूड़ा को अलग किया जाता है उसी तरह से यहां भी सिस्टम को कड़ाई से शुरू किया जाएगा। इसके लिए वाराणसी वेस्ट साल्यूशन के कर्मचारियों को निर्देशित किया गया है। गीला कूड़ा और सूखा कूड़ा अलग हो जाने पर काफी हद तक सीवर चोक की समस्या दूर हो जाएगी। इसके लिए घर के बाहर डस्टबिन रखा जाएगा। इस डस्टबिन में गीला ऑर सूखा कूड़ा को अलग-अलग रखने के लिए कहा जाएगा.

सीवर सिस्टम तभी दुरुस्त होगा जब गीला और सूखा कूड़ा को अलग रखा जाएगा। कूड़ा उड़कर सीवर में चला जाता है। इसके चलते नाली हो या फिर नाला चोक हो जाता है। यह सिस्टम बंगलुरू में डेवलप हो चुका है.

डॉप्रदीप शर्मा, नगर स्वास्थ्य अधिकारी

Posted By: Inextlive