फिर सामने आई बड़ी चूक
कई अलर्ट के बाद भी श्री काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर में तैनात जवानों की सामने आई लापरवाही
शुक्रवार को रेड जोन में कैमरा लेकर घुसा विदेशी, शाम को मोबाइल भी पहुंचा प्रतिबंधित क्षेत्र में VARANASIसावन के दौरान काशी के आतंकी टारगेट पर होने का अलर्ट खुफिया एजेंसियों ने जारी किया है। इस आदेश के बाद पुलिस अधिकारी शहर की सुरक्षा को पुख्ता होने की बात कह रहे हैं लेकिन पूरे सावन के दौरान जहां सबसे ज्यादा भीड़ होती है वहां सुरक्षा से रोज खिलवाड़ हो रहा है। वो जगह है श्री काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर। यहां सुरक्षा के नाम पर डेली लाखों रुपये खर्च होने के बाद भी इस सेंसेटिव एरिया में कभी कोई पुलिस वाला गन के साथ पहुंच जा रहा है और कभी कोई मंत्री का गनर। हद तो तब हो गई जब शुक्रवार को एक विदेशी कैमरे के साथ रेड जोन में पहुंच गया। यही नहीं देर शाम इस प्रतिबंधित क्षेत्र में एक व्यक्ति मोबाइल संग पकड़ा गया।
गेट नंबर दो से आया अंदररेड जोन के गेट नंबर ख् (सरस्वती फाटक) से साइबेरिया के कार्टनर व महिला जैतियुस प्रवेश कर अन्नापूर्णा मंदिर पहुंच गए। यहां कैमरा निकालकर फोटो लेने के दौरान उनको मंदिर के एक कर्मचारी ने देख लिया और पास ही ड्यूटी पर तैनात सीआरपीएफ के जवान को बताया। जिसके बाद जवान ने दोनों विदेशियों को वहां कैमरा प्रतिबंधित होने की बात बताई। इस बीच इसकी सूचना पाली प्रभारी तक पहुंच गई और पुलिस ने दोनों विदेशियों को पकड़कर उनका कैमरा चेक किया और पूछताछ के बाद छोड़ दिया।
नहीं लिया सबक शुक्रवार की दोपहर में हुई इस बड़ी चूक के बाद भी रेड जोन की सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मियों ने सबक नहीं लिया। देर शाम इस प्रतिबंधित क्षेत्र में मोबाइल पहुंच गया। दरअसल गोदौलिया स्थित जयपुरिया भवन के मैनेजर का बेटा कुछ लोगों के साथ बाबा दर्शन पूजन करने आया था। ढुंढिराज पॉइंट से प्रवेश करने के बाद वो भैंरो कोठारी से (मंदिर का दूसरा प्रवेश द्वार) होता हुआ विश्वनाथ मंदिर के रास्ते तक पहुंच गया। इस दौरान मंदिर गेट पर तैनात सुरक्षाकर्मी ने चेक किया तब उसके पॉकेट से मोबाइल फोन मिला। इस बीच सूचना पर पहुंचे सुरक्षा अधिकारियों ने जांच शुरू की तो ढुंढीराज पॉइंट पर तैनात सुरक्षाकर्मियों ने कहा कि उक्त व्यक्ति के साथ चल रहे व्यक्ति ने रेड जोन में जाने का पास दिखाया था। जिसके कारण प्रॉपर चेकिंग नहीं की गई। इस पर पुलिस अधिकारियों ने पास के जांच की बात कही।इतने के बाद भी नहीं हैं अलर्ट
-विश्वनाथ मंदिर की सुरक्षा को लेकर हर महीने लाखों रुपये खर्च हो रहे हैं। - लोकल पुलिस, पीएसी, सीआरपीएफ और कमांडोज करते हैं मंदिर की सुरक्षा। - मंदिर में आने के लिए दो अलग अलग पॉइंट्स पर होती है जांच। - पहली जांच मंदिर के येलो जोन से रेड जोन में आने वाले गेट पर होती है दूसरी जांच मंदिर के मुख्यद्वार पर होती है। -जांच के लिए पुलिस वालों को हैंड मेटल डिटेक्टर दिए गए हैं। - एंट्री गेट पर डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर भी लगा है। - मंदिर की सुरक्षा के लिए हर तीन महीने में हाई पावर कमेटी की मीटिंग होती है। - जिसमें एडीजी से लगायत सचिव लेवल के ऑफिसर रहते हैं मौजूद। - इसके बावजूद आये दिन कोई न कोई प्रतिबंधित वस्तु रेड जोन में पहुंच जा रहा है। - पिछले दिनों एक पूर्व मंत्री का गनर असलहे संग पहुंचा था। - सावन के पहले सोमवार को दरोगा पिस्टल लेकर रेड जोन में पहुंच गया था। - इसके बाद भी दोषियों पर नहीं हुई कोई कार्रवाई। हो सकता है आतंकी ट्रायल -शहर का सबसे महत्वपूर्ण और सेंसेटिव श्री काशी विश्वनाथ मंदिर है आतंकियों के टारगेट पर।-किसी भी अलर्ट के बाद यहां सुरक्षा पहले बढ़ाई जाती है।
-ताकि कोई आतंकी यहां तक न पहुंच सके। - इसके बावजूद बार बार चूक होना किसी बड़ी अनहोनी के होने की ओर इशारा कर रहा है।