बसंत पंचमी के मान-विधान अनुसार बाबा विश्वनाथ का तिलकोत्सव मंगल गीतों से गूंजा महंत आवास पंचबदन रजत मूर्ति की सजी झांकी

वाराणसी (ब्यूरो)माघ शुक्ल पंचमी पर गुरुवार को वसंत पंचमी के मान-विधान अनुसार काशी में बाबा विश्वनाथ का तिलकोत्सव मनाया गया। इसके लिए टेढ़ीनीम के बागला धर्मशाला स्थित हनुमान मंदिर से काशीवासियों ने डमरुओं की थाप के बीच चढ़ावे की थाल लिए शोभायात्रा निकाली। महंत आवास पहुंचने पर शहनाई की धुन से तिलकहरुओं का स्वागत किया गया। उद्यमी केशव जालान ने काशीवासियों की ओर से बाबा का तिलक चढ़ाया। इसमें वस्त्र-मिष्ठान के साथ आभूषण आदि समर्पित किए। महंत डा। कुलपति तिवारी के सानिध्य में तिलकोत्सव की रस्म पूरी की गई.

मंगला आरती की गई

तिलक के निमित्त टेढ़ीनीम स्थित महंत आवास पर भोर में बाबा विश्वनाथ की पंचवदन रजत मूर्ति की मंगला आरती की गई। आचार्यों ने चारों वेदों की ऋचाओं के सस्वर पाठ के बीच दुग्धाभिषेक किया। बाबा को फलाहार का भोग अर्पित किया गया। पांच प्रकार के फलों के रस के रस से रुद्राभिषेक और फिर दोपहर में स्नान आदि करा कर मध्याह्न भोग-आरती की गई। इसके साथ ही मंगल गीतों से महंत आवास गूंज उठा। विश्राम के बाद बाबा की दूल्हा रूप में विशेष शृंगार झांकी सजाई गई। संध्या आरती व भोग के बाद शाम पांच बजे भक्तों के दर्शन के लिए पट खोल दिए गए। इसके साथ तिलक के अनुष्ठान शुरू हुए.

यह है मान्यता

लोक मान्यता है कि भोले शंकर का विवाह महाशिवरात्रि पर हुआ तो रंगभरी एकादशी पर बाबा माता गौरा का गौना लाए। इससे पहले वसंत पंचमी पर तिलक की रस्म पूरी की गई। काशी विश्वनाथ मंदिर महंत परिवार में यह रस्म 350 साल से निभाई जा रही है।

Posted By: Inextlive