-बोर्ड एग्जाम के सेंटर के लिए स्कूल की जियो टैगिंग न होने से बढ़ गयी दूरी

-जनरल स्टोर तो किसी ने चाय की दुकान से फीड कर दिया लोकेशन

यूपी बोर्ड के एग्जाम सेंटर में दूरी को लेकर हड़कंप मचा हुआ है। किसी को सेंटर 15 तो किसी को 30 किमी दूर दे दिया गया है। लिस्ट देखते ही स्कूल से लेकर स्टूडेंट्स तक के होश उड़ गए हैं। जिले में एग्जाम सेंटर बनाने के लिए जियो टैगिंग का सहारा लिया गया। जिससे स्कूल का सही लोकेशन बोर्ड के पास मौजूद रहे। लेकिन इसकी बिना ट्रेनिंग लिए अप्लाई करने वालों ने स्कूल को जनरल स्टोर व चाय की दुकान बना दिया। यह पढ़कर आप हैरत में पड़ गए होंगे। लेकिन यह हकीकत है। जिले में यूपी बोर्ड के लिए बने सेंटर की जियो टैगिंग में यही हुआ है। यही कारण है कि स्कूल की सही दूरी साफ्टवेयर में दर्ज नहीं हो पायी है। इसको लेकर दो सौ से अधिक स्कूल्स प्रबंधन ने अपनी शिकायत दर्ज करायी है।

मार्केट तो किसी ने मुहल्ले से कर दिया टैगिंग

दरअसल, यूपी बोर्ड ने सेंटर बनने वाले स्कूल्स से पूरा डिटेल उपलब्ध कराने के लिए निर्देश दिया था। जिसमें रूम, सीसी कैमरा, बाउंड्री वाल, एंट्री प्वाइंट सहित उसका लोकेशन मांगा गया था। ये सभी डिटेल ऑनलाइन देना था। जिसमें लोकेशन के लिए जियो टैगिंग का सहारा लेना था। इसको टैगिंग करने वाले समझ नहीं पाए किसी ने मार्केट तो किसी ने अपने मुहल्ले से टैगिंग कर दी। यही गले की फांस बन गया। जियो टैगिंग में कहीं जनरल स्टोर तो कहीं चाय की दुकान का लोकेशन फीड हो गया। ऐसे में एक स्कूल से दूसरे कैंपस की दूरी भी गड़बड़ शो करने लगा। और जब लिस्ट फाइनल हुई तो ऑफिसर्स से लेकर स्कूल प्रबंधन तक का सर चकरा गया। प्रिंसिपल अपनी गुहार लेकर पहुंच गए। जब इसकी जांच हुई तो पूरे मामले से पर्दा उठा। हालांकि बोर्ड की ओर से ऑब्जेक्शन के लिए समय दिया गया है। जिसके बाद इसपर अमल शुरू कर दिया गया है।

शुरू हुई फिर से टैगिंग

एग्जाम सेंटर की दूरी की गड़बड़ी को दूर करने के लिए डीआइओएस ऑफिस की ओर से एक बार फिर जियो टैगिंग करायी जा रही है। स्कूल कैंपस में जाकर उसकी लोकेशन को फीड किया जा रहा है। ताकि दूरी को लेकर कोई कंफ्यूजन न रहे। हालांकि इसमें इंटनेट के नेटवर्क का बड़ा रोल है। इसके चलते ही टैगिंग सही नहीं हो पायी थी। पर अब इसे हर हाल में दूरुस्त करने का निर्देश दिया गया है।

140 स्कूल की बदल गयी दूरी

पिछले साल 102308 परीक्षाíथयों के लिए वाराणसी में 142 सेंटर बनाए गए थे। वहीं इस बार 102000 परीक्षाíथयों के लिए 135 सेंटर बने हैं। इस प्रकार इस साल सात सेंटर कम कर दिए गए हैं। बोर्ड ने एक सेंटर पर अधिकतम 1200 परीक्षार्थी आवंटित करने का मानक निर्धारित किया था। वहीं सेंटर को 1300-1300 परीक्षार्थी एलॉट कर दिए गए हैं। बता दें कि जियो टैगिंग प्रॉपर न होने से जिले के 140 स्कूल की दूरी बदल गयी। ये स्कूल 13 से 30 किमी दूर हो गए। यही नहीं सरदार पटेल इंटर कालेज (बावनबीघा) के हाईस्कूल के बालकों को वीपी गुजरात विद्या मंदिर (भैरवनाथ) तथा बालिकाओं को कमलापति बालिका इंटर कालेज (कैंट) भेजा गया है। इसी प्रकार इंटर के ब्वायज का एग्जाम सेंटर आरपी रस्तोगी इंटर कालेज (बांसफाटक) तथा ग‌र्ल्स का रानीमुरार बालिका इंटर कालेज (भोजूबीर) भेजा गया है। बावनबीघा ग्रामीण अंचल का स्कूल है। इसमें ज्यादातर स्टूडेंट्स गांवों से पढ़ने आते हैं। इंटर की बालिकाओं को छोड़कर दसवीं व बारहवीं के सभी बालकों व बालिकाओं का सेंटर आठ से दस किमी दूर बना दिया गया है। इसे लेकर स्कूल्स के प्रिंसिपल आपत्ति दर्ज करायी है।

कोट ::

स्कूल की जियो टैगिंग दुकान या मार्केट से होने के कारण उसकी दूरी गड़बड़ी हो गयी थी। जिसे दूर करने के लिए फिर से जियो टैगिंग हुआ है। सेंटर की फाइनल लिस्ट में यह गड़बड़ी दूर हो जाएगी।

डॉ। वीपी सिंह, डीआइओएस

Posted By: Inextlive