- स्टूडेंट्स काउंसिल इलेक्शन का विरोध करने वालों ने कई गाडि़यां फूंकी, दर्जनों में की तोड़फोड़

- सेंट्रल ऑफिस में घुसकर वीसी और रेक्टर पर हमला, सिक्योरिटी गार्ड की गोली से स्टूडेंट घायल

- पुलिस फोर्स ने उपद्रव कंट्रोल करने के लिए कई राउण्ड की हवाई फायरिंग, दर्जनों हुए हैं इंजर्ड

VARANASI : महामना की बगिया बीएचयू गुरुवार को जबरदस्त बवाल की चपेट में आ गया। स्टूडेंट काउंसिल इलेक्शन का विरोध करने वाले स्टूडेंट्स ने ऐसा बवाल काटा कि पूरा कैम्पस बैटल ग्राउंड बन गया। धरना-प्रदर्शन से शुरू हुआ विरोध देखते ही देखते लाठीचार्ज, पथराव, आगजनी, फायरिंग में तब्दील हो गया। क्या कुछ हुआ इस उपद्रव में, डिटेल रिपोर्ट अंदर के पेज पर।

आंदोलन में आग, बीएचयू कैम्पस बना रणभूमि

बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट्स काउंसिल इलेक्शन का विरोध करते हुए फुल फ्लेज्ड छात्रसंघ की मांग करने वाले स्टूडेंट्स गुरुवार को हिंसक हो गए। काउंसिल के लिए नॉमिनेशन प्रक्रिया का विरोध करने वाले स्टूडेंट्स ने कई ग्रुप्स में सुबह ही तोड़फोड़ शुरू कर दी। पुलिस ने एक्शन लिया तो दर्जनों गाडि़यों में तोड़फोड़ करते हुए कई गाडि़यों को आग के हवाले कर दिया। एक ग्रुप ने सेंट्रल ऑफिस में हमला कर वीसी और रेक्टर के साथ मारपीट की कोशिश की। यहां सिक्योरिटी गार्ड की फायरिंग में एक स्टूडेंट के घायल होने की खबर है। जबकि स्टूडेंट्स और पुलिस फोर्स के बीच सुबह से शाम तक हुए गोरिल्ला युद्ध एक दर्जन से ज्यादा लोग इंजर्ड हुए हैं। पुलिस ने सिचुएशन कंट्रोल करने के लिए कई राउण्ड हवाई फायरिंग भी की है।

सुबह की आ गए एक्शन में

स्टूडेंट काउंसिल इलेक्शन के तय कार्यक्रम के अनुसार गुरुवार को नॉमिनेशन होना था। इसके विरोध में पूर्ण छात्रसंघ की मांग कर रहे छात्र ने नारेबाजी करते हुए अगल-अलग गुटों में कैम्पस में एंट्रेस के सभी गेट बंद करा दिए। यहां तक की मेन गेट सिंहद्वार भी बंद करा कर वहां कब्जा जमा लिया। स्टूडेंट्स सिवाय एम्बुलेंस को छोड़ किसी गाड़ी को अंदर नहीं आने दे रहे थे। आम लोगों के साथ बदतमीजी की शिकायतें भी यहां आम रहीं। गेट न खुलने पर करीब ढाई बजे पुलिस एक्शन में आई और लाठीचार्ज किया। इससे स्टूडेंट्स सर सुंदरलाल हॉस्पिटल के पीछे पहुंचे और वहां खड़ी गाडि़यों में तोड़फोड़ शुरू कर दी। हॉस्टल रोड से गुजर रहे कुछ गाडि़यों को फूंक दिया।

पुलिस ने की फायरिंग

हॉस्टल रोड पर उपद्रव करने वालों और पुलिस फोर्स में घंटों पथराव और गुरिल्ला युद्ध चला। पुलिस ने स्टूडेंट्स को खदेड़ा तो वो बिरला हॉस्टल में घुस गए। हॉस्टल का गेट बंद करके मोर्चेबंदी कर ली। छत और बालकनी से पुलिस बल पर पत्थर और कांच की बोतलें बरसाने लगे। भारी पत्थरबाजी में पुलिस हॉस्टल के अंदर घुसने की हिम्मत नहीं दिखा पा रही थी। स्टूडेंट्स में डर पैदा करने के लिए क्ब् राउंड हवाई फायरिंग की। इससे छात्रों की पत्थरबाजी कुछ कम हुई। पुलिस अफसरों ने जब बताया कि विरोध को देखते हुए स्टूडेंट काउंसिल इलेक्शन प्रक्रिया स्थगित की गयी है और यदि स्टूडेंट शांत हो जाएं तो किसी पर कोई कार्रवाई नहीं होगी, तब स्टूडेंट कुछ शांत हुए।

सेंट्रल ऑफिस में बोला धावा

हॉस्टल रोड पर उपद्रव शांत पड़ा तो कुछ ही देर बार एक अन्य गुट ने सेंट्रल ऑफिस पर धावा बोला दिया। जो कुछ उनके सामने आया उसे तहस-नहस कर दिया। फर्नीचर, गमले, बैरकेडिंग तोड़ते हुए स्टूडेंट वीसी और रेक्टर के ऑफिस में घुस गए। यहां भी तोड़फोड़ की। चर्चा है कि वीसी प्रो। राजीव संगल और रेक्टर प्रो। कमलशी के साथ स्टूडेंट्स ने बदतमीजी भी इस पर वहां एक सीनियर प्रोफेसर ने स्टूडेंट्स पर फायर झोंक दिया। गोली एसवीडीवी में शास्त्री के छात्र शिवम के पैर में लगी। उसे बीएचयू हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया है। शाम पांच बजे डीएम प्रांजल यादव और एसएसपी जोगेन्द्र भी कैम्पस में पहुंचे और कार्रवाई का जायजा लेते रहे। पुलिस फोर्स देर रात तक हॉस्टल में नहीं घुस सकी।

पहले ही तैयार हो गयी थी पृष्ठभूमि

बीएचयू में जो भी हुआ वह कोई अप्रत्याशित नहीं था। इसकी पृष्ठभूमि पहले ही तैयारी हो चुकी थी। स्टूडेंट्स के लगातार विरोध के बावजूद स्टूडेंट काउंसिल इलेक्शन की प्रक्रिया चालू थी। पूर्ण छात्रसंघ की मांग कर रहे छात्रों इसके विरोध में गुरुवार को छात्र कफ्र्यू का आयोजन किया था। एहतियात के तौर बीएचयू एडमिनिस्ट्रेशन ने जिला प्रशासन से मदद मांगी और बुधवार की रात में ही भारी फोर्स तैनात कर दी गयी। हालांकि रात में बाहरी फोर्स को देख स्टूडेंट्स ने रातों-रात मोर्चा लेने के लिए तैयारी कर ली। हॉस्टल्स से जिस तरह ईट-पत्थर, शीशे की बोतलें फेंकी गई, उससे साफ हो गया कि स्टूडेंट्स जवाबी हमले के लिए पूरी तरह तैयार थे।

हर कोई हुआ हलकान

छात्रों के बवाल का असर सिर्फ बीएचयू कैम्पस में पढ़ाई-लिखाई पर ही नहीं पड़ा। इसकी जद में आंदोलन से अलग स्टूडेंट्स, मरीज और उनके परिजन भी आए। बीएचयू के सारे गेट घंटों बंद होने से स्कूली बच्चे घर तक घंटों लेट से पहुंचे। पथराव और लाठीचार्ज के बीच उनकी सुरक्षा भी खतरे में पड़ी। सर सुंदरलाल हॉस्पिटल में इलाज के आए मरीज और उनके परिजन स्टूडेंट्स के गुस्से से बचने को भागते फिरते रहे। हॉस्पिटल और कैम्पस में किसी ने किसी काम से पहुंचे दर्जनों लोगों को अपनी गाडि़यों का शीशा तुड़वा कर कीमत चुकानी पड़ी। लंका पर वाहनों का आवागमन घंटों डिस्टर्ब रहा।

Posted By: Inextlive