कोरोना: चुनौतियों के बावजूद मॉडल बना दून
- कोरोना के 90 दिन के सफर में कभी उत्साह, तो कभी निराशा का माहौल
- सबसे ज्यादा केस होने के बावजूद, इंफेक्शन रेट स्टेट एवरेज से कम देहरादूनकोविड-19 को दून पहुंचे 90 दिन पूरे हो चुके हैं। इन 90 दिनों में जो स्थितियां सामने आई, उनसे कई बार दूनाइट्स को निराशा का सामना करना पड़ा तो कई मौके ऐसे भी आये जब लगा कि दून आसानी से इस लड़ाई का जीत लेगा। 15 मार्च को राज्य में पहला कोरोना पॉजिटिव देहरादून में सामने आया था। इन 90 दिनों में 80 दिन ऐसे रहे हैं, जब दून टोटल पॉजिटिव केसेस में पहले स्थान पर रहा है। 15 जून को 90 दिन का सफर पूरा करने तक दून के खाते में सबसे ज्यादा 481 केस दर्ज हैं, बावजूद इसके इंफेक्शन रेट में दूर स्टेट एवरेज से पीछे है। टेस्ट की संख्या और सर्विलांस के मामले में भी दून ने राज्य के अन्य जिलों के सामने एक मॉडल पेश किया है। देहरादून स्थिति सोशल डेवलपमेंट फॉर कम्युनिटी फाउंडेशन लगातार कोरोना संबंधी आंकड़ों का विश्लेषण कर रही है।
इंफेक्शन रेट 3.35 परसेंटदून में 15 जून तक कुल 481 पॉजिटिव केस सामने आये, जो राज्य में सबसे ज्यादा हैं। इसके बावजूद इंफेक्शन रेट यानी कुल टेस्ट किये गये सैंपल में पॉजिटिव आये सैंपल में दून स्टेट एवरेज से पीछे है। राज्य में कुल टेस्ट किये गये सैंपल में 4.54 परसेंट सैंपल पॉजिटिव आये हैं, जबकि देहरादून में टेस्ट किये गये कुल सैंपल में से 3.35 परसेंट सैंपल पॉजिटिव आये हैं। इंफेक्शन रेट में टिहरी गढ़वाल सबसे आगे है। यहां इंफेक्शन रेट 11.25 परसेंट है।
सैंपलिंग में भी दून आगे राज्य में सैंपलिंग की संख्या के हिसाब से भी देहरादून का प्रदर्शन अच्छा रहा है। 90 दिन में दून में कुल 14,200 सैंपल टेस्ट किये गये। हरिद्वार जिले की जनसंख्या देहरादून से ज्यादा होने के बावजूद यहां मात्र 6,494 सैंपल ही टेस्ट किये गये। बागेश्वर जिले में सबसे कम 576 सैंपल की जांच की गई। 80 दिन तक पहले नंबर पर कोरोना के 90 दिनों में देहरादून कुल पॉजिटिव केस के लिहाज से 80 दिन पहले नंबर पर रहा और कोरोना को लेकर सबसे ज्यादा सुर्खियों में भी रहा। 24 मई से 3 जून तक के 10 दिन टोटल केस के मामले में नैनीताल जिला दून से आगे रहा। चुनौतियां बरकरारबेशक दून में इंफेक्शन रेट बाकी जिलों से कम हो, लेकिन कुछ चुनौतियां अब भी बरकरार हैं। राज्य के 70 परसेंट पॉजिटिव केस अब भी देहरादून में हैं। राज्य में देहरादून ही एकमात्र ऐसा शहर है, जहां सब्जी मंडी जैसे कम्यु़निटी स्प्रेड वाले मामले सामने आये हैं। हालांकि स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन की ओर से समय पर जरूरी कदम उठाये जाने के कारण इस स्थिति पर कंट्रोल किया जा सका है।
कम्युनिटी सर्विलांस बेहतर देहरादून ने कम्युनिटी सर्विलांस के मामले में भी अन्य जिलों के मुकाबले बेहतर कार्य किया है। आशा वर्कर्स, आंगनबाड़ी वर्कर्स और टीचर्स के माध्यम से जिले में कम्युनिटी सर्विलांस किया गया। इन वर्कर्स और टीचर्स ने 5 लाख से ज्यादा लोगों तक पहुंच कर उनकी ट्रेवलिंग हिस्ट्री और कोरोना जैसे लक्षण होने के संबंध में जानकारी ली। ट्रेवलिंग हिस्ट्री और कोराना जैसे लक्षणों वाले लोगों पर लगातार नजर रखी गई। राज्य में इंफेक्शन रेट जिला रेट - परसेंट में टिहरी 11.25 नैनीताल 8.19 बागेश्वर 7.30 अल्मोड़ा 7.14 चंपावत 6.31 पौड़ी 4.92 रुद्रप्रयाग 4.85 पिथौरागढ़ 4.29 उत्तरकाशी 3.72 चमोली 3.70 देहरादून 3.35 हरिद्वार 3.26 यूएस नगर 2.21 स्टेट एवरेज - 4. 54 परसेंट ----कोविड-19 को लेकर देहरादून सबसे ज्यादा चर्चाओं में रहा। लेकिन, यह अच्छी बात है कि स्थानीय प्रशासन और हेल्थ डिपार्टमेंट के आपसी सामंजस्य से कंट्रोल करने के मामले में कई बेहतर कदम उठाए गए।
अनूप नौटियाल, अध्यक्ष एसडीसी फाउंडेशन