खस्ताहाल सड़कें, भारी पड़ेगा मॉनसून
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- मॉनसून सीजन में ऐसे ही चलाना होगा काम - फिलहाल सड़कों का काम होने की संभावना कम देहरादून मॉनसून दून में एक्टिव हो चुका है और सड़कों की मरम्मत नहीं हो पाई है। अब आने वाले तीन महीने तक रिपेयरिंग की कोई उम्मीद भी नहीं है। आमतौर पर सड़कों की रिपेयरिंग का काम बरसात के बाद ही शुरू होता है। यानी के अगले तीन महीने दूनाइट्स टूटी सड़कों पर ही चलना होगा। हरिद्वार रोड बेहालबाहर से आने वालों को सिटी तक पहुंचाने वाली दूसरी प्रमुख सड़क हरिद्वार रोड भी पिछले कई महीनों से बेहाल है। इस रोड पर पाइप लाइन और गैस सप्लाई लाइन का काम एक साथ चल रहा है। रिस्पना पुल से मोहकमपुर तक सड़क बेहद खतरनाक स्थिति में हैं। रोड का आधा हिस्सा खोद दिया गया है तो कई जगह सड़क की बीच में भी बड़े-बड़े गड्ढे बने हुए हैं। जोगीवाला चौक और उसके आसपास टूटी सड़क कभी भी बड़े एक्सीडेंट का कारण बना सकती है।
एक-दूसरे पर जिम्मेदारीविभिन्न कार्यो के लिए खोदने के बाद सड़कों की रिपेयरिंग के बाद सबसे बड़ी समस्या यह है कि विभाग सड़क की रिपेयरिंग की जिम्मेदारी एक-दूसरे विभाग पर डाल देते हैं। दरअसल जल निगम या कोई अन्य विभाग सड़क खोदता है तो रिपेयरिंग के पैसे उस विभाग को देता है जिसकी देखरेख में वह सड़क होती है। ऐसे में रिपेयरिंग का काम कई महीनो तक टालता रहता है।
इन विभागों के अंडर रोड - नगर निगम - एमडीडीए - पीडब्ल्यूडी - एनएच इन रोड पर दिक्कत - सहारनपुर रोड - गांधी रोड - राजपुर रोड - ईसी रोड - हरिद्वार बाईपास - हरिद्वार रोड - सेवलाकलां रोड क्या कहते हैं अधिकारी इन दिनों कई विभाग अपनी लाइन अंडरग्राउंड कर रहे हैं। इसके लिए सड़कें खोदनी पड़ती हैं। सभी विभागों को आदेश हैं कि काम पूरा होते ही रोड रिपेयर कर लें। बरसात के दिनों में लोगों को किसी तरह की कोई परेशानी न हो इस संबंध में भी आदेश दिये गये हैं। डॉ। आशीष कुमार श्रीवास्तव डीएम, देहरादून मल्टी यूटिलिटी डक्ट, पाइप लाइन, सीवर लाइन आदि के लिए कुछ रोड को खोदा गया था। ज्यादातर पर काम हो चुका है। जिन कुछ रोड पर अभी काम चल रहा है, उन्हें पर काम पूरा होने के तुरंत बाद रिपेयर करने के लिए कहा गया है। प्रेरणा ध्यानी, पीआरओ डीएससीएलएनएच की कुछ रोड को पाइप लाइन, गैस लाइन जैसे कामों के लिए खोदा गया है। ज्यादातर काम पूरे हो चुके हैं। विभागों की ओर से लाइन टेस्ट करने का काम चल रहा है। लाइन टेस्ट का काम पूरा होने पर ही रिपेयरिंग संभव हो सकती है।
ओपी सिंह, ईई पीडब्ल्यूडी एनएच