एवरेस्ट हाउस को संवारेगा एएसआई
-एएसआई ने लिखा है जिला प्रशासन को पत्र
-यूं ही बर्बाद हो रही है ऐतिहासिक धरोहर DEHRADUN : मसूरी के हाथी पांव स्थित सर जॉर्ज एवरेस्ट हाउस ऐतिहासिक विरासत में शुमार किया जाता रहा है। हर साल यहां हजारों पर्यटक पहुंचते हैं, पर यहां की हालत देखकर उन्हें भी दुख होता है। देखभाल के बिना यह ऐतिहासिक धरोहर अपना वजूद खोता नजर आ रहा है। अब आर्कियोलोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई) ने इस महत्वपूर्ण विरासत को संरक्षित करने की बात कही है। अभी पर्यटन विभाग के पासमसूरी गांधी चौक से करीब छह किमी दूर स्थित करीब क्7ख् एकड़ में फैला मसूरी का सर जॉर्ज एवरेस्ट हाउस अपने आप में कई इतिहास समाहित किया हुआ है। बताते हैं कि क्8फ्ख् में तैयार किए गए इस हाउस को भारत के पहले सर्वेयर जनरल ने तमाम हिमालय की चोटियों को ढूंढ़ने के लिए यहीं निवास किया था। बकायदा उन्होंने यहां अपने आब्जर्बेटरी इंस्ट्रयूमेंट भी स्थापित किए थे। पास में ही उनका आवास भी था, लेकिन इस महत्वपूर्ण विरासत के हालत बदहाल हैं। पर्यटन विभाग की निगरानी में संचालित इस विरासत को देखने के लिए हर साल यहां हजारों की तादात में टूरिस्ट देखने को पहुंचते हैं।
एसआई ने की पहलअब एएसआई ने इसे संवारने की पहल की है। एसआई के डायरेक्टर अतुल भार्गव के मुताबिक जिला प्रशासन और पर्यटन विभाग से कहा गया है कि वे इस पर संरक्षण को लेकर काम शुरू करना चाहते हैं। अगर पर्यटन विभाग और जिला प्रशासन अनुमति प्रदान करता है तो जल्द यहां काम शुरू कर दिया जाएगा। इधर, पर्यटन विभाग के क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी वाईके गंगवार का कहना है कि विभाग एएसआई को देने के लिए तैयार है। जल्द ही इसे सौंपने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
------ यहीं से नापी थी एवरेस्ट की ऊंचाई भारत के पहले सर्वेयर जनरल सर जॉर्ज एवरेस्ट से मसूरी के इसी एवरेस्ट हाउस से विश्व की सबसे ऊंची चोटी को नापा था। यही कारण है कि उस पर्वत का नाम सर जॉर्ज एवरेस्ट के नाम पर एवरेस्ट रखा है। एवरेस्ट के अलावा कई अन्य चोटियों की ऊंचाई को भी सर जॉर्ज एवरेस्ट ने यहीं से नापा था। वजर्न। अगर इस ऐतिहासिक धरोहर को संरक्षित किया गया तो यह एक बेहतरीन पर्यटन स्थल के रूप में विकसित हो सकता है। यहां भारतीय इतिहास की स्वर्णिम यादें हैं। अतुल भार्गव डायरेक्टर, एएसआई वर्जनएवरेस्ट हाउस को संरक्षित कर पर्यटन के नक्शे पर प्रमुखता से लाया जाएगा। इसके लिए एसआई को इसे सौंपने की तैयारी की जा रही है।
वाईके गंगवार क्षेत्रिय पर्यटन अधिकारी