-सिंगल बेंच के आदेश पर आज होना था बहुमत साबित

-कोर्ट ने केंद्र से चार व निवर्तमान सीएम से पांच अप्रैल तक मांगा जवाब

DEHRADUN: उत्तराखंड की राजनीति तारीखों में उलझ कर रह गई है। पहले हाईकोर्ट के सिंगल बेंच ने तारीख फाइनल की बाद में हाईकोर्ट की डबल बेंच ने पहले फैसले पर रोक लगाते हुए नई तारीख दे दी। इसी फेर में उत्तराखंड की राजनीति भी घूम रही है। बुधवार को हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस केएम जोजफ व जस्टिस बीके बिष्ट की खंडपीठ ने वोटिंग करने के मामले पर छह अप्रैल तक रोक लगा दी है। खंडपीठ ने बाकायदा केंद्र सरकार को चार और निवर्तमान मुख्यमंत्री हरीश रावत को पांच अप्रैल तक जवाब दाखिल करने के लिए भी कहा है।

पांच घंटें चली पक्षों की दलीलें

एकलपीठ के निर्णय को बुधवार को खंडपीठ में केंद्र की ओर से पहुंचे अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने चुनौती दी। करीब पांच घंटे चली सभी पक्षों की दलीलों के बाद आखिर में अदालत की खंडपीठ ने एकल पीठ के आदेश पर रोक लगा दी। इस दौरान कोर्ट के फैसले पर दोनों पक्ष सहमत थे। बागियों की ओर से अधिवक्ता हरीश द्विवेदी ने अदालत में अपनी दलील दी कि उन्हें भी याचिका में जवाब देने का मौका दिया जाए। मामले में सिंघवी और द्विवेदी के बीच गरमागरम बहस हुई। हरीश रावत की ओर से खंडपीठ में अपील कर बागी विधायकों के बहुमत में शामिल होने के फैसले को चुनौती दी गई।

अटार्नी जनरल से रखा पक्ष

डबल बेंच की खंडपीठ में अटार्नी जनरल से राष्ट्रपति शासन लागू करने के जवाब में दलील दी की स्पीकर ने विनियोग विधेयक के दौरान विपक्ष की मत विभाजन की मांग को खारिज की, जबकि स्पीकर विधेयक को पारित बता रहे हैं, लेकिन राज्यपाल की ओर से केंद्र को भेजी रिपोर्ट में विधेयक पारित नहीं होना शामिल है। संवैधानिक संकट के कारण राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया गया।

अंतरिम आदेश नहीं दे सकती अदालत

अटार्नी जनरल ने दलील दी कि जब तक राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू है, विधान सभा निलंबित की गई है। राष्ट्रपति द्वारा अनुच्छेद फ्भ्म् के तहत जारी अधिसूचना में अदालत अंतरिम आदेश नहीं दे सकती।

बहुमत का फैसला सदन में ही हो

निवर्तमान मुख्यमंत्री हरीश रावत की ओर से पूर्व केंद्रीय मंत्री व वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील दी कि विधान सभाध्यक्ष ने ढाई बजे विधायकों की सदस्यता रद्द की थी जबकि राष्ट्रपति शासन साढ़े पांच बजे लगाया गया। सीएम राज्यपाल के आदेश के अनुसार मुख्यमंत्री ख्8 मार्च को बहुमत साबित करने को तैयार थे, लेकिन एक दिन पहले राष्ट्रपति शासन लागू कर ि1दया गया।

बागियों पर कल हाेगी सुनवाई

न्यायाधीश न्यायमूर्ति यूसी ध्यानी की एकल पीठ के समक्ष बागी पांच विधायकों सुबोध उनियाल, शैलारानी रावत, कुंवर प्रणव चैंपियन, अमृता रावत, हरक सिंह रावत, उमेश शर्मा काउ की याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका में स्पीकर पर उनके पक्ष सुने बिना एक तरफा सदस्यता रद्द करने का निर्णय लेने का जिक्र किया है। सुनने के बाद सिंगल बैंच ने सुनवाई के लिए पहली अप्रैल की तारीख तय की है।

आज दून पहुंचेंगे 'बागी'

करीब क्ब् दिनों बाद गुरुवार को कांग्रेस के बागी विधायकों के दून पहुंचने की उम्मीद है। बताया जा रहा है कि करीब छह विधायक दोपहर दो बजे फ्लाइट से जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचेंगे। एक बागी विधायक के कार्यालय करीबी के मुताबिक करीब छह विधायक एक साथ एयरपोर्ट पर पहुंचेंगे। इधर, बागी विधायकों के घरों पर पहले ही पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पहले से ही पुख्ते इंतजाम किए गए हैं।

हरीश रावत ही कांग्रेस का चेहरा

राजनीतिक भूचाल के बीच बुधवार को प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अंबिका सोनी दून पहुंची। जहां दोपहर से लेकर शाम तक उनके साथ बैठकों का दौर जारी रहा। उन्होंने सरकार में शामिल रहे पीडीएफ विधायकों के साथ भी बैठक की। बताया जा रहा है कि अंबिका सोनी बागियों की घर वापसी के लिए प्रयास करती रही। आखिर में देर शाम प्रदेश प्रभारी प्रदेश मुख्यालय पहुंची, जहां उन्होंने साफ किया कि निवर्तमान मुख्यमंत्री हरीश रावत ही कांग्रेस का चेहरा होंगे। उन्होंने प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया।

Posted By: Inextlive