दरअसल उत्तराखंड में 19 अप्रैल को 5 लोकसभा सीटों के लिए चुनाव होने हैं। चुनाव को देखते हुए ट्यूजडे से ही पोलिंग पार्टियों की रवानगी शुरू हो गई थी। इसके लिए परिवहन विभाग ने प्राइवेट के अलावा रोडवेज की सरकारी बसों का अधिग्रहण किया हुआ है। ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने अकेले दून में डेढ़ हजार से ज्यादा गाडिय़ों का अधिग्रहण किया गया है।

चुनाव के लिए अधिग्रहण के बाद पिछले कुछ दिनों से यात्रियों को दून से हिल रूट्स के लिए हो रही मारामारी
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-आज से लेकर 20 अप्रैल तक संकट बरकरार रहने के आसार, आधे से ज्यादा वाहन चुनाव ड्यूटी में लगाए गए

देहरादून, 18 अप्रैल (ब्यूरो)। लोकसभा चुनाव को देखते हुए अगले दो दिन दून से हिल एरियाज को जाने वाले लोगों को वाहनों के संकट से जूझना पड़ सकता है। हालांकि, ये समस्या पिछले कुछ दिनों से चली आ रही है। लेकिन, चुनाव के एक दिन पहले और चुनाव के एक दिन बाद तक ये समस्या ज्यादा बरकरार रहने के आसार हैं। दरअसल, चुनाव को लेकर परिवहन विभाग ने सैकड़ों की तादात में वाहन का अधिग्रहण किया है। ऐसे में दून से पहाड़ी इलाकों में जाने वाले यात्रियों को वाहनों की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसमें सबसे ज्यादा दिक्कत दून से चमोली, पौड़ी, टिहरी, उत्तरकाशी और रुद्रप्रयाग जिलों में जाने वाले यात्रियों को हो रही है।

दून के इन इलाकों में पब्लिक ट्रांसपोर्ट सुविधा
-रिस्पना पुल
-परेड ग्राउंड
-मसूरी बस अड्डा
-आईएसबीटी
-प्रेमनगर
-मियांवाला

प्राइवेट व सरकारी बसों का अधिग्रहण
ऐसे में अब दून से हिल एरियाज के लिए जाने वाले लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ये समस्या पिछले दो-तीन दिनों से ज्यादा सामने आ रही है। माना जा रहा है कि थर्सडे व सैटरडे यानि चुनाव के एक दिन पहले और चुनाव के एक दिन बाद तक लोगों को इस दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है।

रिस्पना टैक्सी स्टैंड पर मारामारी
दून गढ़वाल ट्रैकर जीप, कमांडर मालिक कल्याण समिति के प्रधान ध्रुव सिंह बिष्ट के मुताबिक रिस्पना पुल दून से गढ़वाल के सभी जिलों के लिए रोजाना 800 से 900 तक सवारियां जाती हैं। इसके लिए उनके पास 300 टैक्सियों का बेड़ा शामिल है। बदले में परिवहन विभाग ने चुनाव में पोलिंग पार्टियों की रवानगी के लिए करीब 190 टैक्सियों का अधिग्रहण कर लिया है। नतीजतन, इसका असर सवारियों पर पड़ रहा है। पिछले दो-तीन दिनों से दून से पहाड़ी इलाकों के लिए जाने वाले यात्री सुबह के वक्त रिस्पना पुल पर स्थित टैक्सी स्टैंड पर पहुंच कर हंगामा काट रहे हैं। यूनियन प्रधान के अनुसार इसका फायदा डग्गामार वाहन उठा रहे हैं। वे यात्रियों से बुकिंग के नाम पर मनमाफिक पैसा वसूल रहे हैं। ऐसे डग्गामार प्राइवेट वाहन केवल बुकिंग ही कर रहे हैं। जबकि, आरटीओ का ऐसे वाहनों पर कोई नियंत्रण नहीं है।

यहां के लिए हो रही मारामारी
-चमोली
-कर्णप्रयाग
-चंबा-टिहरी
-चिन्यालीसौड़
-सतपुली
-रुद्रप्रयाग
-उत्तरकाशी
-गोपेश्वर
-पौड़ी
-कोटद्वार

रोडवेज के भी यही हाल
ऐसा ही हाल उत्तराखंड रोडवेज के भी हैं। दून से पहाड़ी रूट्स के लिए उत्तराखंड रोडवेज की रोजाना करीब सौ से अधिक बसें संचालित होती हैं। लेकिन, इनमें से 25 परसेंट बसें चुनाव ड्यूटी पर लगा दी गई हैं। ऐसे ही करीब 12 परसेंट बसें खराब होने के कारण वर्कशाप में खड़ी हैं। जबकि, रोडवेज की बसें पहाड़ की लाइफ लाइन कही जाती है। ऐसे में इसका खामियाजा यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है। परिवहन विभाग ने जिन बसों का अधिग्रहण किया है, उनमें अधिकतर अनुबंधित बसें बताई गई हैं। खास बात ये है कि रोडवेज पर यात्रियों का खासा भरोसा रहता है। यही कारण है कि रोडवेज की बसों से रोज करीब 8 हजार यात्री आवाजाही करते हैं।

ऋषिकेश के हाल भी बुरे
बात केवल दून की ही नहीं। बल्कि, ऋषिकेश से भी पहाड़ी इलाकों के लिए जाने वाले गाडिय़ों की दिक्कतें सामने आ रही हैं। वेडनसडे को भी ऋषिकेश से हिल रूट्स पर जाने वाली निजी बसें चुनाव ड्यूटी के लिए रवाना होती रहीं। जिस कारण रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी, चमोली, टिहरी जिलों के रूटों पर बसों की कमी महसूस की गई। खासकर नटराज चौक, आईएसबीटी व अन्य बस स्टॉप में हिल रूट्स के यात्री बस का इंतजार करते दिखे। सीमित बस उपलब्ध होने के कारण बस के फेरे में समय का बड़ा अंतराल देखने को मिला।


दून से पहाड़ी इलाकों के लिए जाने वाली टैक्सियों की आजकल खासी दिक्कत हो रही है। सुबह से ही यात्री स्टैंड पर पहुंच कर टैक्सी की कमी को लेकर हंगामा काट रहे हैं। यहां तक लड़ाई-झगड़ा करने तक उतारू हो जा रहे हैं। वहीं, डग्गामार वाहन यात्रियों से मनमाफिक बुकिंग वसूल रहे हैं। आरटीओ का इस ओर कोई ध्यान नहीं है।
ध्रुव सिंह बिष्ट, दून गढ़वाल ट्रैकर जीप कमांडर यूनियन।

हां, ये सच है कि रोडवेज की भी बसों का भी चुनाव के लिए अधिग्रहण किया गया है। जिससे हिल रूट्स के लिए जाने वाले यात्रियों को बसों की किल्लत झेलनी पड़ रही है। रोडवेज की बसों से एन एवरेज रोजाना करीब आठ हजार यात्रियों की आवाजाही होती थी। अब इसका असर दिख रहा है।
अशोक चौधरी, महामंत्री, उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन।

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Posted By: Inextlive