DEHRADUN: प्रदेश में मिलने वाली न्यूनतम मजदूरी का परीक्षण होगा। इसके लिए अन्य प्रदेशों की न्यूनतम मजदूरी के साथ ही इसे बढ़ाने के समय का अध्ययन किया जाएगा। प्रदेश सरकार का कहना है कि प्रदेश में मजदूरों को सम्मानजनक वेतन दिया जाएगा।

सदन में उठा मामला

गुरुवार को विधानसभा में भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह जीना ने अल्पसूचित प्रश्न के तहत न्यूनतम मजदूरी का मसला उठाया। उन्होंने कहा कि दिल्ली में न्यूनतम मजदूरी की दर फ्7ब् रुपये से बढ़ाकर भ्क्ख् रुपये प्रतिदिन की गई है। उत्तराखंड में यह दर ख्भ्क् रुपए है, जो दिल्ली के मुकाबले आधे से भी कम है। दोनों प्रदेशों में महंगाई दर भी समान है। प्रदेश में न्यूनतम मजदूरी बढ़ाने के लिए गठित बोर्ड हर पांच साल में इसकी समीक्षा करता है। इसकी अंतिम बैठक वर्ष ख्0क्फ् में हुई थी। वहीं दिल्ली व अन्य राज्यों में प्रतिवर्ष समिति की बैठकें होती हैं। प्रदेश में भी श्रमिकों की समस्याओं को देखते हुए मजदूरी बढ़ाने के कदम उठाए जाएं। अनुपूरक प्रश्न के रूप में सौरभ बहुगुणा, मुन्ना सिंह चौहान व आदेश चौहान ने भी श्रमिकों की स्थिति पर अपनी चिंता जताते हुए इस पर सवाल किए।

साल में दो बार बढ़ता है महंगाई भत्ता

जवाब देते हुए श्रम मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि सरकार ने मार्च ख्0क्7 में न्यूनतम वेतन में वृद्धि की है। साल में दो बार महंगाई भत्ता बढ़ाया जाता है। श्रम कानूनों को सख्ती से लागू कराने के लिए सभी कंपनियों के साथ बैठक की गई है। इसके अलावा अधिकारियों को श्रम कानूनों का अनुपालन कराने के लिए सख्ती से कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। न्यूनतम मजदूरी को लेकर सरकार जल्द ही परीक्षण करेगी।

Posted By: Inextlive