दून अस्पताल का बुरा हाल, कोरोनेशन की ओपीडी बढ़ी
- कुछ महीनों में औसत 400 से 800 प्रतिदिन हुई ओपीडी
- दून अस्पताल में ओपीडी में आने वालों की संख्या गिरी DEHRADUN : राज्य के सबसे बड़े दून अस्पताल से अब लोगों को विश्वास उठने लगा है। इस अस्पताल में लगातार कम हो रही और कोरोनेशन अस्पताल में बढ़ रही ओपीडी इसका उदाहरण है। कोरोनेशन अस्पताल पहुंचने के लिए कोई सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था नहीं है, इसके बावजूद यहां मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। यदि यहां के लिए सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था हो तो इस अस्पताल में आने वालों की संख्या और बढ़ जाएगी। दोगुनी हो गई ओपीडीकरीब एक साल पहले तक कोरोनेशन अस्पताल की औसत ओपीडी प्रतिदिन ब्00 के आसपास थी, लेकिन अब यह संख्या 800 हो गई है। इधर दून अस्पताल में पहले औसतन फ् हजार ओपीडी प्रतिदिन होती थी, जो इस अस्पताल में मेडिकल कॉलेज बनने के बाद लगातार कम होती जा रही है। फिलहाल दून अस्पताल में रोज औसतन ख् हजार मरीज आ रहे हैं।
ये हैं दून अस्पताल की समस्याएंदून अस्पताल में डॉक्टरों और संसाधनों की कमी तो है ही, इसके साथ ही जिस डॉक्टर से इलाज करवा रहे हैं उसका नियमित न मिल पाना भी एक बड़ी समस्या है। दून मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर यूनिट के अनुसार ओपीडी में बैठते हैं। एक डॉक्टर सप्ताह में एक दिन ही ओपीडी में बैठता है। ऐसे में यदि किसी डॉक्टर ने मरीज को कोई टेस्ट करवाया तो टेस्ट करवाकर मरीज दूसरे दिन उस डॉक्टर को रिपोर्ट नहीं दिखा पाएगा। मरीज को किसी दूसरे डॉक्टर को रिपोर्ट दिखानी पड़ेगी या फिर एक हफ्ते इंतजार करना पड़ेगा।
कोरोनेशन में सभी डॉक्टर उधर कोरोनेशन अस्पताल में फिलहाल सभी डॉक्टर हैं। पिछले कुछ समय से यहां एक ही बाल रोग विशेषज्ञ नियुक्त था, लेकिन अब एक अन्य बाल रोग विशेषज्ञ को भर्ती कर दिया गया है। जिसके दीपावली के बाद ज्वाइन करने की उम्मीद है। हाल में अस्पताल में एक एनेस्थेटिस्ट भी भर्ती कर दिया गया है। नहीं हो पा रहे अल्ट्रासाउंड कोरोनेशन अस्पताल में फिलहाल सबसे बड़ी समस्या रेडियोलॉजिस्ट की है। पिछले दिनों यहां से रेडियोलॉजिस्ट को अन्यत्र भेज दिया गया था, तब से अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट नहीं है। अस्पताल में कुछ कर्मचारी एक्स-रे तो कर लेते हैं, लेकिन अल्ट्रासाउंड पूरी तरह से बंद है। अल्ट्रासाउंड करवाने की लिए मरीजों को दून अस्पताल भेजा जाता है। ऐसे में मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। कर्जन रोड से बस चलाने की मांगकोरोनेशन अस्पताल के सीएमएस डॉ। एलडी पुनेठा का कहना है कि कोरोनेशन अस्पताल में अब तक सिर्फ वही मरीज पहुंच रहे हैं, जिनके पास अपने वाहन हैं। यदि कर्जन रोड से होकर बस चलाई जाए या अभी रायपुर की ओर जाने वाली बसों के कुछ चक्कर कर्जन रोड से होकर चलाई जाएं तो इससे मरीजों को काफी राहत मिल सकती है।
फिलहाल हमारे पास रेडियोलॉजिस्ट के अलावा सभी डॉक्टर उपलब्ध हैं। विभाग को इस संबंध में कई बार पत्र भेजा जा चुका है। रेडियोलॉजिस्ट न होने से सबसे बड़ी परेशानी गर्भवती महिलाओं और एक्सीडेंट में घायल लोगों को होती है। उन्हें दून अस्पताल भेजना पड़ता है। डॉ। एलडी पुनेठा, सीएमएस, कोरोनेशन अस्पताल