- जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर ड्रेनेज डक्ट में घुसा लैपर्ड 10 घंटे में रेस्क्यू

देहरादून,

जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर ट्यूजडे को एक लैपर्ड घुस गया। यहां की ड्रेनेज डक्ट में लैपर्ड घुस गया और दिन भर दहशत बनी रही। लैपर्ड रेस्क्यू के लिए फॉरेस्ट डिपार्टमेंट की टीम करीब 10 घंटे तक कसरत में जुटी रही। देर शाम लैपर्ड को रेस्क्यू किए जाने के बाद एयरपोर्ट एडमिनिस्ट्रेशन और फॉरेस्ट टीम ने राहत की सांस ली।

10 घंटे की कसरत

ट्यूजडे को सुबह 10 बजे फॉरेस्ट रेस्क्यू टीम को सूचना मिली की एयरपोर्ट पर लैपर्ड फंसा है। विभाग की हेडक्वार्टर टीम रवी जोशी के नेतृत्व में मौके पर पहुंची। लैपर्ड एयरपोर्ट की ड्रेनेज डक्ट में फंसा था। इसके बाद मौके पर थानों रेंज के साथ ट्रैंकुलाइजेशन टीम पहुंची और रेस्क्यू शुरू किया। दून जू से एयरपोर्ट पहुंचे डॉ। राकेश नौटियाल ने लैपर्ड को दो बार ट्रैंकुलाइज करने की कोशिश की। लेकिन, सफलता हाथ नहीं लगी। इसके बाद करीब 25 मीटर लंबे ड्रेनेज पाइप की एक छोर पर पिंजरा लगाया गया। जबकि दूसरे छोर से लैपर्ड को भगाने की कोशिश की गई। इस दौरान ड्रेनेज को ब्रेकडाउन करने के लिए ड्रिल मशीन का यूज भी करना पड़ा। आखिकर देर शाम करीब 8 बजे लैपर्ड पिंजरे में फंस गया। रेस्क्यू ऑपरेशन में रवि जोशी, जीतेंद्र बिष्ट, डॉ राकेश नौटियाल आदि मौजूद रहे।

फीमेल लैपर्ड

डीएफओ के मुताबिक एयरपोर्ट से रेस्क्यू किया गया लैपर्ड फीमेल है। रेस्क्यू के बाद डॉक्टरों की टीम अब उसका मेडिकल करेगी। इसके बाद ही डिसिजन लिया जाएगा कि उसे जंगल में छोड़ा जाए या नहीं।

एयरपोर्ट की बाउंड्री फांद पहुंचा लैपर्ड

डीएफओ दून के मुताबिक एयरपोर्ट में एक इलाके में बाउंड्रीवाल कुछ नीचे देखने को मिली है। जहां से लैपर्ड फांदकर एयरपोर्ट तक पहुंच गया। लेकिन कुछ आगे बढ़ने के बाद लैपर्ड वापस बाउंड्रीवाल से जंप नहीं मार पाया और ड्रेनेज में जा घुसा।

लैपर्ड को देर शाम रेस्क्यू कर दिया गया है। अब उसका मेडिकल एग्जामिन होना बाकी है। जिसको बाद तय हो पाया उसके जंगल में छोड़ा जाए या मेडिकल फैसिलिटी दी जाए।

राजीव धीमान, डीएफओ दून।

कई वाइल्ड एनिमल्स किए जा चुके रेस्क्यू

जौलीग्रांट एयरपोर्ट के पास घना जंगल होने के कारण अक्सर रनवे पर कई वाइल्ड एनिमल्स पहुंच जाते हैं। कई मामले सामने आने के बाद एयरपोर्ट प्रशासन ने मजबूर होकर वन विभाग को ऐसे जानवरों से राहत देने के लिए पत्र तक लिखा। इसके बाद वन विभाग की रेस्क्यू टीमों ने कई जानवरों को रेस्क्यू कर जंगल में छोड़ा। यहां तक कि रेस्क्यू करने के लिए टीमों को जाल, पिंजरे तक लगाने पड़े। जबकि अभी भी एयरपोर्ट के कुछ बाउंड्री एरिया में अभी भी लगाए गए पिंजरे मौजूद हैं।

अब तक इतने जानवर रेस्क्यू

-14 सियार।

-1 भेडि़या।

-2 सिवेट।

-1 लैपर्ड

-2 बंदर।

Posted By: Inextlive