इलाके में आतंक का अंत
- एक माह से रायपुर के नथुवावाला इलाके में थी लेपर्ड की दशहत
- सीसीटीवी कैमरे में कई बार कैद हो चुका था लेपर्ड - रेस्क्यू करने के लिए ली गई जेसीबी व धुंए की मदद देहरादून, शहर के रायपुर इलाके में पिछले एक माह से आतंक का पर्याय बना लेपर्ड आखिरकार वन विभाग के हत्थे चढ़ गया। लेकिन, लेपर्ड को रेस्क्यू करने में विभागीय कर्मचारियों को करीब पांच घंटे की कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। फिलहाल, लेपर्ड के रेस्क्यू होने के बाद स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली है। खास बात ये रही कि जिस वक्त लेपर्ड को रेस्क्यू किया जा रहा था, इतनी भीड़ जमा हो गई कि लोग मकानों के छतों में भी चढ़ गए। खतरे को देखते हुए पुलिस की मदद लेनी पड़ी। एक माह से इलाके में थी दहशतरायपुर के नथुवाला इलाके में बीती 24 मार्च से शाम ढलते ही इलाका दहशत में था। यहां पास पड़ोस में जाने तक के लिए लोगों को झुंड में निकलना पड़ता था। दरअसल, यहां एक लेपर्ड का आंतक बना हुआ था। हालांकि लेपर्ड ने किसी भी व्यक्ति पर कोई हमला नहीं बोला था। लेकिन कुछ डोमेस्टिक एनिमल्स को उसने निवाला बनाया था। यहां रात होने ही इसका मूवमेंट शुरू हो जाया करता था। इसकी हर गतिविधियों को कई बार सीसीटीवी में भी कैद किया जा चुका था। विभाग ने कई प्रयास किए, पिंजरे लगाए, लेकिन कोई सफलता हाथ नहीं लगी।
5 घंटे तक चला ऑपरेशन लेपर्ड रेस्क्यू थर्सडे को अचानक नथुवाला के भगवान चंद रमोला ने सुबह करीब साढ़े छह बजे पानी के गूल के अंदर एक लेपर्ड को घुसते हुए देखा। उन्होंने तत्काल इसकी सूचना स्थानीय लोगों के साथ वन विभाग के अधिकारियों को दी। मौका पाते ही अपने इंस्ट्रूमेंट्स के साथ वन विभाग के कर्मचारी मौके पर पहुंचे और शुरू कर दिया "ऑपरेशन लेपर्ड रेस्क्यू"। करीब पांच घंटे तक लगातार चले ऑपरेशन रेस्क्यू के बाद लेपर्ड को कब्जे में लिया जा सका। प्वाइंटर्स:: -रेस्क्यू को अपनाने पड़े कई टिप्स -करीब म्0 फिट लंबे गूल में चला रेस्क्यू अभियान। -पानी की गूल की चौड़ाई थी काफी। -एक निकासी पर कर दिया गया बंद। -दूसरी ओर से दिया गया स्मोक। -फिर भी नहीं निकला बाहर। -वन विभाग ने गूल के एक हिस्से पर लगाया पिंजरा -काम न बनने पर जेसीबी की ली गई मदद -बीच में तोड़ा गया पानी का पाइप। -आखिर में शाम करीब चार बजे हो पाया रेस्क्यू। -करीब दो से ढाई साल की फीमेल लेपर्ड।फ्राइडे को होगा मेडिकल
इससे पहले भी यही लेपर्ड एक बार इसी पानी के गूल में जा चुका है। लेकिन उस वक्त उसको पकड़ने के लिए ऑपरेशन रेस्क्यू शुरू हो पाया। फिलहाल वन विभाग ने लेपर्ड को रेस्क्यू कर किद्दूवाला रेंज ऑफिस रखा है। बताया जा रहा है कि फ्राइडे को लेपर्ड को मेडिकल के बाद उसको दूर जंगल में छोड़ने की तैयारी की जा रही है। ऑपरेशन रेस्क्यू में हेड क्वार्टर की रेस्क्यू टीम से रवि जोशी, अरशद आलम, जितेंद्र बिष्ट के अलावा रायपुर आरओ राकेश नेगी, बीडी जोशी आदि मौजूद रहे।