DEHRADUN : न उनका कोई संदेश आया न वो अपने आए. बड़ी मनहूस थी वो रात जब वे पहाड़ों पर गए. उम्मीद के दिए हैं जो बुझने का नाम नहीं ले रहे और दूसरी तरफ जिंदगी है जो हर वक्त इम्तहान ले रही है. इन सबसे से ज्यादा दर्द दे रहा है सरकार का वो नाकारा तंत्र जो इधर-उधर भटकने को मजबूर कर रहा है. ऐसे में उम्मीद की किरण को सहारा दे रहा है सोशल मीडिया हजारों लोगों के लिए अपनों का इंतजार कर रही पथराई आंखों में अब भी जो उम्मीद की लौ जल रही है उसे रोशन कर रहा है सोशल मीडिया. इन दिनों फेसबुक ट्विटर सहित तमाम सोशल साइट्स पर उत्तराखंड में अपनों से बिछड़े लोगों की दास्तां भरी पड़ी है. कोई अपने मां-पिता की फोटो शेयर कर लोगों से हेल्प मांग रहा है तो कोई अपने दोस्तों की गु्रप फोटो पोस्ट कर रहा है. चाहत सबकी एक ही है कि जैसे भी हो कहीं से भी एक सूचना भर मिल जाए कि हां मैंने इन्हें देखा है?


लापता हैं कई लोग 16 जून को केदारघाटी में हुई जल त्रासदी में हजारों लोग लापता हो गए। किसी का बेटा खो गया तो किसी के मां बाप बिछुड़ गए। ऐसा नहीं है कि परिजनों ने उनकी तलाश न की हो। लेकिन भटकने के सिवाय उन्हें कुछ हासिल नहीं हुआ। उन्हें कभी सहस्रधारा हेलीपैड भेजा गया तो कभी जौलीग्र्रांट एयरपोर्ट। लेकिन फिर भी लोगों को सेना पर विश्वास था कि वह खोए हुए लोगों को अपनों तक पहुंचा देगी। हजारों लोगों को सेना ने अपनों तक पहुंचाया भी लेकिन आज भी कई लोग लापता हैं। जिनके परिजन अब केदारघाटी में रेस्क्यू ऑपरेशन बंद होने के बाद मायूस होकर गुमशुदगी दर्ज करवाकर वापस लौट रहे हैैं। लेकिन उनकी तलाश अभी जारी है। सोशल मीडिया बना तलाश का जरिया


दर दर भटक कर भले ही लोग वापस चले गए हों, लेकिन अभी भी उन्होंने अपनों के वापस आने की उम्मीद नहीं छोड़ी है। जिसके लिए वे सोशल मीडिया के माध्यम से अपनों की तलाश में जुट गए हैैं। इन दिनों फेसबुक, ट्विटर सहित तमाम सोशल साइट अपनों से बिछड़े लोगों की दास्तां से भरे हुए हैैं। कोई अपने मां बाप की फोटो पोस्ट कर रहा है तो कोई अपने बच्चों की। हर किसी का एक ही सवाल है क्या आपने इन्हें कहीं देखा है। यह तो आने वाला समय ही बता पाएगा कि क्या सोशल मीडिया के माध्यम से बिछड़े हुए लोग मिल पाएंगे। लेकिन परिजन वे वह सारे जतन कर रहे हैैं जिनसे उन्हें अपनों का पता मिल सके। -----बाक्स खुद ही कर रहे तलाश नाकारा तंत्र के कारण लोग अब परेशान हो गए हैैं और खुद ही अपने स्तर से तलाश कर रहे हैं। कई लोग उन स्थानों पर मिसिंग पर्सन का फोटो नंबर लिखे पोस्टर के साथ चस्पा कर रहे हैैं जहां लोगों का आना जाना लगा रहा रहता है। कई लोग इसमें बकायदा इनाम देने की घोषणा करते हुए कह रहे हैैं कि मिसिंग पर्सन का पता बताने वाले को नगद राशि का ईनाम दिया जाएगा।

दर दर भटक कर भले ही लोग वापस चले गए हों, लेकिन अभी भी उन्होंने अपनों के वापस आने की उम्मीद नहीं छोड़ी है। जिसके लिए वे सोशल मीडिया के माध्यम से अपनों की तलाश में जुट गए हैैं। इन दिनों फेसबुक, ट्विटर सहित तमाम सोशल साइट अपनों से बिछड़े लोगों की दास्तां से भरे हुए हैैं। कोई अपने मां बाप की फोटो पोस्ट कर रहा है तो कोई अपने बच्चों की। हर किसी का एक ही सवाल है क्या आपने इन्हें कहीं देखा है। यह तो आने वाला समय ही बता पाएगा कि क्या सोशल मीडिया के माध्यम से बिछड़े हुए लोग मिल पाएंगे। लेकिन परिजन वे वह सारे जतन कर रहे हैैं जिनसे उन्हें अपनों का पता मिल सके। -----बाक्स खुद ही कर रहे तलाश नाकारा तंत्र के कारण लोग अब परेशान हो गए हैैं और खुद ही अपने स्तर से तलाश कर रहे हैं। कई लोग उन स्थानों पर मिसिंग पर्सन का फोटो नंबर लिखे पोस्टर के साथ चस्पा कर रहे हैैं जहां लोगों का आना जाना लगा रहा रहता है। कई लोग इसमें बकायदा इनाम देने की घोषणा करते हुए कह रहे हैैं कि मिसिंग पर्सन का पता बताने वाले को नगद राशि का ईनाम दिया जाएगा।

Posted By: Inextlive