व्यापारियों के अनुसार जीरा समेत कई तरह के दालों के दामों में लगातार इजाफा हो रहा है। एक्स्पट्र्स इसे सप्लाई कम और डिमांड ज्यादा होने का कारण बता रहे हैं। इसके साथ ही कई जगह पर दाल की फसल कम होने के कारण भी दामों में इजाफा हुआ है। बीते दो दिनों के भीतर दालों के रेट 15 से 20 रुपए प्रति किलो तक बढ़े हैैं। इससे आम आदमी का बजट बिगड़ गया है।

- जीरे की कीमत करीब दोगुनी, 500 रुपये प्रति किलो के पार
- दालों के दाम में भी 20 परसेंट तक का हुआ इजाफा

देहरादून, 8 जून (ब्यूरो):
पहले दालों के रेट आसमान पर पहुंचे और अब तड़का महंगा हो गया है। मानसून आने में अभी समय है। बीते दो दिन के अंदर दालों की कीमत में 15 से 20 रुपए प्रति किलो तक का इजाफा हुआ है, वहीं जीरे के दाम करीब-करीब दोगुना हो गए हैैं। ऐसे में रसोई का तड़का काफी महंगा हो गया है। जीरा आम दिनों में जहां 240 रुपए प्रति किलो तक होलसेल मार्केट में बेचा जा रहा था, अब इसकी कीमत 500 रुपए प्रति किलो तक पहुंच चुकी है।

खाद्यान सामग्री - पहले - अब (रुपये प्रति किलो)
अरहर - 115 - 145
काबुली चना - 85 - 120
बादाम - 620 - 720
चावल (बासमती) -75 - 115
मूंगफली दाना - 120 - 160
सोयाबीन बड़ी - 100 - 160
मलका-मसूर - 80 - 105
देशी घी- 460 - 590
चीनी - 38 -44
मलका - 80 - 90
लाला मिर्च -220- 300
जीरा - 260 - 510
सौंफ - 250 - 350
आटा (10 किलो)- 285 - 330
(आढ़ती दाम)

चावल में भी बढ़त जारी
हनुमान चौक स्थित आढ़ती के अनुसार लगातार बढ़ती मांग और कम पैदावार के कारण इस बार चावल के दामों में तेजी है। सामान्य चावल 20 रुपये प्रति किलो से बढ़कर 30 रुपये प्रति किलो के दाम से बिक रहे हैं। जबकि दून में सबसे ज्यादा बिकने वाली बासमती के दाम में भी 60 रुपये से बढ़कर 90 रुपये प्रति किलो से 180 रुपये प्रति किलो की दाम से बिक रही है। जिसका सीधा असर पब्लिक की जेब पर पड़ रहा हैं।

जीरे ने बिगाड़ा तड़के का जायका
इस बार जीरे के दाम में सबसे ज्यादा तेजी देखने को मिली है। जबकि सब्जी से लेकर दाल में तड़के लिए सबसे ज्यादा जीरे की डिमांड होती है। ऐसे में जीरे के बढ़ते दाम के कारण दाल का जायका बिगड़ गया है। इसका कारण इस बार जीरे की फसल कम होना बताया जा रहा है। बताया जा रहा है कि जीरा की सप्लाई सबसे ज्यादा राजस्थान से होती है। लेकिन, इस बार फसल कम होने के कारण जीरे के दाम में बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही हैं।

वर्जन
मंडी में मांग बढऩे के कारण दलहन में तेजी दर्ज की गई है। मूंग व अरहर की दाल में इस बार 600 रुपये 1000 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ोत्तरी हुई है। जिससे रिटेल रेट पर भी इसका ज्यादा असर पड़ेगा।
अक्षय मित्तल, आढ़ती

लगातार अनाज व दालों के दाम में बढ़ोत्तरी होने के कारण इसका सीधा असर थालियों पर पड़ रहा है। गेहूं की फसल के बाद आटे के दाम कम होते थे। लेकिन, इसके बावजूद आटे के दाम में बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही।
कांति देवी, निवासी पटेलनगर
फोटो- दैनिक जागरण आईनेक्स्ट

सब्जी से लेकर रायते में जीरे के तड़के का इस्तेमाल होता है। जीरे के तड़के से स्वाद बढ़ता है। लेकिन, जीरे के दाम में बढ़ोतरी ने बजट बिगाड़ कर रख दिया है। 6 माह में जीरे के दाम दोगुने को पार कर चुके हैं।
दिप्ती , निवासी ट्रांसपोर्टनगर

अरहर के दाम 110 रुपये से बढ़कर 145 रुपये पार पहुंच गए हैं। ऐसे में रोजाना के लिए इस्तेमाल होने वाली अरहर की दाल को थाली का हिस्सा बनाना आम आदमी के लिए मुश्किल हो गया है।
- अमित असवाल, निवासी रायपुर
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Posted By: Inextlive