बरेली (ब्यूरो)। फस्टिव सीजन शुरू होते ही महंगाई ने कुलांचे मारनी शुरू कर दी है। एलपीजी से लेकर पेट्रोल-डीजल के रेट में इजाफा होता जा रहा है। इसका सीधा असर कई प्रोडक्ट्स पर पडऩे लगा है। अब सब्जी के दाम भी आसमान छूने लगे हैं। वहीं, पिछले दिनों हुई बारिश से खेतों में पानी भर चुका है। थाली पर 'बूंद की चोट' लगने लगी है। यानि साफ है दाल सब्जी में छौंका लगना महंगा हो गया है।

तेजी से बढ़ रहे भाव
पिछले कुछ दिनों से सब्जी के भाव तेजी से बढ़ रहे हैं। टमाटर, प्याज, धनिया, गोभी, शिमला मिर्च, हरी मिर्च और बीन्स के रेट काफी बढ़ गए हैं। पब्लिक की समझ में नहीं आ रहा कि सब्जी खरीदें या फिर छौंका तड़का लगाने के लिए टमाटर प्याज। टमाटर 80 रुपये, प्याज 50 रुपये, बीन्स 120 रुपये, शमिला मिर्च 40 रुपये तो धनियां 400 रुपये प्रति किलो पहुंच गया है। घर का बजट पूरी तरह बिगड़ चुका है। इससे आमजन के साथ शहर के छोटे बड़े सब्जी विक्रेताओं, फास्ट फूड स्टॉल संचालक, रेस्टोरेंट संचालक और होटल व्यसाई पर बोझ बढ़ेगा। कुल मिलाकर आम आदमी की जेब एक बार फिर ढ़ीली होगी।

कम पैदावार
बारिश से फसल पूरी तरह चौपट हो चुकी हैं। बेमौसम बारिश होने से सब्जियों के रेट पर असर देखने को मिला। हरी सब्जियों में औसतन 30 रुपये तक बढ़ोतरी हुई है। नवरात्र के बाद ज्यादा उछाल आया है। इसके पीछे कम पैदावार और माल ढुलाई भाड़े का महंगा होना है तो थोक मंडी में भी सब्जियां महंगी हो चुकी हैं। सब्जी की कीमतों में फिलहाल कमी नहीं होने वाली।

पेट्रो प्रोडक्ट्स से बढ़ा किराया
अक्टूबर के आगाज से ही पेट्रो प्रोडक्ट्स की कीमतों में उछाल आया है। 20 दिनों में डीजल के रेट में 5 रुपये की बढ़ोतरी होने से मालभाड़े पर भी असर पड़ा है। आसपास से मंडी में सब्जी लेकर आने वाले किसानों पर ट्रांसपोर्ट के किराये का भार बढ़ा है।

डीजल के रेट बढ़ रहे हैं। पहले सब्जी की जो गाड़ी 70 हजार में आती थी वह अब 85 हजार रुपये तक आ रही है। इससे सब्जी के रेट बढऩा लाजमी है। - सलीम, आढ़ती

बारिश से किसानों को काफी नुकसान हुआ है। हरी सब्जियों की पैदावार में कीड़े पड़ गए है। ऐसे में मांग की अपेक्षा आपूर्ति प्रभावित हुई है. - शुजाउर रहमान, अध्यक्ष, सब्जीमंडी

खाद्य सामग्री पहले ही महंगी है। तेल, रिफाइंड के रेट दोगुने हो चुके हैं। सब्जी के रेट बढऩे से कम मात्रा सब्जी खरीद रहे हैं। - सरिता

सभी चीजें एकदम महंगी हो गई। र्फेिस्टव सीजन में सब्जी के रेट बढऩे से घर का बजट बिगड़ रहा है। कम सब्जी खरीदकर काम चलाना पड़ रहा है। - महिमा

थोक भाव फुटकर
सब्जी पहले अब पहले अब
आलू नया 9 13 15 30
आलू पुराना 7 11 16 20
प्याज 20 30 30 50
भिंडी 8 10 30 40
गोभी 10 35 60 100
शिमला मिर्च 25 50 40 100
टमाटर 15 45 60 80
लौकी 5 12 10 25
धनिया 70 300 200 400
तुरई 12 20 20 40
खीरा 10 15 30 40
हरी मिर्च 10 80 30 120
बीन्स 20 60 40 120
करेला 10 20 20 40