- दूसरे राज्यों से उत्तराखंड आने वाले टूरिस्ट नाराज, परेशानी होने से पर्यटकों की दिक्कतें बढ़ी

- पर्यटकों की आवाजाही में रजिस्ट्रेशन सबसे बड़ी दिक्कत, रजिस्ट्रेशन के नाम पर हर पर्यटक 50 रुपए में खर्च करने को मजबूर

देहरादून,

भले सरकार ने अनलॉक-5 में टूरिस्ट को छूट देने की बात कही हो, लेकिन दूसरे राज्यों से आने वाले टूरिस्ट की चुनौतियां कम नहीं हुई। सबसे बड़ी दिक्कत पर्यटकों को बॉर्डर पर हो रही है। जहां प्रशासन ने थर्मल स्क्रीनिंग के लिए पीआरडी जवानों की तैनाती तो की है। लेकिन, स्मार्ट सिटी के पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन में कोई ढिलाई नहीं बरती है। साफ है कि बाहर से उत्तराखंड घूमने आ रहे पर्यटकों को इससे दो-चार होना पड़ रहा है। दिलचस्प ये है कि इसके बावजूद भी टूरिस्ट रजिस्ट्रेशन को तैयार हैं। लेकिन वेब की स्पीड स्लो होने के कारण उन्हें बॉर्डर पर ही खुले आसमान के नीचे घंटों धूप में रहने को मजबूर होना पड़ा रहा है।

सख्ती की लेकिन व्यवस्था नहीं

कुछ दिनों से ढिलाई के बाद एक बार फिर से दून के बॉर्डर एरियाज में थर्मल स्क्रीनिंग व रजिस्ट्रेशन में प्रशासन ने अपनी तेजी दिखानी शुरूकर दी है। खुद फ्राइडे को एडीएम प्रशासन ने बॉर्डर इलाकों का मुआयना किया और उसके बाद थर्मल स्क्रीनिंग के लिए पीआरडी जवानों की तैनाती के आदेश दिए। सैटरडे को आशारोड़ी बॉर्डर पर नया अंदाज भी दिखा। करीब 10 पीरआरडी जवान बसों व कारों में सवार टूरिस्ट की थर्मल स्क्रीनिंग करते हुए देखे गए। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम ने भी मौका पर पहुंचकर जायजा लिया। जहां व्यवस्थाएं चाक-चौबंद दिखी। लेकिन, आने वाले टूरिस्ट की दिक्कतें गत दिनों की तुलना में ज्यादा नजर आई। बॉर्डर पर बसों व कारों की लंबी कतारें लगने के कारण जाम जैसे हालत दिखे। थर्मल स्क्रीनिंग व रजिस्ट्रेशन के लिए घंटों इंतजार करना पड़ा। यही स्थिति शुरुआत में थी, लेकिन अनलॉक-4 में ये परेशानियां कम हो गई थीं। लेकिन फिर से बॉर्डर पर पुराने हालात नजर आ रहे हैं।

टूरिस्ट को नहीं है जानकारी

पर्यटकों का कहना है कि अनलॉक-5 में पर्यटकों को छूट की बात कही जा रही है। लेकिन दून पहुंचने से पहले उनकी बॉर्डर पर थर्मल स्क्रीनिंग व रजिस्ट्रेशन को अनिवार्य किया गया है। जबकि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। न तो गवर्नमेंट की तरफ से कोई प्रचार-प्रसार किया गया है और न ही जानकारी दी गई है।

टूरिस्ट को रजिस्ट्रेशन कंपल्सरी

टूरिस्ट को रजिस्ट्रेशन अनिवार्य के नाम पर सबसे ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जानकारी के अभाव में बार्डर पर पर्यटकों से स्मार्ट सिटी के पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन मांगा जा रहा है। लेकिन रजिस्ट्रेशन करवाने के दौरान उन्हें प्रॉब्लम्स फेस करनी पड़ रही है। वेब की स्पीड स्लो व न खुलने के कारण उन्हें बॉर्डर पर ही प्राइवेट कैफे वालों की हेल्प लेनी पड़ रही है।

50 रुपए ऑन द स्पॉट खर्च

रजिस्ट्रेशन के लिए बाहर से आने वाले लोगों को रजिस्ट्रेशन के लिए बॉर्डर पर ही प्राइवेट कैफे की मदद लेनी पड़ रही है। जिन्हें 50 रुपए भुगतान करने पड़ रहे हैं। बॉर्डर पर तो एक बार फिर से प्राइवेट कैफे वालों ने अपनी सक्रियता बढ़ाते हुए तंबू गाड़ दिए हैं। जबकि कुछ दिन पहले ऐसे रजिस्ट्रेशन कराने वालों को यहां से खदेड़ दिया था। शुरुआत में पर्यटकों को एक हजार रुपए तक खर्च करने पड़े थे।

टेंप्रेचर में भी गड़बड़

बाहर से आने वाले जो टूरिस्ट एसी कार में आ रहे हैं, उनका टेंप्रेचर में गिरावट दर्ज की जा रही है। लेकिन बसों से सफर कर पहुंचने वालों के टेंप्रेचर में उछाल दिख रहा है। ऐसे में टूरिस्ट को एंटीजन टेस्ट करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।

पीआरडी जवानों को नहीं आई मशीन चलानी

आशारोड़ी चेक पोस्ट पर आने वाले सभी प्रवासी और टूरिस्ट्क की थर्मल स्क्रीनिंग जरूरी की गई है। इसके लिए पीआरडी जवानों को चेक पोस्ट पर तैनात किया गया है, लेकिन उन्हें थर्मल स्क्रीनिंग करने की ट्रेनिंग तक नहीं दी गई। शनिवार को पीआरडी जवान मशीन ऑपरेट नहीं कर पाए। वहीं फॉरेनहाइट और सेल्सियस में उन्हें अंतर नहीं पता था।

अब आईएसबीटी तक आ रही यूपी की बसें

शुरुआत में दून पहुंचने वाली बसों को आशारोड़ी बॉर्डर पर ही रोक दिया जाता था, लेकिन अब प्रशासन ने आईएसबीटी तक पहुंचने की छूट दी है। जिससे यात्रियों को राहत मिल रही है।

Posted By: Inextlive